आख़िर तक – एक नज़र में
- उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में बयान दिया।
- योगी ने कहा कि भारत में राम, कृष्ण और बुद्ध की परंपरा रहेगी।
- उन्होंने बाबर और औरंगजेब की विरासत को मिटाने की बात कही।
- योगी ने मुस्लिम इलाकों में हिन्दू जुलूसों को रोकने पर सवाल उठाए।
- उन्होंने ‘जय श्री राम’ के नारे को आस्था का प्रतीक बताया।
आख़िर तक – विस्तृत समाचार
योगी का बयान: भारत में राम की परंपरा
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को राज्य विधानसभा में कहा कि भारत में केवल भगवान राम, कृष्ण और बुद्ध की परंपराएं रहेंगी। योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष के उस सुझाव पर प्रतिक्रिया दी जिसमें कहा गया था कि मुस्लिम बहुल इलाकों में हिन्दू रैलियां निकालने से सांप्रदायिक हिंसा भड़क सकती है। उन्होंने कहा कि बाबर और औरंगजेब की विरासतें मिट जाएंगी। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत की संस्कृति सनातन है। उन्होंने विपक्षी दलों को भी आड़े हाथों लिया।
संविधान और जुलूस का अधिकार
मुख्यमंत्री ने पूछा, “संविधान में कहां लिखा है कि मुस्लिम बहुल इलाके में हिंदू जुलूस नहीं निकाला जा सकता?” उन्होंने आगे कहा, “जब आप इसे रोकते हैं, तो हिंदू पक्ष से भी प्रतिक्रिया आती है कि हम भी इसे नहीं जाने देंगे। मुझे इन बातों पर आश्चर्य होता है कि मस्जिद के सामने जुलूस को नहीं जाने दिया जाएगा। क्या यह सड़क किसी की है? यह एक सार्वजनिक सड़क है, आप किसी को कैसे रोक सकते हैं?” योगी ने साफ किया कि हर नागरिक को धार्मिक स्वतंत्रता है।
जय श्री राम: आस्था का प्रतीक
मुख्यमंत्री ने बहराइच की एक हालिया घटना का जिक्र किया, जहां एक पारंपरिक जुलूस को रोका गया था। उन्होंने कहा, “उस पारंपरिक जुलूस को आगे ले जाने के लिए सभी इंतजाम पूरे कर लिए गए थे। लेकिन यह कहना कि भड़काऊ नारे लगाए जा रहे थे। जय श्री राम का नारा भड़काऊ नहीं है, यह हमारी भक्ति का नारा है, हमारी आस्था का प्रतीक है।” योगी ने कहा कि यह नारा उनकी संस्कृति का हिस्सा है।
अन्य धार्मिक नारों पर विचार
योगी ने आगे कहा, “कल, अगर मैं आपसे कहूं कि हमें अल्लाहू अकबर का नारा पसंद नहीं है, तो क्या आपको यह पसंद आएगा?” उन्होंने धार्मिक स्वतंत्रता का सम्मान करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि हमारी विरासत बहुत व्यापक और प्राचीन है। योगी ने कहा कि वह अपना पूरा जीवन ‘जय श्री राम’, ‘हर हर महादेव’ और ‘राधे राधे’ के नारों के साथ बिता सकते हैं। उनका कहना था कि उन्हें किसी अन्य अभिवादन की आवश्यकता नहीं है।
इतिहास और साम्प्रदायिक हिंसा
योगी ने ऐतिहासिक ग्रंथों का भी जिक्र किया और कहा कि बाबरनामा में उल्लेख है कि एक मंदिर को तोड़कर एक संरचना बनाई गई थी। उन्होंने कहा कि 1947 से संभल में 209 हिंदुओं की हत्या की गई है, लेकिन उन लोगों की आलोचना की जो केवल मुस्लिम पीड़ितों के प्रति सहानुभूति रखते थे। उन्होंने कहा, “जो लोग मगरमच्छ के आंसू बहाते हैं, उन्होंने निर्दोष हिंदुओं के बारे में एक शब्द भी नहीं कहा।” योगी ने इस मुद्दे पर अपनी राय व्यक्त की।
आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत में राम, कृष्ण और बुद्ध की परंपरा रहेगी, बाबर की नहीं। उन्होंने मुस्लिम बहुल इलाकों में हिन्दू जुलूसों को रोकने पर भी सवाल उठाए। योगी ने ‘जय श्री राम’ को आस्था का प्रतीक बताया। उन्होंने विपक्ष पर भी निशाना साधा। भारत की सांस्कृतिक पहचान पर उनकी बात महत्वपूर्ण है।
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