दिल्ली में पटाखों पर प्रतिबंध पर सुप्रीम कोर्ट की सख्ती

2 Min Read
सुप्रीम कोर्ट ने AMU का अल्पसंख्यक दर्जा देने के आदेश को पलटा

आख़िर तक – संक्षेप में:

  1. सुप्रीम कोर्ट ने पटाखों के प्रतिबंध पर दिल्ली पुलिस से जवाब मांगा।
  2. प्रदूषण में बढ़ोतरी पर दिल्ली सरकार की आलोचना की गई।
  3. सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा और पंजाब से पराली जलाने की घटनाओं की जानकारी मांगी।

आख़िर तक – विस्तार से:

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में प्रदूषण के बढ़ते स्तर के मद्देनजर पटाखों के प्रतिबंध की कड़ी अनदेखी पर नाराजगी जताई। कोर्ट ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर को आदेश दिया कि वह एक सप्ताह में यह बताए कि पटाखों के प्रतिबंध को लागू करने के लिए क्या कदम उठाए गए। इसके अलावा, दिल्ली सरकार से भी यह पूछा गया कि आगामी वर्षों में प्रतिबंध के पालन के लिए क्या योजनाएं बनाई गई हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल दिवाली के बाद दिल्ली ने दुनिया के सबसे प्रदूषित शहर का दर्जा प्राप्त किया। PM2.5 का स्तर गंभीर सीमा को पार कर गया, जिससे श्वसन समस्याओं की स्थिति खतरनाक हो गई। कोर्ट ने यह भी कहा कि प्रदूषण का स्तर पिछले दो वर्षों से अधिक था। इसके साथ ही, कोर्ट ने यह पाया कि पराली जलाने की घटनाएं दिवाली के आसपास तेजी से बढ़ी हैं। इसलिए, पंजाब और हरियाणा की सरकारों को अक्टूबर के अंतिम दस दिनों में पराली जलाने की घटनाओं की जानकारी देने के लिए कहा गया।

दिल्ली सरकार को यह भी बताने का निर्देश दिया गया कि क्या इस अवधि में खेतों में आग लगने की घटनाएं हुई थीं। इन निर्देशों से यह स्पष्ट है कि सुप्रीम कोर्ट प्रदूषण पर कड़ा रुख अपना रहा है और संबंधित अधिकारियों से सख्त कदम उठाने की अपेक्षा कर रहा है।


Discover more from पाएं देश और दुनिया की ताजा खबरें

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

आख़िर तक मुख्य संपादक
Share This Article
Leave a Comment

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

Recipe Rating




Exit mobile version