5 कम कंपटीशन वाली सरकारी नौकरी
क्या आप भी सरकारी नौकरी का सपना देखते हैं? अगर हाँ, तो आप अकेले नहीं हैं। भारत में करोड़ों युवा एक सुरक्षित और प्रतिष्ठित सरकारी नौकरी पाने के लिए दिन-रात मेहनत करते हैं। लेकिन इस गलाकाट प्रतिस्पर्धा में सफलता पाना हर किसी के लिए आसान नहीं होता। यहीं पर स्मार्ट वर्क काम आता है। आज हम आपको कुछ ऐसी कम कंपटीशन वाली सरकारी नौकरी के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन पर ज़्यादातर लोगों का ध्यान नहीं जाता। इसलिए, यहाँ चयन की संभावना काफी बढ़ जाती है।
इस लेख में, हम उन 5 गुप्त अवसरों को उजागर करेंगे जो आपके सरकारी नौकरी के सपने को हकीकत में बदल सकते हैं। ये नौकरियाँ न केवल अच्छी सैलरी देती हैं, बल्कि इनमें काम का दबाव भी कम होता है। तो चलिए, बिना किसी देरी के इस सुनहरे सफर की शुरुआत करते हैं।
सरकारी नौकरियों में इतनी ज़्यादा प्रतिस्पर्धा क्यों है?
इससे पहले कि हम उन नौकरियों की सूची देखें, यह समझना महत्वपूर्ण है कि आखिर सरकारी नौकरियों के लिए इतनी मारामारी क्यों है। इसके कुछ मुख्य कारण हैं:
- नौकरी की सुरक्षा (Job Security): सरकारी नौकरियों को सबसे सुरक्षित माना जाता है। एक बार चयन हो जाने के बाद नौकरी से निकाले जाने का डर लगभग खत्म हो जाता है।
- आकर्षक वेतन और भत्ते: सातवें वेतन आयोग के बाद सरकारी कर्मचारियों का वेतन काफी आकर्षक हो गया है। इसके अलावा, महंगाई भत्ता (DA), यात्रा भत्ता (TA), और आवास भत्ता (HRA) जैसे कई लाभ मिलते हैं।
- सामाजिक प्रतिष्ठा: समाज में सरकारी कर्मचारी को एक अलग सम्मान की नजर से देखा जाता है। इसे एक बड़ी उपलब्धि माना जाता है।
- काम और जीवन में संतुलन: निजी क्षेत्र की तुलना में सरकारी नौकरियों में काम के घंटे निश्चित होते हैं, जिससे व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन में संतुलन बनाना आसान होता है।
- रिटायरमेंट के बाद के लाभ: पेंशन और अन्य सेवानिवृत्ति लाभ भविष्य को सुरक्षित बनाते हैं।
इन्हीं कारणों से हर साल लाखों उम्मीदवार कुछ चुनिंदा लोकप्रिय पदों (जैसे SSC CGL, UPSC, Banking PO) के लिए आवेदन करते हैं, जिससे प्रतिस्पर्धा आसमान छूने लगती है।
ये हैं 5 कम कंपटीशन वाली सरकारी नौकरी
अब हम उस रहस्य से पर्दा उठाते हैं जिसका आप इंतजार कर रहे हैं। नीचे उन 5 नौकरियों की विस्तृत जानकारी दी गई है जहाँ भीड़ कम और मौके ज़्यादा हैं।
1. इंडियन पोस्ट ग्रामीण डाक सेवक (GDS)
यह सूची में सबसे ऊपर है क्योंकि यह एक शानदार अवसर है, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों के युवाओं के लिए। भारतीय डाक विभाग समय-समय पर हजारों की संख्या में ग्रामीण डाक सेवकों की भर्ती निकालता है।
परिचय
ग्रामीण डाक सेवक (GDS) के तहत मुख्य रूप से तीन पद होते हैं: ब्रांच पोस्टमास्टर (BPM), असिस्टेंट ब्रांच पोस्टमास्टर (ABPM), और डाक सेवक। इनका काम डाक बांटना, पोस्ट ऑफिस के काम संभालना और सरकारी योजनाओं को लोगों तक पहुँचाना होता है।
इसमें प्रतियोगिता कम क्यों है?
