इज़राइल-ईरान संघर्ष: गहराया मध्य पूर्व का संकट

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इज़राइल-ईरान संघर्ष: गहराया मध्य पूर्व का संकट

आख़िर तक – एक नज़र में

  • इज़राइल ने ईरान के परमाणु और सैन्य ठिकानों पर अब तक के सबसे बड़े हवाई हमले किए हैं।
  • ईरान ने 200 से अधिक बैलिस्टिक मिसाइलों और ड्रोन से जोरदार जवाबी हमला किया।
  • बेंजामिन नेतन्याहू ने और हमलों की चेतावनी दी, जिससे मध्य पूर्व संकट गहरा गया है।
  • हमलों में कई ईरानी जनरल, परमाणु वैज्ञानिक और आम नागरिक मारे गए हैं।
  • इज़राइल-ईरान संघर्ष के कारण ईरान ने अमेरिका के साथ होने वाली परमाणु वार्ता रद्द कर दी है।

आख़िर तक – विस्तृत समाचार

मध्य पूर्व में तनाव चरम पर है। इज़राइल-ईरान संघर्ष एक खतरनाक मोड़ पर पहुंच गया है। दोनों देश एक-दूसरे पर बड़े हमले कर रहे हैं। इस तनाव ने पूरे क्षेत्र को हिंसा के एक खतरनाक चक्र में धकेल दिया है। यह मध्य पूर्व संकट अब और भी गहरा होता जा रहा है।

इज़राइल का ‘ऑपरेशन राइजिंग लायन’

इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ईरान पर हमले तेज करने की कसम खाई है। उन्होंने शनिवार को चेतावनी दी। उन्होंने कहा, “अब तक उन्होंने जो महसूस किया है, वह कुछ भी नहीं है।” यह बयान ‘ऑपरेशन राइजिंग लायन’ के बाद आया। यह इज़राइल के सबसे बड़े हवाई हमलों में से एक था।

इजरायली हमला ईरान के परमाणु और सैन्य ठिकानों पर केंद्रित था। नतांज, इस्फहान और तेहरान जैसे शहरों को निशाना बनाया गया। हमलों में 150 से अधिक ठिकाने प्रभावित हुए। रिपोर्ट्स के मुताबिक, कई ईरानी जनरल और नौ परमाणु वैज्ञानिक मारे गए। ईरानी मीडिया ने साउथ पार्स गैस फील्ड में आग लगने की भी सूचना दी।

ईरान का जवाबी हमला

इजरायली हमलों का ईरान ने तुरंत और जोरदार जवाब दिया। 24 घंटों के भीतर, ईरान का जवाबी हमला शुरू हो गया। ईरान ने इज़राइली शहरों पर 200 से अधिक बैलिस्टिक मिसाइलें और ड्रोन दागे। तेहरान ने इज़राइल पर क्षेत्र को अस्थिर करने का आरोप लगाया। इज़राइल ने दावा किया कि अमेरिकी मदद से अधिकांश मिसाइलों को रोक दिया गया। फिर भी, हमलों में तीन लोग मारे गए और दर्जनों घायल हुए।

हमलों में आम नागरिकों को भी भारी नुकसान हुआ। ईरानी टीवी के अनुसार, तेहरान में एक 14 मंजिला इमारत पर मिसाइल गिरी। इसमें 20 बच्चों सहित लगभग 60 लोग मारे गए। इज़राइल के तेल अवीव में भी क्रोएशिया के कौंसुल और उनकी पत्नी घायल हो गए।

बढ़ते तनाव पर वैश्विक प्रतिक्रिया

इस संघर्ष पर दुनिया भर से प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन ने नेतन्याहू पर क्षेत्र को आग में झोंकने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि नेतन्याहू गाजा में हो रहे “नरसंहार” से ध्यान भटकाना चाहते हैं।

शंघाई सहयोग संगठन (SCO) ने इजरायली हमलों की निंदा की। हालांकि, भारत ने इस बयान का समर्थन नहीं किया। भारत ने संयम बरतने और “संवाद और कूटनीति” का आह्वान किया।

परमाणु वार्ता रद्द और नई धमकियाँ

इज़राइल-ईरान संघर्ष का असर कूटनीति पर भी पड़ा है। ईरान ने अमेरिका के साथ होने वाली परमाणु वार्ता रद्द कर दी है। ईरान ने कहा कि इज़राइली हमलों के बीच बातचीत “अनुचित” है। वाशिंगटन की चुप्पी को ईरान ने मिलीभगत का संकेत बताया है।

ईरान ने और भी कड़ी चेतावनियाँ दी हैं। एक ईरानी सांसद ने होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद करने की संभावना जताई। यह वैश्विक तेल व्यापार के लिए एक महत्वपूर्ण मार्ग है। ईरान ने यह भी कहा कि वह उन सभी सैन्य ठिकानों को निशाना बनाएगा जो उसके मिसाइलों को रोकने में इज़राइल की मदद करते हैं। नेतन्याहू ने भी पलटवार करते हुए कहा कि इजरायली जेट जल्द ही “तेहरान के आसमान पर” दिखेंगे।


आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें

  • इज़राइल ने ईरान के परमाणु और सैन्य ठिकानों पर बड़ा इजरायली हमला किया है।
  • ईरान ने 200 से अधिक मिसाइलों और ड्रोन के साथ जोरदार जवाबी हमला किया।
  • इज़राइल-ईरान संघर्ष के कारण अमेरिका के साथ होने वाली परमाणु वार्ता रद्द हो गई है।
  • इस बढ़ते तनाव ने मध्य पूर्व संकट को और गहरा दिया है, जिससे वैश्विक चिंताएं बढ़ गई हैं।
  • दोनों पक्षों ने एक-दूसरे को और भी गंभीर परिणाम भुगतने की कड़ी चेतावनी दी है।

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