बांग्लादेश में 101 की मौत: हसीना सरकार संकट में

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बांग्लादेश में 101 की मौत: हसीना सरकार संकट में

बांग्लादेश में हिंसा की नई लहर के कारण कम से कम 101 लोग मारे गए हैं, जिसमें कई पुलिसकर्मी भी शामिल हैं, और प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग के साथ देश भर में हिंसक प्रदर्शन जारी हैं। रविवार को ढाका सहित कई शहरों में झड़पें हुईं, जो छात्र प्रदर्शनकारियों और पुलिस तथा सत्तारूढ़ पार्टी के कार्यकर्ताओं के बीच हुईं।

हिंसा की स्थिति

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रविवार को बांग्लादेश के विभिन्न शहरों में हिंसा भड़क उठी। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस और सत्तारूढ़ पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ संघर्ष किया। सरकार ने हिंसा को नियंत्रित करने के लिए रात 6 बजे से एक राष्ट्रीय कर्फ्यू लागू कर दिया है। यह कर्फ्यू वर्तमान प्रदर्शनों के दौरान पहली बार लागू किया गया है।

बांग्लादेश में ताज़ा हिंसा: देशव्यापी कर्फ्यू लागू
बांग्लादेश में ताज़ा हिंसा देशव्यापी कर्फ्यू लागू

सरकार की प्रतिक्रिया और कर्फ्यू

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कर्फ्यू लागू करने के साथ-साथ सरकार ने उच्च गति इंटरनेट सेवाओं को भी बंद कर दिया है। भारतीय अधिकारियों ने अपने नागरिकों को सतर्क रहने और भारतीय उच्चायोग से संपर्क में रहने की सलाह दी है।

प्रदर्शन और संघर्ष

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प्रदर्शन ढाका से बाहर भी फैल गए हैं। प्रदर्शनकारियों ने प्रमुख राजमार्गों को ब्लॉक किया और पुलिस के साथ हिंसक संघर्ष किया। प्रदर्शनकारियों ने बांस की छड़ों से खुद को सुसज्जित किया और सार्वजनिक और निजी संपत्तियों पर हमले किए।

सरकार और विपक्ष के आरोप

प्रधानमंत्री शेख हसीना ने विपक्षी पार्टियों और प्रतिबंधित जमात-ए-इस्लामी पार्टी पर हिंसा को उकसाने का आरोप लगाया। उन्होंने प्रदर्शनकारियों को “आतंकवादी” बताया और आदेश बहाली के लिए मजबूत प्रतिक्रिया की अपील की है।

बांग्लादेश सेना की भूमिका

बांग्लादेश सेना ने लोगों के प्रति समर्थन व्यक्त किया है, लेकिन प्रदर्शनकारियों को स्पष्ट रूप से समर्थन नहीं किया है। सेना प्रमुख वाकर-उज़-ज़मान ने सेना के जनता और राज्य के प्रति वफादारी पर जोर दिया है। कुछ पूर्व सैनिकों ने सार्वजनिक रूप से छात्र आंदोलन का समर्थन किया है।

प्रदर्शन की पृष्ठभूमि

वर्तमान अशांति पिछले महीने शुरू हुई थी जब सरकारी नौकरियों के लिए 1971 के युद्ध के वेटरन के परिवारों के लिए आरक्षित कोटा पर विवाद उठा। सुप्रीम कोर्ट ने कोटा को 5% तक घटा दिया है, लेकिन प्रदर्शन जारी हैं और सरकार की कार्रवाई के लिए जिम्मेदारी की मांग कर रहे हैं।

बांग्लादेश में राजनीतिक संकट ने गंभीर रूप ले लिया है, और सरकार को व्यापक प्रदर्शनों और बढ़ती हिंसा के बीच महत्वपूर्ण दबाव का सामना करना पड़ रहा है। स्थिति के मद्देनजर, शेख हसीना की सरकार का भविष्य दांव पर है।


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