रतन टाटा, जो टाटा संस के अध्यक्ष एमेरिटस थे, का मुंबई के एक अस्पताल में बुधवार रात 86 वर्ष की आयु में निधन हो गया। दुनिया के सबसे प्रभावशाली उद्योगपतियों में से एक माने जाने वाले रतन टाटा को उनकी सादगी, ईमानदारी और समाजसेवा के लिए याद किया जाएगा। उन्होंने 100 से अधिक देशों में 30 से अधिक कंपनियों का संचालन किया, लेकिन व्यक्तिगत जीवन में वह बेहद साधारण रहे।
रतन टाटा का जीवन और उनके विचार आज के युवा उद्यमियों के लिए प्रेरणा स्रोत हैं। उनके कई प्रसिद्ध उद्धरण और जीवन के अनुभव जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने में मदद करते हैं। यहाँ उनके कुछ अनमोल विचार दिए जा रहे हैं, जो जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं:
- “कोई भी लोहा नहीं नष्ट कर सकता, लेकिन उसका अपना जंग कर सकता है। इसी प्रकार, किसी भी व्यक्ति को उसकी अपनी सोच ही नष्ट कर सकती है।”
- “लोगों द्वारा फेंके गए पत्थरों का उपयोग करो और उससे एक स्मारक बनाओ।”
- “जीवन में उतार-चढ़ाव बहुत महत्वपूर्ण हैं क्योंकि एक सीधी रेखा, यहाँ तक कि ECG में भी, हमारे जीवित ना होने का प्रतीक है।”
- “यदि आप तेजी से चलना चाहते हैं, तो अकेले चलें। लेकिन यदि आप दूर तक जाना चाहते हैं, तो साथ चलें।”
- “नेतृत्व का मतलब प्रभारी होना नहीं है। इसका मतलब है कि आप अपने अधीनस्थों की देखभाल कर रहे हैं।”
- “सहानुभूति और दयालुता एक नेता की सबसे बड़ी ताकत होती हैं।”
- “सफलता का माप उस पद से नहीं होता जो आप धारण करते हैं, बल्कि उस प्रभाव से होता है जो आप दूसरों पर छोड़ते हैं।”
- “मैं भाग्य में विश्वास नहीं करता। मैं मेहनत और तैयारी में विश्वास करता हूँ।”
- “जिस दिन मैं अपने लिए कुछ नहीं कर पाऊँगा, उस दिन मैं अपने बैग पैक कर के चला जाऊँगा।”
रतन टाटा के ये विचार न केवल उनके जीवन के अनुभवों को प्रकट करते हैं, बल्कि जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में प्रेरणा का स्रोत बनते हैं। उनका जीवन और काम दोनों ही यह दिखाते हैं कि सच्ची सफलता वह है जो दूसरों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव डालती है।
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