आख़िर तक – एक नज़र में:
- दिल्ली में एलजी वीके सक्सेना ने यमुना सफाई अभियान शुरू किया।
- नदी से कचरा और गाद निकालने के लिए मशीनें लगाई गईं।
- प्रमुख नालों की सफाई पर भी ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
- सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स (एसटीपी) की निगरानी सख्त की जाएगी।
- प्रदूषण को कम करने के लिए नए एसटीपी बनाए जाएंगे।
आख़िर तक – विस्तृत समाचार:
दिल्ली में यमुना सफाई अभियान शुरू हो गया है। एलजी वीके सक्सेना के निर्देशों के बाद नदी को साफ करने के प्रयास तेज हो गए हैं। यमुना नदी को पुनर्जीवित करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी यमुना को साफ़ करने का वादा किया था। दिल्ली विधानसभा चुनावों में यमुना सफाई एक बड़ा मुद्दा था।
सफाई अभियान की शुरुआत:
दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना ने मुख्य सचिव और सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण के अतिरिक्त मुख्य सचिव के साथ बैठक की। इसके बाद रविवार को बड़े पैमाने पर सफाई अभियान शुरू किया गया। नदी से कचरा निकालने के लिए मशीनें लगाई गईं।
सफाई की रणनीति:
एलजी कार्यालय के सूत्रों के अनुसार, इस परियोजना की प्रभावशीलता सुनिश्चित करने के लिए एक चार-आयामी रणनीति बनाई गई है:
- कचरा और गाद हटाना: यमुना नदी से कचरा, गाद और अन्य प्रदूषकों को साफ़ किया जायेगा।
- प्रमुख नालों की सफाई: नजफगढ़ नाला, पूरक नाला और अन्य नालों की सफाई की जाएगी।
- एसटीपी की सख्त निगरानी: एसटीपी की कार्यप्रणाली का दैनिक मूल्यांकन किया जाएगा।
- उपचार अवसंरचना का विस्तार: लगभग 400 मिलियन गैलन प्रतिदिन (एमजीडी) सीवेज का उपचार करने के लिए नए एसटीपी बनाए जाएंगे।
एजेंसियों का समन्वय:
इस परियोजना में दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी), सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग (आई एंड एफसी), दिल्ली नगर निगम (एमसीडी), पर्यावरण विभाग, लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) और दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) सहित कई एजेंसियां मिलकर काम करेंगी। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) को यह सुनिश्चित करने के लिए औद्योगिक इकाइयों की सख्त निगरानी करने का निर्देश दिया गया है कि अनुपचारित अपशिष्ट शहर के नालों में न डाला जाए।
पहले के प्रयास:
यमुना नदी को पुनर्जीवित करने का मिशन जनवरी 2023 में शुरू हुआ था। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने एलजी सक्सेना की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति (एचएलसी) का गठन किया था। तत्कालीन आम आदमी पार्टी (आप) सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एनजीटी के निर्देशों पर रोक लगा दी थी।
प्रदूषण का स्तर:
इस कानूनी हस्तक्षेप के कारण पुनरुद्धार के प्रयास रुक गए, जिससे प्रदूषण का स्तर फिर से बढ़ गया। इस साल की शुरुआत में केमिकल ऑक्सीजन डिमांड (सीओडी) और बायोकेमिकल ऑक्सीजन डिमांड (बीओडी) जैसे महत्वपूर्ण पैरामीटर रिकॉर्ड ऊंचाई तक पहुंच गए।
आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें:
- एलजी वीके सक्सेना ने यमुना सफाई अभियान शुरू किया।
- कचरा और गाद हटाने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
- एसटीपी की निगरानी सख्त की जाएगी।
- नए एसटीपी बनाए जाएंगे।
- पहले भी यमुना को साफ़ करने के प्रयास हुए थे।
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