हनुमान जी को खुश कैसे करें: अचूक उपाय और सच्ची भक्ति
कलयुग में भगवान हनुमान को सबसे जाग्रत और शीघ्र प्रसन्न होने वाले देवता माना जाता है। वे शक्ति, बुद्धि, विद्या, और निस्वार्थ भक्ति के प्रतीक हैं। हर व्यक्ति जीवन में कभी न कभी संकटों और बाधाओं का सामना करता है। ऐसे में एक ही नाम याद आता है – ‘संकटमोचन हनुमान’। लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि हनुमान जी को खुश कैसे करें? बहुत से लोग सोचते हैं कि इसके लिए बड़े-बड़े अनुष्ठान और जटिल पूजा-पाठ की आवश्यकता होती है। जबकि सच्चाई इसके बिल्कुल विपरीत है।
बजरंगबली को प्रसन्न करना अत्यंत सरल है। वे केवल सच्ची भक्ति और निर्मल मन के भूखे हैं। यह लेख आपको सिर्फ बाहरी उपाय नहीं, बल्कि भक्ति के उस सच्चे मार्ग से भी परिचित कराएगा, जिससे आप हनुमान जी की असीम कृपा प्राप्त कर सकते हैं। हम यहाँ हनुमान जी को खुश कैसे करें, इस प्रश्न का उत्तर विस्तार से देंगे। हम उन सरल, लेकिन अचूक उपायों और मानसिक भावों पर चर्चा करेंगे, जिन्हें अपनाकर कोई भी सामान्य व्यक्ति उनका आशीर्वाद पा सकता है।
कौन हैं संकटमोचन हनुमान? एक संक्षिप्त परिचय
इससे पहले कि हम उपायों की गहराई में जाएं, यह समझना आवश्यक है कि हम किसकी आराधना कर रहे हैं। हनुमान जी भगवान शिव के 11वें रुद्र अवतार हैं। वे भगवान श्री राम के परम भक्त हैं। उनकी भक्ति ऐसी थी कि उन्होंने अपना पूरा जीवन श्री राम की सेवा में समर्पित कर दिया।
- शक्ति के स्रोत: वे अतुलित बल के स्वामी हैं।
- बुद्धि के सागर: वे ‘बुद्धिमतां वरिष्ठम्’ यानी बुद्धिमानों में सर्वश्रेष्ठ हैं।
- सेवा के प्रतीक: उनकी निस्वार्थ सेवा और समर्पण अद्वितीय है।
- संकटों के नाशक: वे अपने भक्तों के सभी संकटों को हर लेते हैं, इसीलिए उन्हें ‘संकटमोचन’ कहा जाता है।
हनुमान जी की पूजा करने का अर्थ है, उनके इन गुणों को अपने जीवन में उतारने का प्रयास करना। जब आप उनके जैसा बनने की कोशिश करते हैं, तो वे सबसे अधिक प्रसन्न होते हैं।
सच्ची भक्ति: हनुमान जी को प्रसन्न करने का मूल मंत्र
कोई भी उपाय या पूजा तब तक सफल नहीं होती, जब तक आपका मन और भाव शुद्ध न हो। हनुमान जी को बाहरी आडंबर नहीं, बल्कि आंतरिक श्रद्धा प्रिय है। सच्ची भक्ति के कुछ मूल स्तंभ हैं:

1. निस्वार्थ सेवा का भाव
हनुमान जी ने कभी भी अपने लिए कुछ नहीं मांगा। उन्होंने हमेशा दूसरों की सेवा की, विशेषकर श्री राम की। यदि आप हनुमान जी को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो अपने अंदर सेवा का भाव लाएं। जरूरतमंदों की मदद करें। माता-पिता की सेवा करें। पशु-पक्षियों के लिए भोजन-पानी की व्यवस्था करें। जब आप निस्वार्थ भाव से किसी की मदद करते हैं, तो हनुमान जी आप पर स्वतः ही प्रसन्न हो जाते हैं।
2. श्री राम नाम की महिमा
यह हनुमान जी को प्रसन्न करने का सबसे सरल और सबसे शक्तिशाली उपाय है। हनुमान जी का हृदय सदा श्री राम के नाम में बसता है। कहा जाता है, जहाँ भी रामकथा या राम नाम का कीर्तन होता है, हनुमान जी वहां किसी न किसी रूप में अवश्य उपस्थित रहते हैं।
- नियमित रूप से “श्री राम जय राम जय जय राम” मंत्र का जाप करें।
- रामचरितमानस का पाठ करें, विशेषकर सुंदरकांड का।
- अपने दिन की शुरुआत और अंत राम नाम से करें।
जब आप श्री राम की भक्ति करते हैं, तो उनके सबसे बड़े भक्त हनुमान जी की कृपा आपको अपने आप मिल जाती है।
