बदवेल-नेल्लोर हाईवे: आंध्र प्रदेश में नई कनेक्टिविटी

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बदवेल-नेल्लोर हाईवे: आंध्र प्रदेश में नई कनेक्टिविटी

आख़िर तक – एक नज़र में

  • कैबिनेट ने आंध्र प्रदेश में 4-लेन बदवेल-नेल्लोर हाईवे को मंजूरी दी है।
  • यह 108.134 किमी लंबा कॉरिडोर डीबीएफओटी मोड पर ₹3653.10 करोड़ की लागत से बनेगा।
  • हाईवे तीन प्रमुख औद्योगिक गलियारों और कृष्णापट्टनम पोर्ट को बेहतर कनेक्टिविटी देगा।
  • इससे कृष्णापट्टनम पोर्ट की यात्रा दूरी 33.9 किमी कम होगी और समय एक घंटा बचेगा।
  • परियोजना से लाखों मानव-दिवस रोजगार सृजित होंगे और आर्थिक विकास को गति मिलेगी।

आख़िर तक – विस्तृत समाचार

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। समिति ने आंध्र प्रदेश राज्य में बदवेल-नेल्लोर हाईवे के निर्माण को अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी है। यह एक 4-लेन का कॉरिडोर होगा जो राज्य के बुनियादी ढांचे को मजबूत करेगा। इस परियोजना से क्षेत्र में आर्थिक विकास की नई संभावनाएं खुलेंगी।

परियोजना का विवरण और लागत
प्रस्तावित बदवेल-नेल्लोर हाईवे की कुल लंबाई 108.134 किलोमीटर होगी। इसके निर्माण पर कुल ₹3653.10 करोड़ की पूंजीगत लागत अनुमानित है। यह महत्वपूर्ण परियोजना डिज़ाइन-बिल्ड-फाइनेंस-ऑपरेट-ट्रांसफर (डीबीएफओटी) मोड पर विकसित की जाएगी। यह राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच-67 पर बदवेल के निकट गोपावरम गांव से शुरू होगा। इसका समापन एसपीएसआर नेल्लोर जिले में एनएच-16 (चेन्नई-कोलकाता) पर गुरुविंदपुडी में होगा। यह परियोजना आंध्र प्रदेश के वाईएसआर कड़पा और एसपीएसआर नेल्लोर जिलों से होकर गुजरेगी।

औद्योगिक गलियारों से कनेक्टिविटी
स्वीकृत बदवेल-नेल्लोर हाईवे आंध्र प्रदेश के तीन महत्वपूर्ण औद्योगिक गलियारों के प्रमुख नोड्स को कनेक्टिविटी प्रदान करेगा। इसमें विशाखापत्तनम-चेन्नई औद्योगिक गलियारा (वीसीआईसी) का कोप्पर्थी नोड शामिल है। इसके अतिरिक्त, हैदराबाद-बेंगलुरु औद्योगिक गलियारा (एचबीआईसी) का ओर्वाकल नोड भी इससे जुड़ेगा। साथ ही, चेन्नई-बेंगलुरु औद्योगिक गलियारा (सीबीआईसी) के कृष्णापट्टनम नोड को भी इस हाईवे से लाभ मिलेगा। इस बेहतर संपर्क का देश के लॉजिस्टिक परफॉर्मेंस इंडेक्स (एलपीआई) पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। यह कॉरिडोर कृष्णापट्टनम पोर्ट को रणनीतिक कनेक्टिविटी भी प्रदान करेगा। गौरतलब है कि कृष्णापट्टनम पोर्ट को सीबीआईसी के तहत एक प्राथमिकता वाले नोड के रूप में पहचाना गया है।

यात्रा में सुगमता और अन्य लाभ
यह प्रस्तावित बदवेल-नेल्लोर हाईवे कृष्णापट्टनम बंदरगाह तक की यात्रा दूरी को उल्लेखनीय रूप से कम कर देगा। मौजूदा बदवेल-नेल्लोर सड़क की तुलना में, यात्रा दूरी 142 किलोमीटर से घटकर 108.13 किलोमीटर रह जाएगी। इस प्रकार, यात्रा दूरी में कुल 33.9 किलोमीटर की कमी आएगी। इसके परिणामस्वरूप यात्रा के समय में भी लगभग एक घंटे की बचत होगी। ईंधन की खपत में कमी से कार्बन फुटप्रिंट भी घटेगा। साथ ही, वाहन संचालन लागत (वीओसी) में भी पर्याप्त कमी आएगी, जिससे परिवहन सस्ता और कुशल होगा।

रोजगार सृजन और आर्थिक गतिविधियाँ
यह 108.134 किलोमीटर लंबी बदवेल-नेल्लोर हाईवे परियोजना बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर भी पैदा करेगी। अनुमान है कि इससे लगभग 20 लाख मानव-दिवस का प्रत्यक्ष रोजगार सृजित होगा। इसके अलावा, लगभग 23 लाख मानव-दिवस का अप्रत्यक्ष रोजगार भी उत्पन्न होगा। परियोजना के निर्माण और संचालन से प्रस्तावित कॉरिडोर के आसपास आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि होगी। इसके परिणामस्वरूप अतिरिक्त रोजगार के अवसर भी उत्पन्न होंगे, जो स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करेंगे। यह विकास परियोजना क्षेत्र की समृद्धि में सहायक होगी। परियोजना के संरेखण और सूचकांक मानचित्र का विवरण अनुलग्नक-I के रूप में संलग्न है।


आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें

  • कैबिनेट ने आंध्र प्रदेश में बदवेल-नेल्लोर हाईवे के 4-लेन निर्माण को मंजूरी दी।
  • यह 108.134 किमी लंबा हाईवे डीबीएफओटी मोड पर बनेगा; लागत ₹3653.10 करोड़ है।
  • यह एनएच-67 (गोपावरम) को एनएच-16 (गुरुविंदपुडी) से जोड़ेगा, औद्योगिक गलियारों को लाभ देगा।
  • कृष्णापट्टनम पोर्ट की दूरी 33.9 किमी कम होगी, यात्रा समय 1 घंटा घटेगा।
  • परियोजना से 20 लाख प्रत्यक्ष और 23 लाख अप्रत्यक्ष मानव-दिवस रोजगार सृजित होंगे।

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