अडानी और अज़्योर पावर केस में US सिक्योरिटी पैनल का बड़ा कदम

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अडानी और अज़्योर पावर केस में US सिक्योरिटी पैनल का बड़ा कदम

आख़िर तक – एक नज़र में

  1. अमेरिकी SEC ने गौतम अडानी और अज़्योर पावर के पूर्व निदेशक सायरिल कबानेस के मामलों को जोड़ने की मांग की।
  2. SEC का दावा है कि दोनों मामले समान घटनाओं और लेनदेन से जुड़े हैं।
  3. सायरिल कबानेस पर US Foreign Corrupt Practices Act (FCPA) के उल्लंघन का आरोप है।
  4. SEC के कदम से अडानी ग्रुप की परियोजनाओं पर वैश्विक असर हुआ है।
  5. SEC ने अदालती सुनवाई में संबंधित सबूत पेश करने का आग्रह किया।

आख़िर तक – विस्तृत समाचार

US SEC का बड़ा कदम

अमेरिकी सिक्योरिटी और एक्सचेंज कमीशन (SEC) ने गौतम अडानी और अज़्योर पावर के पूर्व निदेशक सायरिल कबानेस के खिलाफ मामलों को जोड़ने के लिए न्यूयॉर्क अदालत में आवेदन किया है। SEC का कहना है कि दोनों मामलों में घटनाएं और लेनदेन आपस में जुड़े हुए हैं।

कबानेस पर गंभीर आरोप

सायरिल कबानेस पर FCPA (Foreign Corrupt Practices Act) का उल्लंघन करने का आरोप है। SEC का दावा है कि कबानेस ने अवैध तरीके से विदेशी लेनदेन किए, जिससे अडानी ग्रुप के साथ उनके संपर्क पर भी सवाल खड़े हुए हैं।

अडानी के खिलाफ आरोप

हालांकि गौतम अडानी और उनके भतीजे सागर अडानी को FCPA उल्लंघन का आरोपी नहीं बनाया गया है, SEC का मामलों को जोड़ने का अनुरोध उनकी कानूनी स्थिति को प्रभावित कर सकता है। SEC ने अदालत को कहा कि दोनों मामलों को साथ सुनने से मामलों को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलेगी।

आर्थिक और राजनीतिक असर

अडानी ग्रुप को इससे भारी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ा। अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयरों की बाजार पूंजी में करीब 34 अरब डॉलर की कमी हुई। हालांकि, अब यह कुछ हद तक संभल गए हैं।

अन्य देशों की प्रतिक्रिया

  • भारत: आंध्र प्रदेश सरकार ने अडानी ग्रुप की बिजली परियोजना की समीक्षा शुरू की है।
  • केन्या: दो इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स को रद्द कर दिया गया।
  • फ्रांस: टोटल एनर्जी ने अडानी के नए निवेशों पर रोक लगा दी।

वैश्विक जांच का दबाव

SEC के इस कदम के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जांच का दायरा बढ़ गया है। अमेरिकी इंटरनेशनल डेवलपमेंट फाइनेंस कॉर्पोरेशन (DFC) ने श्रीलंका में अडानी के पोर्ट प्रोजेक्ट को दी जाने वाली 550 मिलियन डॉलर की वित्तीय मदद की समीक्षा शुरू कर दी है।


आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें

  1. SEC ने अडानी और कबानेस के मामलों को एक साथ सुनने का आग्रह किया है।
  2. SEC का मानना है कि इससे तथ्यों को बेहतर ढंग से समझा जा सकेगा।
  3. FCPA उल्लंघन के आरोपों ने अडानी ग्रुप पर वैश्विक प्रभाव डाला है।
  4. कई देशों ने अडानी ग्रुप के प्रोजेक्ट्स पर पुनर्विचार शुरू कर दिया है।
  5. SEC के कदम से अडानी की परियोजनाओं पर अनिश्चितता बढ़ गई है।

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आख़िर तक मुख्य संपादक
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