जनसंख्या नीति पर चंद्रबाबू नायडू का विचार

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जनसंख्या नीति पर चंद्रबाबू नायडू का विचार

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आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने जनसंख्या नीति पर बहस को आमंत्रित करते हुए कहा कि भारत को 2047 के बाद जनसांख्यिकीय लाभ के बारे में सोचना चाहिए। उन्होंने स्थानीय चुनावों में दो से अधिक बच्चों वाले लोगों को शामिल करने की बात की। यह नीति दक्षिणी राज्यों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, जो वर्तमान में जनसंख्या नियंत्रण के प्रभावों का सामना कर रहे हैं।

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आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने हाल ही में दो से अधिक बच्चों को जन्म देने को प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि भारत को 2047 के बाद जनसांख्यिकीय लाभ पर ध्यान देना चाहिए। उनके बयान के बाद, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने भी इस मुद्दे पर चिंता जताई।

नायडू ने शनिवार को वादा किया कि वे केवल उन लोगों को स्थानीय चुनावों में भाग लेने की अनुमति देंगे, जिनके पास दो से अधिक बच्चे हैं। उनकी सरकार ने इस संबंध में एक कदम उठाते हुए अगस्त में उस नियम को समाप्त कर दिया था, जो दो से अधिक बच्चों वाले लोगों को स्थानीय चुनावों में भाग लेने से रोकता था।

दक्षिणी राज्यों ने दशकों से दो बच्चों के मानक को बनाए रखा है। इसके परिणामस्वरूप, इन राज्यों का कुल प्रजनन दर (टीएफआर) 1.73 है, जो राष्ट्रीय औसत 2.1 से कम है। इस संदर्भ में, नायडू ने अन्य राज्यों की तुलना में जनसांख्यिकीय नुकसान की ओर इशारा किया।

इस बीच, एमके स्टालिन ने सुझाव दिया कि नए विवाहित जोड़े “16 बच्चों” पर विचार करें। यह एक मजेदार टिप्पणी थी, लेकिन यह दर्शाता है कि नेता इस विषय पर गंभीरता से सोच रहे हैं। नायडू ने चेतावनी दी कि भारत की जनसंख्या का संतुलन बिगड़ रहा है और यह एक बड़ी समस्या बनने जा रही है।

भारत में जनसंख्या वृद्धि की नीति 2000 से लागू है, और इसका उद्देश्य 2010 तक प्रजनन दर को स्थिर करना था। लेकिन अब देश की टीएफआर 2.1 से नीचे गिर चुकी है। यह गिरावट आने वाले समय में जनसंख्या में कमी का संकेत देती है।

एक युवा जनसंख्या भारत की कार्यबल उत्पादकता को बढ़ा सकती है, लेकिन यदि प्रजनन दर में कमी जारी रहती है, तो यह देश की आर्थिक वृद्धि को प्रभावित कर सकती है। नायडू ने कहा कि कई विकसित देशों को भी उम्रदराज़ जनसंख्या का सामना करना पड़ रहा है।

यह विचार करना आवश्यक है कि क्या भारत, जो सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश है, संसाधनों की सीमाओं के बावजूद दो बच्चों की नीति को ढील देने पर विचार कर सकता है।


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