3. मन की पवित्रता और सात्विक आचरण
हनुमान जी ब्रह्मचारी और परम सात्विक हैं। उन्हें अपवित्रता और नकारात्मकता पसंद नहीं है। इसलिए, अपनी पूजा को सफल बनाने के लिए अपने आचरण को शुद्ध रखें।
- क्रोध, लोभ, और अहंकार से बचें: ये गुण भक्ति के मार्ग में सबसे बड़ी बाधा हैं।
- सत्य बोलें और ईमानदार रहें: हनुमान जी को सच्चाई प्रिय है।
- विचारों को शुद्ध रखें: मन में किसी के प्रति द्वेष या बुरे विचार न लाएं।
- सात्विक भोजन करें: विशेषकर मंगलवार और शनिवार को तामसिक भोजन (मांस, मदिरा, प्याज, लहसुन) से परहेज करें।
जब आपका मन और शरीर शुद्ध होता है, तो आपकी प्रार्थना सीधे उन तक पहुंचती है।
हनुमान जी को खुश कैसे करें: 11 सरल और अचूक उपाय
अब हम उन व्यावहारिक उपायों पर आते हैं, जिन्हें आप अपनी दिनचर्या में शामिल कर सकते हैं। ये उपाय आपकी भक्ति को एक दिशा देंगे और आपको हनुमान जी के करीब लाएंगे।
1. हनुमान चालीसा का नियमित पाठ
यह सबसे लोकप्रिय और प्रभावी उपायों में से एक है। गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित हनुमान चालीसा में हनुमान जी के गुणों, शक्ति और कार्यों का वर्णन है। इसका नियमित पाठ करने से मन में साहस और आत्मविश्वास बढ़ता है।
- कैसे करें: सुबह स्नान के बाद या शाम को पूजा के समय, हनुमान जी की तस्वीर के सामने बैठकर इसका पाठ करें।
- लाभ: यह भय, नकारात्मक ऊर्जा और बाधाओं को दूर करता है। यह मन को शांति और एकाग्रता प्रदान करता है। हनुमान चालीसा का पाठ करना हनुमान जी की कृपा पाने का निश्चित मार्ग है।
2. मंगलवार और शनिवार का व्रत और पूजा
मंगलवार का दिन हनुमान जी का जन्मदिवस माना जाता है और शनिवार के दिन भी उनकी पूजा का विशेष महत्व है। इन दिनों में की गई पूजा का फल शीघ्र मिलता है।
- क्या करें: इन दिनों व्रत रखें। यदि व्रत न रख सकें, तो कम से कम सात्विक भोजन करें।
- पूजा विधि: शाम के समय हनुमान मंदिर जाएं या घर पर ही उनकी पूजा करें। उन्हें सिंदूर, लाल फूल, और लड्डू या गुड़-चने का भोग लगाएं।
- यह मंगलवार के उपाय में से एक बहुत ही कारगर उपाय है।
3. सिन्दूर का चोला अर्पित करना
एक कथा के अनुसार, माता सीता को सिंदूर लगाते देख हनुमान जी ने पूछा कि वह ऐसा क्यों करती हैं। माता सीता ने बताया कि यह श्री राम की लंबी आयु के लिए है। यह सुनकर हनुमान जी ने अपने पूरे शरीर पर सिंदूर लगा लिया, ताकि उनके प्रभु श्री राम अमर हो जाएं। उनकी इस भक्ति से प्रसन्न होकर श्री राम ने उन्हें वरदान दिया कि जो भी भक्त उन्हें सिंदूर चढ़ाएगा, उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होंगी।
- कैसे चढ़ाएं: मंगलवार या शनिवार को चमेली के तेल में सिंदूर मिलाकर हनुमान जी को लेप लगाएं। इसे ‘चोला चढ़ाना’ कहते हैं। यदि यह संभव न हो, तो केवल थोड़ा सा सिंदूर उनके चरणों में अर्पित करें।
4. सुंदरकांड का पाठ
रामचरितमानस का पांचवां अध्याय सुंदरकांड है। यह पूरी तरह से हनुमान जी की शक्ति, बुद्धि और भक्ति को समर्पित है। इसमें हनुमान जी द्वारा समुद्र लांघने से लेकर लंका दहन तक का वर्णन है।
- क्यों है विशेष: सुंदरकांड का पाठ करने से आत्मविश्वास में चमत्कारी रूप से वृद्धि होती है। यह असंभव कार्यों को भी संभव बनाने की प्रेरणा देता है।