- कोई लिखित परीक्षा नहीं: GDS के चयन का आधार 10वीं कक्षा के अंकों की मेरिट होती है। इसमें कोई बड़ी लिखित परीक्षा नहीं होती, जिससे कई प्रतियोगी छात्र बाहर हो जाते हैं।
- स्थानीय भाषा का ज्ञान: उम्मीदवार को स्थानीय भाषा का ज्ञान होना अनिवार्य है। यह शर्त कई बाहरी उम्मीदवारों को आवेदन करने से रोकती है।
- ग्रामीण पोस्टिंग: ज़्यादातर पोस्टिंग ग्रामीण क्षेत्रों में होती है, जो शहरी उम्मीदवारों को कम आकर्षित करती है।
- साइकिल चलाने का ज्ञान: उम्मीदवारों को साइकिल चलाना आना चाहिए, यह भी एक छोटा फ़िल्टर है।
शैक्षणिक योग्यता और आयु सीमा
- योग्यता: किसी भी मान्यता प्राप्त बोर्ड से 10वीं पास। गणित और अंग्रेजी विषय होना अनिवार्य है।
- आयु सीमा: आमतौर पर 18 से 40 वर्ष के बीच होती है। आरक्षित वर्गों को नियमानुसार छूट मिलती है।
चयन प्रक्रिया
चयन प्रक्रिया बहुत सरल है। उम्मीदवारों द्वारा ऑनलाइन जमा किए गए आवेदनों के आधार पर, 10वीं के अंकों के प्रतिशत पर एक स्वचालित मेरिट सूची तैयार की जाती है। कोई इंटरव्यू या परीक्षा नहीं होती।
वेतन और लाभ
GDS का वेतन TRCA (Time Related Continuity Allowance) के आधार पर होता है।
- BPM के लिए: लगभग ₹12,000 से ₹29,380 प्रति माह।
- ABPM/डाक सेवक के लिए: लगभग ₹10,000 से ₹24,470 प्रति माह।
यह एक पार्ट-टाइम नौकरी मानी जाती है, जिससे आप साथ में अन्य तैयारी भी कर सकते हैं।
आवेदन कैसे करें?
भारतीय डाक की आधिकारिक वेबसाइट (indiapostgdsonline.gov.in) पर जाकर ऑनलाइन आवेदन करना होता है। जब भी भर्ती निकलती है, इस वेबसाइट पर सूचना दी जाती है।
2. फॉरेस्ट गार्ड (वनरक्षक)
अगर आपको प्रकृति से प्रेम है और आप एक सक्रिय जीवनशैली पसंद करते हैं, तो फॉरेस्ट गार्ड की नौकरी आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प हो सकती है। यह भी एक कम कंपटीशन वाली सरकारी नौकरी है।
परिचय
वनरक्षक राज्य के वन विभाग के अंतर्गत काम करते हैं। इनका मुख्य कार्य वनों, वन्यजीवों और प्राकृतिक संसाधनों की सुरक्षा करना होता है। वे अवैध कटाई, शिकार और अतिक्रमण को रोकते हैं।
इसमें प्रतियोगिता कम क्यों है?
