भारत-चीन सीमा विवाद: राजनाथ सिंह और डोंग जून की बैठक

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भारत-चीन सीमा विवाद: राजनाथ सिंह और डोंग जून की बैठक

आखिर तक – संक्षेप में

  • रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लाओस में चीनी रक्षा मंत्री डोंग जून से मुलाकात की।
  • यह बैठक पूर्वी लद्दाख में सैन्य गतिरोध के बाद हुई है।
  • दोनों देशों की सेनाओं ने हाल ही में डेमचोक और देपसांग में सैनिकों की वापसी पूरी की।
  • दोनों पक्षों ने लगभग साढ़े तीन साल के बाद इन क्षेत्रों में गश्त फिर से शुरू की है।
  • बैठक का उद्देश्य सीमा विवाद को सुलझाने के लिए सहयोग बढ़ाना है।

आखिर तक – विस्तृत जानकारी

भारत और चीन के बीच लंबे समय से चले आ रहे सीमा विवाद के बीच, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को लाओस की राजधानी वियनतियान में अपने चीनी समकक्ष डोंग जून से द्विपक्षीय वार्ता की। यह बैठक दस राष्ट्रों के आसियान समूह और उसके कुछ संवाद भागीदारों के सम्मेलन के दौरान हुई। इससे पहले, भारत और चीन की सेनाओं ने पूर्वी लद्दाख में दो अंतिम गतिरोध बिंदुओं से सैनिकों की वापसी पूरी की थी।

“रक्षा मंत्री श्री @rajnathsingh ने लाओस में चीनी रक्षा मंत्री डोंग जून के साथ द्विपक्षीय बैठक की,” सिंह के कार्यालय ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर कहा। भारत और चीन की सेनाओं ने पिछले महीने के अंत में डेमचोक और देपसांग में सैन्य गतिरोध समाप्त करने की कवायद पूरी की थी। यह समझौता कई दौर की वार्ताओं के बाद हुआ है।

दोनों पक्षों ने लगभग साढ़े तीन साल के अंतराल के बाद इन दोनों क्षेत्रों में गश्त फिर से शुरू कर दी है। यह कदम सीमा विवाद को सुलझाने की दिशा में एक सकारात्मक पहल है। राजनाथ सिंह ने बुधवार को वियनतियान का तीन दिवसीय दौरा शुरू किया, जिसका मुख्य उद्देश्य आसियान रक्षा मंत्रियों की बैठक प्लस (ADMM-Plus) में भाग लेना था।

ADMM-Plus एक मंच है जिसमें दस राष्ट्रों का आसियान (दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्रों का संघ) और इसके आठ संवाद भागीदार – भारत, चीन, ऑस्ट्रेलिया, जापान, न्यूजीलैंड, दक्षिण कोरिया, रूस और संयुक्त राज्य अमेरिका शामिल हैं। लाओस ADMM-Plus के वर्तमान अध्यक्ष के रूप में इस बैठक की मेजबानी कर रहा है। यह बैठक क्षेत्रीय सुरक्षा और सहयोग पर केंद्रित है। राजनाथ सिंह की डोंग जून से मुलाकात इस मंच के महत्व को दर्शाती है।

यह बैठक द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने और भविष्य के सहयोग पर चर्चा करने का अवसर प्रदान करती है। हालांकि, सीमा विवाद का पूर्ण समाधान अभी बाकी है। आगे की वार्ता और कूटनीतिक प्रयासों की आवश्यकता है।

याद रखने योग्य मुख्य बातें

भारत और चीन के रक्षा मंत्रियों के बीच हुई बैठक पूर्वी लद्दाख में सीमा विवाद को सुलझाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। हालांकि, समस्या का पूर्ण समाधान अभी बाकी है। आशा है कि दोनों देशों के बीच आगे की वार्ता और सहयोग से सीमा विवाद का समाधान निकलेगा।


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आख़िर तक मुख्य संपादक
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