ईरान-इज़राइल युद्धविराम: ट्रम्प का दावा, तेहरान का इनकार

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ईरान-इज़राइल युद्धविराम: ट्रम्प का दावा, तेहरान का इनकार

आख़िर तक – एक नज़र में

  • डोनाल्ड ट्रम्प ने 12 दिनों से चल रहे ईरान-इज़राइल संघर्ष को समाप्त करने वाले युद्धविराम का ऐलान किया।
  • ईरान ने शुरुआत में ईरान-इज़राइल युद्धविराम के किसी भी समझौते से साफ इनकार कर दिया।
  • कुछ ही देर बाद, ईरानी विदेश मंत्री ने सैन्य अभियानों को रोकने का संकेत देकर भ्रम पैदा कर दिया।
  • ट्रम्प के ऐलान के बाद भी इज़राइल पर ईरानी मिसाइल हमलों की खबरें आईं, जिससे मध्य पूर्व में तनाव बढ़ गया।
  • अमेरिका द्वारा युद्धविराम की मध्यस्थता के प्रयासों के बावजूद स्थिति अस्थिर और विरोधाभासी बनी हुई है।

आख़िर तक – विस्तृत समाचार

ईरान-इज़राइल युद्धविराम को लेकर भारी भ्रम की स्थिति बन गई है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक पूर्ण युद्धविराम का दावा किया। वहीं, ईरान ने पहले इसका खंडन किया। बाद में उसने संघर्ष रोकने के संकेत भी दिए। यह घटनाक्रम 12 दिनों से चल रहे ईरान-इज़राइल संघर्ष में एक नया मोड़ है। इन विरोधाभासी बयानों के बीच ज़मीनी हकीकत तनावपूर्ण बनी हुई है।

ट्रम्प का चौंकाने वाला ऐलान

मंगलवार तड़के डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ सोशल’ पर एक बड़ा ऐलान किया। उन्होंने कहा कि ईरान और इज़राइल एक “पूर्ण और समग्र युद्धविराम” पर सहमत हो गए हैं। यह घोषणा उनके द्वारा ईरान के भूमिगत परमाणु ठिकानों पर हमले के आदेश के 48 घंटे बाद आई।

ट्रम्प ने बताया कि युद्धविराम भारतीय समयानुसार सुबह 9:30 बजे शुरू होगा। यह दोनों देशों के ‘अंतिम मिशन’ पूरा करने के बाद लागू होगा। हालांकि, उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि ये ‘अंतिम मिशन’ क्या थे। उनकी योजना के अनुसार, पहले ईरान युद्धविराम शुरू करेगा। इसके 12 घंटे बाद इज़राइल भी ऐसा ही करेगा।

ईरान का इनकार और फिर यू-टर्न

ट्रम्प के दावे के तुरंत बाद ईरान ने इसका खंडन कर दिया। तेहरान ने कहा कि ऐसा कोई समझौता नहीं हुआ है। इससे मध्य पूर्व में तनाव और बढ़ गया। लेकिन कुछ ही देर बाद ईरान ने अपना रुख बदल लिया। ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने एक गुप्त पोस्ट में संघर्ष विराम का संकेत दिया।

अराघची ने कहा, “हमारे सशस्त्र बलों के सैन्य अभियान आखिरी मिनट तक जारी रहे। हम अपने बहादुर सशस्त्र बलों को धन्यवाद देते हैं।” इससे पहले, उन्होंने कहा था कि अगर इज़राइल अपनी “अवैध आक्रामकता” बंद कर दे, तो ईरान को संघर्ष में कोई दिलचस्पी नहीं है। उन्होंने सुबह 4 बजे की समय सीमा भी रखी थी।

ट्रम्प ने की दोनों देशों की प्रशंसा

अमेरिकी राष्ट्रपति ने दोनों देशों की प्रशंसा की। उन्होंने युद्ध रोकने के लिए उनके “साहस और बुद्धिमत्ता” की सराहना की। ट्रम्प ने कहा, “यह युद्ध वर्षों तक चल सकता था। यह पूरे मध्य पूर्व को नष्ट कर सकता था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ!” उन्होंने अपने संदेश का अंत “गॉड ब्लेस अमेरिका” और “गॉड ब्लेस द वर्ल्ड” के साथ किया।

समझौते के बावजूद हमले जारी

इन सभी घटनाक्रमों के बीच, इज़राइल पर हमले की खबरें आती रहीं। तेल अवीव ने दावा किया कि ट्रम्प द्वारा घोषित युद्धविराम के बाद हुए हमलों में कम से कम तीन लोग मारे गए। समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने बताया कि कतर की मध्यस्थता में यह समझौता हुआ था।

युद्धविराम की बातों के बीच ईरान ने कतर और इराक में अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर भी मिसाइलें दागीं। ट्रम्प ने इन हमलों को “बहुत कमजोर” और ‘अपेक्षित’ प्रतिक्रिया कहकर खारिज कर दिया। उन्होंने दावा किया कि ईरान ने 14 मिसाइलें दागीं, जिनमें से 13 को रोक दिया गया।

इससे पहले, ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने सोशल मीडिया पर एक चुनौतीपूर्ण संदेश पोस्ट किया था। उन्होंने लिखा, “हमने किसी को नुकसान नहीं पहुँचाया। और हम किसी भी परिस्थिति में किसी का उत्पीड़न स्वीकार नहीं करेंगे।”


आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें

  • डोनाल्ड ट्रम्प ने ईरान-इज़राइल युद्धविराम की एकतरफा घोषणा की, जिससे भ्रम की स्थिति पैदा हुई।
  • तेहरान ने पहले इस समझौते से इनकार किया, लेकिन बाद में सैन्य अभियान रोकने के संकेत भी दिए।
  • युद्धविराम की घोषणा के बाद भी इज़राइल पर मिसाइल हमले हुए, जो तनाव को दर्शाता है।
  • अमेरिका ने कतर की मदद से मध्यस्थता की, लेकिन ज़मीनी हालात अनिश्चित बने रहे।
  • यह घटनाक्रम दिखाता है कि ईरान-इज़राइल संघर्ष कितना जटिल है और मध्य पूर्व में तनाव चरम पर है।

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