- शारीरिक दक्षता परीक्षा (PET/PST): इस नौकरी के लिए कड़ी शारीरिक परीक्षा पास करनी होती है। इसमें लंबी दौड़, पैदल चाल, और ऊंचाई-सीने की माप शामिल है। कई उम्मीदवार जो अकादमिक रूप से मजबूत होते हैं, वे शारीरिक परीक्षा में बाहर हो जाते हैं।
- कठिन कार्यक्षेत्र: ड्यूटी अक्सर घने जंगलों और दूरदराज के इलाकों में होती है, जो हर किसी के लिए आरामदायक नहीं होता।
- राज्य-स्तरीय भर्ती: यह भर्ती राज्य-स्तर पर होती है, जिससे प्रतिस्पर्धा केवल उस राज्य के उम्मीदवारों तक सीमित हो जाती है।
शैक्षणिक योग्यता और आयु सीमा
- योग्यता: ज़्यादातर राज्यों में 12वीं पास (विज्ञान विषय को प्राथमिकता दी जा सकती है)।
- आयु सीमा: आमतौर पर 18 से 28 वर्ष के बीच होती है। राज्य के नियमों के अनुसार छूट मिलती है।
चयन प्रक्रिया
- लिखित परीक्षा: इसमें सामान्य ज्ञान, गणित, सामान्य विज्ञान और राज्य से जुड़े प्रश्न पूछे जाते हैं।
- शारीरिक मानक परीक्षण (PST): इसमें ऊंचाई, सीने की माप आदि की जाँच होती है।
- शारीरिक दक्षता परीक्षा (PET): इसमें दौड़ या लंबी पैदल चाल होती है (जैसे 4 घंटे में 25 किलोमीटर)।
- मेडिकल टेस्ट: अंतिम चरण में मेडिकल जाँच होती है।
वेतन और लाभ
फॉरेस्ट गार्ड का वेतन राज्य सरकार के वेतनमान के अनुसार होता है। शुरुआती वेतन लगभग ₹21,700 से ₹69,100 (Level-3) के बीच हो सकता है। इसके अलावा सरकारी आवास और अन्य भत्ते भी मिलते हैं।
आवेदन कैसे करें?
अपने राज्य के वन विभाग (Forest Department) या राज्य चयन आयोग (जैसे UPSSSC, UKSSSC, MPPEB) की आधिकारिक वेबसाइट पर नजर रखें।
3. सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (PSUs) में अपरेंटिसशिप
यह सीधे तौर पर स्थायी नौकरी नहीं है, लेकिन यह सरकारी क्षेत्र में प्रवेश करने का एक शानदार दरवाजा है। रेलवे, DRDO, ISRO, ONGC, BHEL जैसे बड़े संगठन समय-समय पर अपरेंटिस (प्रशिक्षु) की भर्ती निकालते हैं।
परिचय
अपरेंटिसशिप एक प्रकार का प्रशिक्षण कार्यक्रम है। इसमें आपको एक निश्चित अवधि (आमतौर पर 1-2 साल) के लिए संगठन के साथ काम करने और सीखने का मौका मिलता है।
इसमें प्रतियोगिता कम क्यों है?
- स्थायी नौकरी नहीं: चूँकि यह एक ट्रेनिंग प्रोग्राम है और स्थायी नौकरी की गारंटी नहीं देता, इसलिए बहुत से उम्मीदवार इसके लिए आवेदन नहीं करते। वे सीधे स्थायी पदों की तैयारी करते हैं।
- कम स्टाइपेंड: इसमें पूरी सैलरी की जगह एक निश्चित स्टाइपेंड (वजीफा) मिलता है, जो कई लोगों को आकर्षित नहीं करता।
- विशिष्ट योग्यता: ज़्यादातर अपरेंटिसशिप के लिए ITI या डिप्लोमा जैसी तकनीकी योग्यता की आवश्यकता होती है, जिससे सामान्य स्नातक उम्मीदवार बाहर हो जाते हैं।
शैक्षणिक योग्यता और आयु सीमा
- योग्यता: 10वीं पास के साथ संबंधित ट्रेड में ITI सर्टिफिकेट या इंजीनियरिंग में डिप्लोमा।
- आयु सीमा: आमतौर पर 15 से 24 वर्ष के बीच होती है।
चयन प्रक्रिया
चयन प्रक्रिया बहुत सरल होती है।
- मेरिट-आधारित: ज़्यादातर भर्तियाँ 10वीं और ITI/डिप्लोमा के अंकों के आधार पर होती हैं।
- कोई परीक्षा नहीं: कई मामलों में कोई लिखित परीक्षा या इंटरव्यू नहीं होता है। केवल दस्तावेज़ सत्यापन और मेडिकल टेस्ट होता है।
स्टाइपेंड और लाभ
- अपरेंटिस को सरकार के नियमों के अनुसार हर महीने एक स्टाइपेंड मिलता है, जो ₹7,000 से ₹12,000 या उससे अधिक हो सकता है।
- सबसे बड़ा लाभ: प्रशिक्षण पूरा होने के बाद, जब उसी संगठन में स्थायी भर्ती निकलती है, तो इन अपरेंटिस को अक्सर प्राथमिकता या आयु में छूट दी जाती है। यह अनुभव आपके बायोडाटा को बहुत मजबूत बनाता है।
आवेदन कैसे करें?
