प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में दिल्ली में मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ के घर आयोजित गणेश पूजा में शामिल होने का बचाव किया। गणेश चतुर्थी के अवसर पर पीएम मोदी ने इस कार्यक्रम पर उठी आलोचनाओं को खारिज कर दिया।
कांग्रेस और इसके “इकोसिस्टम” पर हमला करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि जिन लोगों को सत्ता की भूख है, उन्हें गणेश पूजा से समस्या है। उन्होंने कहा, “ब्रिटिश काल में भी जिन लोगों ने बांटने और राज करने की नीति अपनाई थी, उन्हें गणेश उत्सव से नफरत थी। आज भी, जो लोग समाज को बांटने और तोड़ने में व्यस्त हैं, उन्हें गणेश पूजा से समस्या है। आपने देखा होगा कि कांग्रेस और इसके इकोसिस्टम के लोग हिल गए हैं क्योंकि मैंने गणेश पूजा में भाग लिया।”
प्रधानमंत्री ने गणेश उत्सव को केवल एक धार्मिक त्योहार नहीं बल्कि स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला बताया। उन्होंने ब्रिटिश उपनिवेशी काल का संदर्भ देते हुए बताया कि गणेश उत्सव ने एकता का एक महत्वपूर्ण बिंदु प्रस्तुत किया जब ब्रिटिश समाज को तोड़ने की कोशिश कर रहे थे।
मोदी ने उस “घृणित मानसिकता” की निंदा की जो इस उत्सव का विरोध करती है, और समाज में विष फैलाने का आरोप लगाया। उन्होंने जनता से आग्रह किया कि वे ऐसे विभाजनकारी ताकतों को फलने-फूलने न दें, और कहा कि गणेश पूजा पर की गई आलोचना उनकी बड़ी मंशा को दर्शाती है कि वे देश को विभाजित करना चाहते हैं।
“जो लोग समाज को बांटने में व्यस्त हैं, उन्हें आज भी गणेश उत्सव से समस्या है,” उन्होंने टिप्पणी की।
पीएम मोदी के ये टिप्पणियां विपक्ष की आलोचनाओं के बीच आई हैं जिन्होंने उनके धार्मिक आयोजन में शामिल होने पर सवाल उठाए हैं।
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