आख़िर तक – एक नज़र में
- भारत और चीन ने हालिया सीमा समझौते की पुष्टि की है।
- यह समझौता 2020 में उत्पन्न मुद्दों के समाधान पर आधारित है।
- दोनों देशों की सेनाएं पूर्वी लद्दाख से पीछे हटीं।
- दिल्ली में 32वीं WMCC बैठक आयोजित हुई।
- BRICS सम्मेलन के बाद दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय वार्ता की।
आख़िर तक – विस्तृत समाचार
भारत-चीन के बीच समझौते की स्थिति
भारत और चीन ने सीमा विवाद को सुलझाने के लिए हाल ही में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया। दोनों देशों ने पुष्टि की है कि वे एलएसी पर तनाव कम करने के लिए किए गए समझौते का पालन कर रहे हैं।
पृष्ठभूमि और समझौते का महत्व
यह समझौता 2020 के गलवान संघर्ष के बाद सामने आया। अक्टूबर 2023 में दोनों सेनाओं ने पूर्वी लद्दाख के देपसांग और डेपसांग क्षेत्रों से पीछे हटने की प्रक्रिया शुरू की।
बैठकों का सिलसिला और भविष्य की योजनाएं
दिल्ली में 32वीं WMCC बैठक में दोनों पक्षों ने सीमा प्रबंधन पर सहमति जताई। विशेष प्रतिनिधियों की अगली बैठक की योजना भी तैयार की गई।
कज़ान में मोदी-जिनपिंग की बैठक
BRICS सम्मेलन के दौरान, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने पांच साल बाद द्विपक्षीय वार्ता की।
आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें
- सीमा समझौते के पालन की पुष्टि
- गलवान संघर्ष के बाद की प्रगति
- दोनों देशों की बैठकें और सहमतियां
- BRICS बैठक में दोनों नेताओं की वार्ता
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