- कब करें: किसी भी विशेष कार्य की सफलता के लिए या जब मन बहुत अशांत हो, तो सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए।
5. मीठा पान और तुलसी का पत्ता
हनुमान जी को मीठा पान अर्पित करना बहुत शुभ माना जाता है। कहते हैं इससे जीवन में मिठास और सफलता आती है। इसके अलावा, तुलसी भगवान विष्णु (और उनके अवतार श्री राम) को अत्यंत प्रिय है। इसलिए, हनुमान जी को भोग लगाते समय उसमें एक तुलसी का पत्ता अवश्य रखें। वे इसे पाकर अत्यंत प्रसन्न होते हैं।
6. लाल फूल और शुद्ध घी का दीपक
लाल रंग हनुमान जी को विशेष प्रिय है। पूजा करते समय उन्हें लाल फूल (जैसे गुड़हल, लाल गुलाब, या गेंदा) अर्पित करें। इसके साथ ही, उनकी मूर्ति के सामने शुद्ध देसी घी का दीपक जलाएं। घी की पवित्रता और दीपक का प्रकाश आपके जीवन से अंधकार और नकारात्मकता को दूर करता है।
7. बजरंग बाण का पाठ
जब कोई संकट बहुत बड़ा हो और कोई रास्ता न सूझ रहा हो, तब बजरंग बाण का पाठ किया जाता है। यह एक अत्यंत शक्तिशाली स्तुति है। इसका पाठ एक शपथ की तरह होता है, इसलिए इसे पूरी श्रद्धा और पवित्रता के साथ ही करना चाहिए। इसका पाठ करने से पहले संकल्प लेना आवश्यक है।
8. बंदरों और जरूरतमंदों को भोजन कराएं
हनुमान जी वानर रूप में हैं। इसलिए, बंदरों को भोजन (जैसे गुड़, चना, या केला) कराने से वे प्रसन्न होते हैं। इसके साथ ही, जैसा कि पहले बताया गया है, किसी भी भूखे या जरूरतमंद व्यक्ति को भोजन कराना भी हनुमान जी की सच्ची सेवा है।
9. श्री राम की स्तुति और कीर्तन
“राम से बड़ा राम का नाम”। यह बात हनुमान जी की भक्ति में पूरी तरह चरितार्थ होती है। हनुमान जी की पूजा के साथ-साथ श्री राम की स्तुति या उनके नाम का कीर्तन अवश्य करें। यह हनुमान जी को प्रसन्न करने का सबसे निश्चित तरीका है।
10. ब्रह्मचर्य का पालन
हनुमान जी आजन्म ब्रह्मचारी हैं। उनकी पूजा में ब्रह्मचर्य का पालन बहुत महत्व रखता है। पूजा के दिन, विशेषकर मंगलवार और शनिवार को, मन, वचन और कर्म से ब्रह्मचर्य का पालन करने का प्रयास करें। यह आपकी पूजा की शक्ति को कई गुना बढ़ा देता है।
11. हनुमान जी के मंत्रों का जाप
मंत्रों में दिव्य ऊर्जा होती है। हनुमान जी के सरल मंत्रों का जाप करने से मन एकाग्र होता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
- सरल मंत्र: “ॐ हं हनुमते नमः”
- लाभ: इस मंत्र का 108 बार (एक माला) जाप करने से भय दूर होता है और साहस बढ़ता है।
पूजा के दौरान ध्यान रखने योग्य बातें
उपायों के साथ-साथ, हनुमान जी की पूजा विधि में कुछ बातों का ध्यान रखना भी आवश्यक है।
- स्वच्छता: पूजा से पहले स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें। पूजा स्थान को भी साफ-सुथरा रखें।
- दिशा: पूजा करते समय आपका मुख पूर्व या उत्तर दिशा में होना चाहिए।
- आसन: जमीन पर सीधे न बैठें। किसी ऊनी या कुशा के आसन का प्रयोग करें।
- एकाग्रता: पूजा के दौरान अपना पूरा ध्यान हनुमान जी के स्वरूप में लगाएं। मोबाइल फोन और अन्य ध्यान भटकाने वाली चीजों से दूर रहें।
- नियमितता: किसी एक उपाय को चुनें और उसे नियमित रूप से करें। निरंतरता ही सफलता की कुंजी है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
यहां हनुमान जी की पूजा से संबंधित कुछ सामान्य प्रश्नों के उत्तर दिए गए हैं।
क्या महिलाएं हनुमान जी की पूजा कर सकती हैं?