राष्ट्रीय शिक्षुता प्रोत्साहन योजना (NAPS) पोर्टल (apprenticeshipindia.gov.in) पर पंजीकरण करें। साथ ही, संबंधित PSU (जैसे RRC, DRDO) की वेबसाइट पर भी नजर रखें।
4. राज्य-स्तरीय आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिका
यह पद विशेष रूप से महिलाओं के लिए आरक्षित होता है और ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में स्वास्थ्य और पोषण के स्तर को सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
परिचय
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका एकीकृत बाल विकास सेवा (ICDS) योजना के तहत काम करती हैं। इनका काम 0-6 वर्ष के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं के स्वास्थ्य और पोषण का ध्यान रखना है।
इसमें प्रतियोगिता कम क्यों है?
- केवल महिलाओं के लिए: यह पद केवल महिलाओं के लिए आरक्षित है, जिससे पुरुष उम्मीदवार बाहर हो जाते हैं।
- स्थानीय निवासी की शर्त: आवेदक को उसी गाँव या वार्ड का स्थायी निवासी होना चाहिए जहाँ के लिए भर्ती निकली है। इससे प्रतिस्पर्धा बहुत ही सीमित क्षेत्र में सिमट जाती है।
- कम मानदेय: यह एक मानदेय आधारित सेवा है, पूरी सैलरी वाली नौकरी नहीं। इसलिए उच्च शिक्षा प्राप्त महिलाएँ इसमें कम रुचि लेती हैं।
- विशिष्ट सामाजिक मानदंड: कई बार विधवा, तलाकशुदा या गरीब परिवार की महिलाओं को प्राथमिकता दी जाती है।
शैक्षणिक योग्यता और आयु सीमा
- योग्यता:
- आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के लिए: आमतौर पर 10वीं या 12वीं पास।
- आंगनवाड़ी सहायिका के लिए: 5वीं या 8वीं पास।
- आयु सीमा: 18 से 45 वर्ष के बीच हो सकती है (राज्य के अनुसार बदल सकती है)।
चयन प्रक्रिया
चयन प्रक्रिया में कोई लिखित परीक्षा नहीं होती है। यह भी मेरिट के आधार पर होती है।
- शैक्षणिक योग्यता के अंकों के आधार पर मेरिट सूची बनती है।
- स्थानीय समिति द्वारा दस्तावेज़ सत्यापन और कभी-कभी एक छोटा इंटरव्यू लिया जा सकता है।
मानदेय और लाभ
- मानदेय राज्य सरकार द्वारा तय किया जाता है। यह कार्यकर्ता के लिए ₹5,000 से ₹10,000 और सहायिका के लिए ₹3,000 से ₹6,000 प्रति माह तक हो सकता है।
- इस काम से समाज सेवा का अवसर मिलता है और भविष्य में सुपरवाइजर के पद पर पदोन्नति की संभावना भी रहती है।
आवेदन कैसे करें?
