आख़िर तक – इन शॉर्ट्स:
- नासा ने इनजेन्यूटी हेलीकॉप्टर की सफलता के बाद मंगल पर दूसरे हेलीकॉप्टर मिशन की योजना बनाई है।
- नया हेलीकॉप्टर मंगल ग्रह की गहरी वैज्ञानिक खोजों और हवाई सर्वेक्षण में सहायक होगा।
- इस मिशन से मंगल के दुर्गम क्षेत्रों की खोज में मदद मिलेगी, जहां अन्य रोवर नहीं पहुँच सकते।
आख़िर तक – इन डेप्थ:
नासा ने अपने पहले सफल मंगल हेलीकॉप्टर इनजेन्यूटी के बाद अब एक और हेलीकॉप्टर मिशन की योजना बनाई है। इनजेन्यूटी ने फरवरी 2021 में मंगल पर पहुँचकर 72 उड़ानें पूरी कीं, जिससे यह सिद्ध हुआ कि मंगल के पतले वातावरण में भी नियंत्रित उड़ान संभव है। प्रारंभ में केवल पांच उड़ानों के लिए डिज़ाइन किया गया इनजेन्यूटी ने अपने 30 दिन के परीक्षण से अधिक सफलता प्राप्त की, जिससे नासा को मंगल पर अधिक उन्नत और वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए नए हेलीकॉप्टर डिजाइन करने की प्रेरणा मिली।
इस नए मिशन में, नासा का जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी (JPL) वैज्ञानिक हेलीकॉप्टर (Mars Science Helicopter – MSH) के तहत 0.5 से 2 किलोग्राम तक वैज्ञानिक पेलोड ले जाने में सक्षम रोटरक्राफ्ट विकसित कर रहा है। JPL के इंजीनियर नए रोटर डिज़ाइनों का परीक्षण कर रहे हैं जो कार्बन फाइबर से बने होते हैं और इनजेन्यूटी के रोटर से लगभग 4 इंच बड़े होते हैं। ये रोटर मंगल के वातावरण में अनुकूल तरीके से उड़ने के लिए उच्च गति से घूम सकते हैं, जो भविष्य के मिशनों के लिए महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करेंगे।
नासा के अगले मंगल हेलीकॉप्टर का उद्देश्य न केवल मंगल की जटिल वैज्ञानिक खोज करना है, बल्कि मंगल के उन क्षेत्रों तक भी पहुँचाना है, जहाँ पर रोवर नहीं जा सकते। मंगल के इन कठिन क्षेत्रों की हवाई निगरानी से इस ग्रह की भूगर्भीय संरचना और जीवन की संभावना के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिल सकती है। इनजेन्यूटी की सफलता के बाद, नासा का यह नया हेलीकॉप्टर मिशन मंगल की हवाई खोज में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।
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