यह एक बहुत ही आम सवाल है। जी हां, महिलाएं बिल्कुल हनुमान जी की पूजा कर सकती हैं। वे हनुमान चालीसा, सुंदरकांड का पाठ कर सकती हैं, दीपक जला सकती हैं और भोग लगा सकती हैं। केवल ब्रह्मचारी होने के कारण उन्हें सीधे स्पर्श करने या चोला चढ़ाने से बचने की सलाह दी जाती है। भक्ति में कोई लैंगिक भेदभाव नहीं है।
हनुमान जी को कौन सा भोग सबसे प्रिय है?
हनुमान जी को बूंदी या बेसन के लड्डू, गुड़-चना, और केले बहुत प्रिय हैं। सबसे महत्वपूर्ण है कि आप जो भी अर्पित करें, वह शुद्धता और प्रेम के साथ बना हो।
हनुमान चालीसा का पाठ दिन में कितनी बार करना चाहिए?
आप अपनी सुविधानुसार दिन में 1, 3, 7, 11, या 100 बार पाठ कर सकते हैं। हालांकि, हर दिन सुबह और शाम एक-एक बार पूरी श्रद्धा से किया गया पाठ भी पर्याप्त और बहुत फलदायी होता है।
अगर पूजा में कोई गलती हो जाए तो क्या करें?
भगवान भाव के भूखे होते हैं, सामग्री के नहीं। यदि पूजा में अनजाने में कोई गलती हो जाए, तो परेशान न हों। हनुमान जी से क्षमा-याचना करें। आपकी सच्ची भावना किसी भी गलती से बड़ी है।
घर में हनुमान जी की कैसी तस्वीर रखनी चाहिए?
घर में हनुमान जी की ऐसी तस्वीर रखनी चाहिए जिसमें वे शांत और भक्ति मुद्रा में हों, जैसे श्री राम की सेवा करते हुए या ध्यान में बैठे हुए। पर्वत उठाए हुए या लंका दहन करते हुए उग्र रूप की तस्वीरें घर के बजाय मंदिर के लिए अधिक उपयुक्त होती हैं।
निष्कर्ष: भक्ति का सच्चा मार्ग
अंत में, हनुमान जी को खुश कैसे करें, इसका सार यही है कि आप उनके गुणों को अपने जीवन में उतारें। केवल बाहरी पूजा-पाठ ही काफी नहीं है। जब आपके मन में निस्वार्थ सेवा, श्री राम के प्रति प्रेम, सत्यनिष्ठा, और अटूट श्रद्धा का वास होता है, तो हनुमान जी की कृपा आप पर हमेशा बनी रहती है।
वे आपके हर संकट में आपके साथ खड़े रहते हैं, एक पिता की तरह आपका मार्गदर्शन करते हैं और एक मित्र की तरह आपको संभालते हैं। ऊपर दिए गए उपाय उस भक्ति को प्रकट करने के माध्यम हैं। इन्हें अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं और अपने जीवन में चमत्कारी परिवर्तन का अनुभव करें।
अब आपकी बारी!
आप हनुमान जी की भक्ति कैसे करते हैं? क्या आपके पास कोई विशेष अनुभव है जिसे आप साझा करना चाहेंगे? नीचे कमेंट्स में हमें बताएं। यदि यह लेख आपको उपयोगी लगा, तो इसे उन लोगों के साथ अवश्य साझा करें जिन्हें इसकी आवश्यकता हो सकती है। जय बजरंगबली!
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