अपने जिले के बाल विकास परियोजना अधिकारी (CDPO) कार्यालय या जिला कार्यक्रम अधिकारी (DPO) कार्यालय से संपर्क करें। भर्ती की सूचना स्थानीय समाचार पत्रों और कार्यालय के नोटिस बोर्ड पर दी जाती है।
5. सरकारी विभागों में संविदा पर डाटा एंट्री ऑपरेटर (DEO)
आज के डिजिटल युग में हर सरकारी विभाग को अपने रिकॉर्ड को कम्प्यूटरीकृत करने के लिए डाटा एंट्री ऑपरेटरों की आवश्यकता होती है। ये भर्तियाँ अक्सर स्थायी न होकर संविदा (Contract) पर होती हैं।
परिचय
डाटा एंट्री ऑपरेटर का काम विभिन्न प्रकार के डेटा को कंप्यूटर सिस्टम में दर्ज करना, अपडेट करना और बनाए रखना होता है। यह काम लगभग हर सरकारी कार्यालय, मंत्रालय और परियोजना में होता है।
इसमें प्रतियोगिता कम क्यों है?
- संविदा (Contractual) प्रकृति: “संविदा” शब्द सुनते ही कई उम्मीदवार पीछे हट जाते हैं क्योंकि वे स्थायी नौकरी चाहते हैं। इससे प्रतिस्पर्धा अपने आप कम हो जाती है।
- कम वेतन: स्थायी कर्मचारियों की तुलना में संविदा पर वेतन कम होता है और कई भत्ते भी नहीं मिलते।
- नौकरी की अनिश्चितता: अनुबंध समाप्त होने पर नौकरी जाने का खतरा बना रहता है।
- टाइपिंग स्पीड की आवश्यकता: अच्छी टाइपिंग स्पीड (जैसे 35 शब्द प्रति मिनट अंग्रेजी में) की आवश्यकता होती है, जो हर किसी के पास नहीं होती।
शैक्षणिक योग्यता और आयु सीमा
- योग्यता: 12वीं पास के साथ कंप्यूटर एप्लीकेशन में डिप्लोमा या सर्टिफिकेट।
- आयु सीमा: आमतौर पर 18 से 35 वर्ष।
चयन प्रक्रिया
- कौशल परीक्षा (Skill Test): सबसे महत्वपूर्ण चरण टाइपिंग टेस्ट होता है। आपकी गति और सटीकता की जाँच की जाती है।
- लिखित परीक्षा (कभी-कभी): कुछ मामलों में एक सामान्य कंप्यूटर ज्ञान और सामान्य जागरूकता पर आधारित छोटी लिखित परीक्षा हो सकती है।
- इंटरव्यू: अंतिम चरण में एक संक्षिप्त साक्षात्कार हो सकता है।
वेतन और लाभ
- वेतन राज्य या विभाग के नियमों के अनुसार तय होता है। यह ₹15,000 से ₹25,000 प्रति माह के बीच हो सकता है।
- लाभ: इस नौकरी से आपको सरकारी कार्यप्रणाली का अनुभव मिलता है। यह अनुभव भविष्य में स्थायी सरकारी या निजी नौकरियों के लिए बहुत उपयोगी साबित होता है। आप काम के साथ-साथ अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी भी कर सकते हैं।
आवेदन कैसे करें?
ये भर्तियाँ अक्सर तीसरे पक्ष की एजेंसियों (Third-party Agencies) या सीधे विभागीय वेबसाइटों के माध्यम से निकलती हैं। राष्ट्रीय करियर सेवा (NCS) पोर्टल और राज्य के रोजगार विभागों की वेबसाइटों पर नजर रखें।
इन नौकरियों को कैसे खोजें और तैयारी कैसे करें?
अब जब आप इन कम कंपटीशन वाली सरकारी नौकरी के बारे में जान गए हैं, तो सवाल उठता है कि इन्हें खोजें कहाँ और तैयारी कैसे करें?
