भारतीय हवाई क्षेत्र प्रतिबंध: पाक उड़ानों पर 23 जून तक रोक

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रक्षा हवाईअड्डे: विमान खिड़की शेड बंद रखने का डीजीसीए निर्देश

आख़िर तक – एक नज़र में

  • भारत ने पाकिस्तानी उड़ानों पर भारतीय हवाई क्षेत्र प्रतिबंध को 23 जून तक बढ़ा दिया है।
  • यह निर्णय पिछले महीने के पहलगम आतंकी हमले के बाद बढ़े भारत-पाकिस्तान तनाव के कारण लिया गया।
  • भारतीय NOTAM नागरिक उड्डयन मंत्रालय के निर्देशों के बाद जारी किया गया।
  • पाकिस्तान ने भी भारतीय विमानों के लिए अपने हवाई क्षेत्र को 24 जून तक बंद कर दिया है।
  • यह कदम ऑपरेशन सिंदूर और सिंधु जल संधि के निलंबन जैसी घटनाओं की पृष्ठभूमि में आया है।

आख़िर तक – विस्तृत समाचार

भारत ने पाकिस्तानी उड़ानों और सैन्य विमानों के लिए अपने हवाई क्षेत्र पर लगे प्रतिबंध को एक महीने के लिए और बढ़ा दिया है। अब यह भारतीय हवाई क्षेत्र प्रतिबंध 23 जून तक लागू रहेगा। यह फैसला पिछले महीने हुए पहलगम आतंकी हमले, जिसमें 26 नागरिक मारे गए थे, के बाद दोनों देशों के बीच व्याप्त तनाव के मद्देनजर लिया गया है। यह कदम भारत की कठोर प्रतिक्रिया का हिस्सा है।

भारतीय NOTAM और इसका प्रभाव

शुक्रवार को नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा जारी निर्देशों के बाद भारतीय NOTAM (नोटिस टू एयरमेन/एयर मिशन्स) जारी किया गया। इस कदम के अनुसार, पाकिस्तानी एयरलाइनों द्वारा पट्टे पर लिए गए, स्वामित्व वाले या संचालित विमान, जिसमें सैन्य विमान भी शामिल हैं, को भारतीय हवाई क्षेत्र में प्रवेश करने से रोक दिया जाएगा। यह भारतीय हवाई क्षेत्र प्रतिबंध दोनों देशों के बीच हवाई संपर्क को गंभीर रूप से प्रभावित करेगा।

पाकिस्तान की जवाबी कार्रवाई

यह घटनाक्रम पाकिस्तान द्वारा सभी भारतीय-पंजीकृत या भारतीय-संचालित विमानों के लिए अपने हवाई क्षेत्र को एक महीने के लिए, 24 जून की सुबह तक बंद करने के कुछ ही घंटों बाद आया। पाकिस्तान एयरपोर्ट्स अथॉरिटी ने जारी एक बयान में इस विस्तार की पुष्टि की। पाकिस्तान ने पहली बार 23 अप्रैल को भारतीय उड़ानों के लिए अपना हवाई क्षेत्र बंद कर दिया था। यह लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े आतंकवादियों द्वारा किए गए नृशंस हमले के एक दिन बाद हुआ था।

यह प्रतिबंध शुरू में केवल एक महीने के लिए लगाया गया था, क्योंकि अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (ICAO) के नियमों के अनुसार हवाई क्षेत्र पर प्रतिबंध एक बार में एक महीने से अधिक समय तक नहीं लगाया जा सकता है। एक हफ्ते बाद, भारत ने इस कदम का जवाब देते हुए एक NOTAM जारी किया। इसमें वाणिज्यिक एयरलाइनों और सैन्य विमानों सहित पाकिस्तान द्वारा पंजीकृत, संचालित या पट्टे पर लिए गए सभी विमानों के लिए अपने हवाई क्षेत्र को प्रतिबंधित कर दिया गया।

बढ़ते तनाव की पृष्ठभूमि

यह नवीनतम घटनाक्रम 7 मई को पाकिस्तान के आतंकी बुनियादी ढांचे पर भारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर‘ सटीक हमलों के बाद दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव के बीच आया है। भारत द्वारा सैन्य जवाबी कार्रवाई 22 अप्रैल को पहलगम की बैसरन घाटी में हुए हमले के जवाब में थी। यह भारत-पाकिस्तान तनाव कई मोर्चों पर दिखाई दे रहा है।

अपना हवाई क्षेत्र बंद करने से पहले, भारत ने सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया था। इसके पुनरुद्धार को पाकिस्तान द्वारा सीमा पार आतंकवाद के लिए समर्थन समाप्त करने पर सशर्त बना दिया गया था।

अन्य कूटनीतिक कदम

भारत ने अटारी-वाघा सीमा पर इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट को भी बंद कर दिया। अधिकारियों ने वैध दस्तावेजों के साथ भारत में प्रवेश करने वाले पाकिस्तानी नागरिकों के लिए बाहर निकलने की समय सीमा तय की। इसके अलावा, पाकिस्तानी नागरिकों को जारी किए गए सभी वीजा रद्द कर दिए गए हैं। सार्क वीजा छूट योजना के तहत यात्रा की अनुमति अब पाकिस्तानियों के लिए नहीं है।

एक दिन बाद, पाकिस्तान ने कई जवाबी उपायों की घोषणा की। इसमें वाघा सीमा को बंद करना और भारतीय नागरिकों के लिए सभी सार्क वीजा को निलंबित करना शामिल था। शिमला समझौते का आह्वान करते हुए, पाकिस्तान ने कहा कि वह भारत के साथ सभी द्विपक्षीय समझौतों को तब तक स्थगित रखेगा जब तक नई दिल्ली “अंतर्राष्ट्रीय कानून और कश्मीर पर संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों” का पालन न करने से बाज नहीं आती। भारतीय हवाई क्षेत्र प्रतिबंध इन व्यापक कूटनीतिक और सुरक्षा उपायों का एक हिस्सा है।


आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें

  • भारत ने पहलगम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तानी उड़ानों और सैन्य विमानों पर भारतीय हवाई क्षेत्र प्रतिबंध 23 जून तक बढ़ाया।
  • यह निर्णय नागरिक उड्डयन मंत्रालय के NOTAM के माध्यम से लागू किया गया, जो भारत-पाकिस्तान तनाव को दर्शाता है।
  • पाकिस्तान ने भी भारतीय विमानों के लिए अपने हवाई क्षेत्र को 24 जून तक बंद कर दिया है, जो जवाबी कार्रवाई का हिस्सा है।
  • ये प्रतिबंध ऑपरेशन सिंदूर और सिंधु जल संधि के निलंबन जैसे हालिया घटनाक्रमों की पृष्ठभूमि में हैं।
  • दोनों देशों द्वारा उठाए गए कड़े कदम क्षेत्रीय स्थिरता और द्विपक्षीय संबंधों के लिए महत्वपूर्ण निहितार्थ रखते हैं।

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