आख़िर तक – एक नज़र में
- काबुल में एक मस्जिद में हुए विस्फोट में तालिबान के मंत्री खलील रहमान हक्कानी की मौत हो गई।
- खलील हक्कानी हक्कानी नेटवर्क के वरिष्ठ सदस्य और सिराजुद्दीन हक्कानी के चाचा थे।
- तालिबान ने इस हमले के लिए इस्लामिक स्टेट समूह को जिम्मेदार ठहराया है।
- खलील हक्कानी की हत्या के बाद तालिबान के अंदरूनी मतभेद बढ़ने की आशंका है।
- सिराजुद्दीन हक्कानी ने हाल ही में तालिबान के सर्वोच्च नेता की आलोचना की थी।
आख़िर तक – विस्तृत समाचार
काबुल में विस्फोट में तालिबान मंत्री की मौत
तालिबान के कार्यवाहक शरणार्थी मंत्री खलील रहमान हक्कानी बुधवार को काबुल में एक मस्जिद के अंदर हुए विस्फोट में मारे गए। खलील हक्कानी, प्रभावशाली हक्कानी नेटवर्क के एक वरिष्ठ सदस्य थे। वह तालिबान के आंतरिक मंत्री सिराजुद्दीन हक्कानी के चाचा भी थे। खलील हक्कानी अफगानिस्तान के शरणार्थी संकट का प्रबंधन कर रहे थे। यह “तालिबान मंत्री” की मौत तालिबान के लिए एक बड़ा झटका है।
हमले के पीछे इस्लामिक स्टेट
तालिबान के प्रवक्ता ने खलील हक्कानी की हत्या के लिए इस्लामिक स्टेट समूह को जिम्मेदार ठहराया है। हक्कानी के भतीजे अनस हक्कानी ने कहा, “हमने एक बहुत बहादुर मुजाहिद खो दिया है। हम उनके बलिदान को कभी नहीं भूलेंगे।” एक शक्तिशाली विस्फोट मस्जिद परिसर में हुआ, जिसमें खलील हक्कानी के साथ छह अन्य लोगों की भी जान चली गई। यह विस्फोट उस समय हुआ जब खलील हक्कानी दोपहर की नमाज के बाद मस्जिद से बाहर निकल रहे थे।
तालिबान में आंतरिक तनाव
खलील हक्कानी की हत्या से तालिबान के अंदरूनी तनाव बढ़ने की आशंका है। यह घटना सिराजुद्दीन हक्कानी द्वारा तालिबान के सर्वोच्च नेता हिबतुल्लाह अखुंदजादा की नेतृत्व शैली की आलोचना करने के तीन दिन बाद हुई है। सिराजुद्दीन हक्कानी ने एक सार्वजनिक सभा में कहा था, “यह नहीं सोचना चाहिए कि मैं सत्ता में हूं इसलिए सभी को मेरी बात माननी होगी।” यह अप्रत्यक्ष रूप से हिबतुल्लाह की शासन शैली पर एक टिप्पणी थी।
खलील हक्कानी का इतिहास
खलील हक्कानी को पहले संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंध सूची में शामिल किया गया था और अमेरिका ने उन पर आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में 50 लाख डॉलर का इनाम रखा था। 2021 में तालिबान के अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद, उन्हें मंत्री पद संभालने से पहले काबुल की सुरक्षा की देखरेख का काम सौंपा गया था। “तालिबान मंत्री” का यह इतिहास इस घटना को और भी महत्वपूर्ण बनाता है।
तालिबान के भीतर शक्ति संघर्ष
सिराजुद्दीन हक्कानी के नेतृत्व में हक्कानी नेटवर्क का तालिबान पदानुक्रम में महत्वपूर्ण प्रभाव रहा है। हालांकि, हक्कानी गुट और हिबतुल्लाह अखुंदजादा के प्रति वफादार कंधारी नेताओं के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। विश्लेषकों का कहना है कि खलील हक्कानी की हत्या समूह के भीतर बढ़ती शत्रुता का संकेत हो सकती है। एक विशेषज्ञ ने कहा, “यह हिबतुल्लाह द्वारा सिराजुद्दीन हक्कानी को एक चेतावनी हो सकती है, कि असहमति बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”
वैश्विक और राजनीतिक प्रभाव
खलील हक्कानी की हत्या तालिबान के आंतरिक शक्ति संघर्ष में एक महत्वपूर्ण विकास है। तालिबान शासन के तहत अफगानिस्तान की राजनीतिक स्थिरता पहले से ही कमजोर है। इस घटना से शासन के भीतर विभाजन और बढ़ने की आशंका है।
आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें
काबुल विस्फोट में “तालिबान मंत्री” खलील रहमान हक्कानी की मौत हो गई, जिससे तालिबान में आंतरिक तनाव और बढ़ने की आशंका है। यह घटना हक्कानी और कंधारी गुटों के बीच शक्ति संघर्ष का संकेत देती है।
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