खामेनेई: इजराइल के खिलाफ युद्ध की तैयारी में 85 वर्षीय छात्र नेता
ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई, जो 85 वर्ष के हैं, ने अपने शुक्रवार के उपदेश में इजराइल के खिलाफ सीधा युद्ध करने की इच्छा व्यक्त की। खामेनेई, जो 1979 में शाह के खिलाफ छात्र विरोध प्रदर्शनों में शामिल हुए थे, अब ईरान के मुस्लिम समुदाय के नेता के रूप में सामने आए हैं। इस दौरान उनके पास एक राइफल थी, जिससे उनकी गंभीरता और इरादे का पता चलता है।
खामेनेई का जन्म 1939 में एक साधारण परिवार में हुआ था। उनके पिता एक इस्लामी विद्वान थे और उन्होंने अपने बेटे को शिक्षा के प्रति प्रेरित किया। इस प्रकार, खामेनेई ने ईरान की धार्मिक शिक्षा और इस्लामिक जुरिसप्रूडेंस के अध्ययन में भाग लिया। उन्होंने इराक के नजाफ में उच्च शिक्षा प्राप्त की, जहां उनकी मुलाकात रूहुल्लाह खुमैनी से हुई, जो बाद में ईरान की इस्लामी क्रांति के प्रमुख नेता बने।
1979 में ईरान की इस्लामी क्रांति के बाद, खामेनेई ने खुमैनी के मार्गदर्शन में एक प्रमुख राजनीतिक नेता के रूप में उभरे। उन्होंने 1981 में ईरान के राष्ट्रपति के रूप में कार्यभार संभाला और 1989 में सर्वोच्च नेता बने। उनके कार्यकाल में, ईरान ने इजराइल के खिलाफ कई मिसाइल हमले किए हैं, जो कि खामेनी के राजनीतिक दृष्टिकोण को स्पष्ट करता है।
हाल के दिनों में, खामेनेई ने इजराइल के खिलाफ अपनी आक्रामकता को बढ़ाने का निर्णय लिया है। पहले से ही हिजबुल्लाह के नेता हसन नसरल्ला की हत्या के बाद, ईरान ने इजराइल पर 180 बैलिस्टिक मिसाइलें दागी हैं। यह खामेनेई की दृढ़ता का प्रतीक है कि वह अपने देश की रक्षा के लिए सीधे युद्ध की ओर अग्रसर हो रहे हैं।
खामेनेई ने हमेशा इजराइल और अमेरिका के खिलाफ एक मजबूत आक्रामक रुख अपनाया है। उनका मानना है कि इजराइल एक “कैंसरकारी ट्यूमर” है, जिसे क्षेत्र से समाप्त होना चाहिए। उनकी इस विचारधारा ने उन्हें ईरान की राजनीतिक पहचान बनाने में मदद की है।
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