आखिर तक – इन शॉर्ट्स
- भारत-कनाडा के बीच चल रहे विवाद ने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव 2024 में नई चुनौती पेश की।
- जस्टिन ट्रूडो के आरोपों ने कमला हैरिस और डोनाल्ड ट्रंप के बीच विदेश नीति को लेकर अलग-अलग प्रतिक्रियाएं दीं।
- हैरिस ने शांतिपूर्ण संवाद की बात की, जबकि ट्रंप ने ‘अमेरिका फर्स्ट’ की नीति का समर्थन किया।
आखिर तक – इन डिटेल्स
भारत और कनाडा के बीच चल रहे कूटनीतिक विवाद ने अमेरिकी राजनीति में हलचल मचा दी है। प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के आरोप हैं कि भारत कनाडा की धरती पर गुप्त ऑपरेशन्स चला रहा है, जिससे विवाद और गहरा हो गया। यह मसला तब और पेचीदा हो गया जब अमेरिका में आगामी राष्ट्रपति चुनाव नजदीक है, और दोनों प्रमुख उम्मीदवार—कमला हैरिस और डोनाल्ड ट्रंप—इस विवाद को लेकर अलग-अलग रास्ते पर चल रहे हैं।
कमला हैरिस, जो खुद भारतीय मूल की हैं, इस मामले को ध्यान से संभालने की कोशिश कर रही हैं। वह शांति और संवाद का समर्थन करती हैं, जिससे वे भारतीय-अमेरिकी मतदाताओं को नाराज किए बिना इस मामले को संतुलित करना चाहती हैं। दूसरी ओर, डोनाल्ड ट्रंप अपनी “अमेरिका फर्स्ट” की नीति पर कायम रहते हुए कनाडा और उसके प्रधानमंत्री ट्रूडो पर सीधे प्रहार कर रहे हैं।
वहीं, ट्रूडो के इस विवाद को घरेलू राजनीति में राजनीतिक लाभ उठाने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। उनकी लोकप्रियता गिर रही है, और वे कनाडा की सुरक्षा और संप्रभुता की रक्षा करने का दावा करके जनता का समर्थन पाने की कोशिश कर रहे हैं। भारतीय-अमेरिकी समुदाय इस मुद्दे को अपने दृष्टिकोण से देख रहा है—कुछ मोदी की कड़ी नीतियों के समर्थन में हैं, तो कुछ लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए खड़े हैं।
ट्रंप का दृष्टिकोण स्पष्ट है: यह मुद्दा अमेरिका का नहीं है, और वह अपनी साधारण और स्पष्ट नीतियों के साथ चुनावी मैदान में उतर रहे हैं। कुल मिलाकर, इस भारत-कनाडा विवाद ने अमेरिकी चुनाव में एक नया मोड़ ला दिया है, जो संभावित रूप से 2024 के चुनाव परिणामों को प्रभावित कर सकता है।
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