इस्राइल और हिज़बुल्लाह के बीच संघर्ष एक बार फिर से तेज़ हो गया है, जब इस्राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने घोषणा की कि वे लेबनान पर “पूरी ताकत” से हमले जारी रखेंगे। नेतन्याहू का यह बयान हिज़बुल्लाह के वरिष्ठ कमांडर मोहम्मद हुसैन सुरूर की बेरूत में हुई मौत के बाद आया है।
नेतन्याहू ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में बोलते हुए कहा, “हम हिज़बुल्लाह पर पूरी ताकत से हमले जारी रखेंगे और तब तक नहीं रुकेंगे जब तक हमारे सारे लक्ष्य पूरे नहीं हो जाते। हमारा सबसे मुख्य लक्ष्य उत्तर के निवासियों की सुरक्षित घर वापसी है।”
इस बयान से अमेरिका और यूरोप द्वारा प्रस्तावित 21-दिन के युद्धविराम की उम्मीदों पर पानी फिर गया है। अमेरिकी मिडिल ईस्ट के विशेष दूत ब्रेट मैकगर्क और अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने इस प्रस्ताव पर बातचीत की है, लेकिन नेतन्याहू की कड़ी प्रतिक्रिया के चलते इसमें बाधा आई है।
लेबनानी विदेश मंत्री अब्दल्ला बौ हबीब ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में तत्काल युद्धविराम की अपील की और चेतावनी दी कि “स्थिति लेबनान के अस्तित्व के लिए खतरा बन गई है।”
गुरुवार को इस्राइल ने बेरूत में एक सटीक हमले में हिज़बुल्लाह के ड्रोन कमांडर मोहम्मद हुसैन सुरूर को मार दिया। इस हमले में दो लोग मारे गए और 15 अन्य घायल हो गए, जिनमें कई नागरिक शामिल हैं।
हिज़बुल्लाह ने इस्राइल पर गुरुवार को 45 से अधिक रॉकेट दागे, लेकिन सभी रॉकेट या तो रोके गए या निर्जन क्षेत्रों में गिरे।
इस्राइल के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने लंदन में एक बयान में कहा कि “इस क्षेत्र में पूरी तरह से युद्ध का खतरा मंडरा रहा है,” लेकिन उन्होंने कूटनीतिक समाधान की संभावना जताई।
इस संघर्ष में लगभग 700 लोग लेबनान में मारे गए हैं और 90,000 से अधिक लोग विस्थापित हो गए हैं।
इस्राइली सेना ने हिज़बुल्लाह की सैन्य सुविधाओं, गोला-बारूद भंडार और मिसाइल लॉन्च साइट्स पर हवाई हमले जारी रखे हैं। हिज़बुल्लाह ने भी “बिना सीमाओं की लड़ाई” जारी रखने की शपथ ली है।
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