आखिर तक – इन शॉर्ट्स
- सोशल मीडिया पर एक यूजर ने मिडिल क्लास के लिए राहत की अपील की।
- वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार संवेदनशील और जिम्मेदार है।
- मिडिल क्लास टैक्स और GST के बोझ से परेशान है।
- 2024 के बजट में सैलरीड लोगों को मानक कटौती में बढ़ोतरी मिली।
- सरकार ने कहा कि वह लोगों की आवाज़ों को सुनती और समझती है।
आखिर तक – इन डेप्थ
मिडिल क्लास की चिंताओं पर सीतारमण का जवाब
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म “X” पर एक यूजर ने भारत के मिडिल क्लास की वित्तीय कठिनाइयों को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मदद की अपील की। यूजर ने लिखा, “हम आपकी मेहनत और योगदान की सराहना करते हैं। कृपया मिडिल क्लास को राहत देने पर विचार करें।”
सीतारमण ने जवाब में लिखा, “हमारी सरकार लोगों की आवाज़ सुनने और उस पर कार्रवाई करने वाली है। आपकी चिंता हमारे लिए मूल्यवान है।”
मिडिल क्लास पर टैक्स का बोझ
भारत में मिडिल क्लास आबादी का लगभग 2% हिस्सा बनता है लेकिन यह ग्रुप आयकर और GST से बड़ा योगदान देता है। 2023 के सरकारी आंकड़ों के अनुसार, केवल 2.24 करोड़ लोग आयकर भरते हैं।
2024 के बजट में, सरकार ने सैलरीड क्लास को मानक कटौती में राहत दी। नई कर व्यवस्था में इसे ₹50,000 से बढ़ाकर ₹75,000 किया गया, जिससे करदाताओं को ₹17,500 अतिरिक्त बचत हो सकती है।
सरकार की पहल और दृष्टिकोण
सरकार ने सीधे कर राजस्व में बढ़ोतरी दर्ज की, जिससे देश के कल्याणकारी कार्यक्रमों में वित्तीय सहायता मिली। निर्मला सीतारमण का यह बयान सरकार की “जन-संवेदनशील” छवि को और मजबूत करता है।
याद रखने योग्य मुख्य बिंदु
- मिडिल क्लास की समस्याओं को सरकार ने संज्ञान में लिया है।
- 2024 के बजट में मानक कटौती में वृद्धि हुई।
- सोशल मीडिया पर सरकार और जनता के बीच संवाद बढ़ा है।
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