भारत-पाकिस्तान के रिश्तों पर जयशंकर का कड़ा रुख: आतंकवाद के खिलाफ सख्त संदेश

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विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने पाकिस्तान के प्रति भारत के रुख को साफ कर दिया है। उन्होंने दिल्ली में एक पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में कहा कि “बिना शर्त बातचीत” का दौर समाप्त हो चुका है। जयशंकर ने कहा, “कार्रवाई के परिणाम होते हैं,” और पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ भारत की मजबूत स्थिति को रेखांकित किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद जारी रखता है, तब तक भारत बातचीत के लिए तैयार नहीं होगा।

जयशंकर ने कहा, “पाकिस्तान के साथ बिना शर्त बातचीत का दौर खत्म हो गया है। कार्रवाई के परिणाम होते हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद यह फैसला अंतिम है, और अब ध्यान पाकिस्तान के साथ भविष्य के संबंधों पर है। उन्होंने यह भी कहा कि चाहे घटनाएं सकारात्मक हो या नकारात्मक, भारत निष्क्रिय नहीं रहेगा और प्रतिक्रिया करेगा।

भारत ने अपने रुख को स्पष्ट किया है, और जयशंकर ने दोहराया कि आतंकवाद और बातचीत एक साथ नहीं हो सकते। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान लंबे समय से सीमा पार आतंकवाद का उपयोग करके भारत को बातचीत की मेज पर लाने की कोशिश करता आ रहा है, लेकिन भारत ने इस नीति को असफल बना दिया है। “हम निष्क्रिय नहीं हैं, और हम घटनाओं की दिशा चाहे जो भी हो, प्रतिक्रिया करेंगे,” उन्होंने कहा।

जयशंकर, जो अपने दृढ़ दृष्टिकोण के लिए जाने जाते हैं, ने यह भी बताया कि पाकिस्तान में आतंकवाद उद्योग स्तर तक पहुँच चुका है और भारत ऐसे खतरों को बर्दाश्त नहीं करेगा। उन्होंने दोहराया कि भारत, पाकिस्तान के साथ संबंधों को बेहतर बनाने के लिए आतंकवाद को अनदेखा नहीं कर सकता।

विदेश मंत्री ने बांग्लादेश के साथ भारत के संबंधों पर भी चर्चा की, जहां शेख हसीना के सत्ता से हटने के बाद राजनीतिक अस्थिरता और कानून व्यवस्था की चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। जयशंकर ने कहा कि भारत अपने पड़ोसी देशों के साथ पारस्परिक हित और सहयोग की आवश्यकता पर जोर देता है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले बांग्लादेश में हिंदू और अन्य अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर चिंता व्यक्त की थी। इसके जवाब में बांग्लादेश के कार्यवाहक सरकार के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस ने मोदी को आश्वासन दिया कि अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की जाएगी और भारतीय पत्रकारों को वहां से रिपोर्ट करने का निमंत्रण दिया।

जयशंकर की टिप्पणियां इस बात पर जोर देती हैं कि भारत अपने पड़ोसियों के प्रति दृढ़ दृष्टिकोण रखता है, जिसमें पारस्परिक सम्मान, आतंकवाद पर कोई समझौता नहीं और क्षेत्रीय स्थिरता के लिए सक्रिय जुड़ाव शामिल है।

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