- आधिकारिक वेबसाइटों पर नजर रखें: हमेशा संबंधित विभाग (जैसे भारतीय डाक, वन विभाग, रेलवे) की आधिकारिक वेबसाइट देखें।
- रोजगार समाचार पत्र: “Employment News” या “रोजगार समाचार” साप्ताहिक पत्र खरीदें। इसमें देश भर की सरकारी नौकरियों की विश्वसनीय जानकारी होती है।
- NCS पोर्टल: National Career Service (NCS) पोर्टल पर पंजीकरण करें।
- राज्य चयन बोर्ड: अपने राज्य के चयन आयोग (जैसे UPSSSC, HSSC, RSMSSB) की वेबसाइटों को नियमित रूप से जांचें।
- कौशल पर ध्यान दें: यदि आप DEO बनना चाहते हैं तो अपनी टाइपिंग स्पीड बढ़ाएं। यदि आप GDS के लिए लक्ष्य बना रहे हैं, तो सुनिश्चित करें कि आपके 10वीं के अंक अच्छे हों। फॉरेस्ट गार्ड के लिए शारीरिक फिटनेस पर आज से ही काम करना शुरू कर दें।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
प्रश्न 1: क्या इन कम कंपटीशन वाली नौकरियों में भविष्य सुरक्षित है?
उत्तर: GDS और फॉरेस्ट गार्ड जैसी नौकरियाँ स्थायी और सुरक्षित हैं। अपरेंटिसशिप और संविदा की नौकरियाँ आपको मूल्यवान अनुभव प्रदान करती हैं, जो आपके भविष्य के करियर के लिए एक मजबूत नींव रखती हैं और स्थायी नौकरी पाने में मदद करती हैं।
प्रश्न 2: इन नौकरियों के लिए आवेदन कब निकलते हैं?
उत्तर: इन भर्तियों का कोई निश्चित कैलेंडर नहीं होता है। ये विभाग की आवश्यकता के अनुसार निकलती हैं। इसलिए, आपको नियमित रूप से ऊपर बताई गई वेबसाइटों और पोर्टलों पर नजर रखनी होगी।
प्रश्न 3: क्या कम पढ़े-लिखे लोगों के लिए भी सरकारी नौकरी है?
उत्तर: जी हाँ। आंगनवाड़ी सहायिका (5वीं/8वीं पास) और कुछ राज्यों में फॉरेस्ट गार्ड (10वीं पास) जैसे पद कम शैक्षणिक योग्यता वाले उम्मीदवारों के लिए भी अवसर प्रदान करते हैं।
प्रश्न 4: फॉरेस्ट गार्ड के लिए फिजिकल टेस्ट की तैयारी कैसे करें?
उत्तर: रोजाना दौड़ना या तेज चलना शुरू करें। अपनी सहनशक्ति (stamina) पर काम करें। संतुलित आहार लें और नियमित व्यायाम को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं।
प्रश्न 5: क्या बिना परीक्षा के सच में सरकारी नौकरी मिलती है?
उत्तर: हाँ, यह बिल्कुल संभव है। इंडियन पोस्ट GDS और कई अपरेंटिसशिप भर्तियाँ इसका सबसे अच्छा उदाहरण हैं, जहाँ चयन केवल 10वीं या ITI के अंकों के आधार पर होता है।
निष्कर्ष
सरकारी नौकरी पाने का सपना कठिन हो सकता है, लेकिन असंभव नहीं। सफलता के लिए सिर्फ कड़ी मेहनत ही नहीं, बल्कि सही दिशा में की गई स्मार्ट मेहनत भी जरूरी है। लाखों की भीड़ का हिस्सा बनने के बजाय, उन अवसरों पर ध्यान केंद्रित करें जहाँ प्रतिस्पर्धा कम है और आपके चयन की संभावनाएँ ज़्यादा हैं।
हमने आपको 5 बेहतरीन कम कंपटीशन वाली सरकारी नौकरी के विकल्प दिए हैं। अपनी योग्यता, रुचि और शारीरिक क्षमता के अनुसार इनमें से किसी एक को चुनें और आज से ही उसकी तैयारी में जुट जाएं। याद रखें, हर बड़ा सफर एक छोटे कदम से ही शुरू होता है।
अब आपकी बारी!
आपको यह जानकारी कैसी लगी? क्या आप इनमें से किसी नौकरी के बारे में पहले से जानते थे? हमें नीचे कमेंट सेक्शन में बताएं। इस लेख को अपने उन दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ जरूर शेयर करें जो सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे हैं। शायद आपका एक शेयर किसी के करियर को सही दिशा दे दे!
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