कांग्रेस ने पीएम मोदी पर अनुराग ठाकुर के जाति टिप्पणी का समर्थन करने का आरोप लगाया

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कांग्रेस ने पीएम मोदी पर अनुराग ठाकुर के जाति टिप्पणी का समर्थन करने का आरोप लगाया

कांग्रेस ने पीएम मोदी पर भाजपा सांसद की विवादित टिप्पणियों का समर्थन करने का आरोप लगाया

एक संसदीय मोड़ पर, कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ विशेषाधिकार प्रस्ताव दायर किया है। यह कदम भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर की विवादित जाति टिप्पणियों के समर्थन पर उठाया गया है, जिन्हें लोकसभा के आधिकारिक रिकॉर्ड से हटा दिया गया था।

कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ विशेषाधिकार प्रस्ताव दायर किया हैकांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ विशेषाधिकार प्रस्ताव दायर किया है
कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ विशेषाधिकार प्रस्ताव दायर किया है छवि स्रोत इंडिया टुडे

विवाद के मुख्य बिंदु

मंगलवार को, कांग्रेस सांसद चरणजीत सिंह चन्नी ने पीएम मोदी पर आरोप लगाया कि उन्होंने अपनी स्थिति का दुरुपयोग किया है। चन्नी की शिकायत में कहा गया है कि अनुराग ठाकुर की स्पीच में कई आपत्तिजनक बयान थे, जिन्हें लोकसभा के अध्यक्ष द्वारा बाद में हटा दिया गया।

इन टिप्पणियों को हटाए जाने के बावजूद, प्रधानमंत्री मोदी ने X (पूर्व में ट्विटर) पर ठाकुर की पूरी स्पीच साझा की। मोदी ने इसे “सुनने के योग्य” बताते हुए “तथ्यों और हास्य का आदर्श मिश्रण” करार दिया, जिसका उद्देश्य INDI गठबंधन की कथित गंदे राजनीति को उजागर करना था।

कांग्रेस की प्रतिक्रिया और संसदीय बहस

लोकसभा सत्र के दौरान, पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने जाति पर टिप्पणियां कीं बिना किसी विशेष व्यक्ति का नाम लिए। उन्होंने जाति जनगणना के पीछे की मंशा पर सवाल उठाया।

कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने तीखा जवाब दिया। गांधी ने कहा कि व्यक्तिगत अपमान सहन किया जा सकता है, लेकिन जाति जनगणना विधेयक को पारित करना कांग्रेस की प्राथमिकता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि पार्टी इस विधेयक को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है, भले ही ठाकुर की टिप्पणी ने विवाद खड़ा किया हो।

राजनीतिक प्रभाव और अगले कदम

यह विवाद भाजपा और कांग्रेस के बीच तनाव को बढ़ा चुका है। विशेषाधिकार प्रस्ताव दायर होने के साथ, प्रधानमंत्री की कार्रवाइयों और संसदीय शिष्टाचार पर इसके प्रभाव की गहन जांच की जाएगी। यह प्रस्ताव भारतीय राजनीति में जाति मुद्दों और विधायी प्राथमिकताओं को लेकर बढ़ते असंतोष को दर्शाता है।

कांग्रेस का कदम प्रधानमंत्री को जवाबदेह ठहराने और भाजपा के जाति मुद्दों पर रुख को चुनौती देने की दिशा में है। जैसे-जैसे स्थिति विकसित होगी, यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि यह टकराव विधायी प्रक्रियाओं और राजनीतिक परिदृश्य पर कैसा प्रभाव डालता है।


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