आख़िर तक – एक नज़र में (In Short)
- सेंसेक्स में 1035.82 अंकों की गिरावट, निफ्टी 299.65 अंक लुढ़का।
- आईटी, ऑटो, और फार्मा सेक्टर में भारी बिकवाली हुई।
- अमेरिकी मुद्रास्फीति डेटा ने ब्याज दर कटौती को लेकर चिंता बढ़ाई।
- डॉलर मजबूत, कच्चे तेल की कीमतें अस्थिर बनी रहीं।
- विदेशी निवेशकों की बिकवाली ने बाजार पर दबाव डाला।
आख़िर तक – विस्तृत समाचार (In Depth)
1. वैश्विक कारकों का प्रभाव
अमेरिका में मुद्रास्फीति के आंकड़े उम्मीद से मजबूत आए, जिससे ब्याज दरों में कटौती को लेकर अनिश्चितता बढ़ गई। इसके कारण वैश्विक बाजारों में कमजोरी देखी गई। MSCI एशिया-पैसिफिक इंडेक्स में भी गिरावट दर्ज की गई।
2. आईटी और ऑटो सेक्टर में गिरावट
आईटी और ऑटो स्टॉक्स में सबसे ज्यादा बिकवाली हुई। टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS), पावर ग्रिड, और महिंद्रा एंड महिंद्रा (M&M) ने सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाया।
3. रुपये और कच्चे तेल की अस्थिरता
रुपया 6 पैसे गिरकर 84.46 प्रति डॉलर पर पहुंच गया। साथ ही, कच्चे तेल की कीमतों में अस्थिरता बनी हुई है।
4. विदेशी निवेशकों की बिकवाली
विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) की निरंतर बिकवाली बाजार पर दबाव डाल रही है।
आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें (Key Takeaways)
- सेंसेक्स और निफ्टी में बड़ी गिरावट के चार मुख्य कारण।
- वैश्विक बाजारों की अनिश्चितता का असर भारतीय बाजार पर पड़ा।
- प्रमुख सेक्टरों में भारी गिरावट।
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