आख़िर तक – एक नज़र में
- भारतीय संसद में जॉर्ज सोरोस को लेकर विवाद छिड़ा है, जिसमें BJP और कांग्रेस के बीच तीखी बहस हो रही है।
- BJP का आरोप है कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी के संग सोरोस से जुड़े संगठनों का संबंध है, जो भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप कर रहे हैं।
- कांग्रेस ने इन आरोपों को खारिज करते हुए इसे BJP की ध्यान भटकाने की रणनीति बताया।
- BJP ने सोरोस को भारत की राजनीति में विदेशी प्रभाव के रूप में चित्रित किया, जबकि कांग्रेस ने इसे राजनीति से प्रेरित आरोप कहा।
- जॉर्ज सोरोस की संस्था Open Society Foundations (OSF) पर भारत में सामाजिक और लोकतांत्रिक बदलाव के लिए काम करने का आरोप है।
आख़िर तक – विस्तृत समाचार
विवाद की शुरुआत
भारतीय संसद में आजकल भारी हंगामा हो रहा है, और इसके केंद्र में दो प्रसिद्ध नाम हैं— गौतम अदानी और जॉर्ज सोरोस। BJP का आरोप है कि सोरोस एक वैश्विक साजिश के तहत भारत की राजनीति में हस्तक्षेप कर रहे हैं, जिसमें सोनिया गांधी और राहुल गांधी जैसे नेताओं का नाम जुड़ा हुआ है। इसके साथ ही यह भी दावा किया जा रहा है कि सोरोस की संस्था, Open Society Foundations (OSF), भारत में अपनी वित्तीय सहायता से विभाजनकारी एजेंडों को बढ़ावा दे रही है।
BJP के आरोप
BJP का कहना है कि सोनिया गांधी की अध्यक्षता में काम करने वाली Forum of Democratic Leaders in the Asia-Pacific (FDL-AP) को सोरोस से समर्थन प्राप्त है। इस संगठन को लेकर BJP ने गंभीर आरोप लगाए हैं कि इसका एजेंडा भारत की एकता और संप्रभुता के खिलाफ हो सकता है। BJP के प्रवक्ता निलेश कांत दुबे ने यह भी आरोप लगाया कि सोरोस से वित्तीय मदद कांग्रेस के चुनावी अभियानों को मजबूती देती है।
कांग्रेस की प्रतिक्रिया
कांग्रेस ने BJP के आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए एकतरफा प्रचार का हिस्सा कहा है। कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने BJP की आलोचना करते हुए इसे Adani घोटाले से ध्यान हटाने की कोशिश करार दिया। कांग्रेस ने यह भी सवाल उठाया है कि अगर सरकार सोरोस को खतरा मानती है, तो क्यों नहीं इसके खिलाफ कार्रवाई की गई।
सोरोस और भारतीय राजनीति
जॉर्ज सोरोस का भारतीय राजनीति में लंबे समय से विवादित स्थान रहा है। वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार की आलोचना करते रहे हैं और 2023 में म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन में उन्होंने अदानी समूह के खिलाफ Hindenburg रिपोर्ट का उल्लेख किया था। इसके साथ ही उन्होंने मोदी सरकार के खिलाफ अपने विचार व्यक्त किए थे, जिसे BJP ने भारतीय राजनीति में बाहरी हस्तक्षेप का प्रयास बताया।
आखिरकार
भारत में जॉर्ज सोरोस का विवाद राजनीति, विदेश नीति और लोकतांत्रिक संस्थाओं के बीच पेचीदा सवालों को उजागर करता है। जबकि BJP उन्हें भारत की संप्रभुता पर खतरे के रूप में देखता है, कांग्रेस ने इसे सिर्फ एक राजनीति का हिस्सा बताया है। यह विवाद भारतीय संसद में लगातार गतिरोध का कारण बना है और यह दिखाता है कि कैसे वैश्विक हस्तक्षेप और घरेलू राजनीति एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं।
आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें
- जॉर्ज सोरोस का भारत में विवाद बढ़ते आरोपों का केंद्र बना है।
- BJP ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी पर विदेशी एजेंडा अपनाने का आरोप लगाया है।
- कांग्रेस ने इसे BJP की राजनीति से ध्यान हटाने की कोशिश कहा है।
- सोरोस की संस्था OSF का भारत में लोकतंत्र और मानवाधिकारों के लिए काम करने का आरोप है।
- भारतीय राजनीति में सोरोस के प्रभाव को लेकर दोनों प्रमुख दलों के बीच झड़प जारी है।
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