आख़िर तक – एक नज़र में
- शंभु बॉर्डर पर पुलिस और किसानों के बीच झड़प में 9 किसान घायल हुए।
- आंसू गैस की गोलाबारी के कारण किसानों ने दिल्ली कूच मार्च स्थगित कर दिया।
- किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी की मांग कर रहे हैं।
- हरियाणा पुलिस ने आंदोलनकारियों की पहचान सत्यापित करने की शर्त रखी।
- पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।
आख़िर तक – विस्तृत समाचार
शंभु बॉर्डर पर संघर्ष
रविवार को पंजाब-हरियाणा के शंभु बॉर्डर पर किसानों और हरियाणा पुलिस के बीच झड़प हुई। पुलिस ने किसानों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल किया। इस दौरान 9 किसानों के घायल होने की खबर है।
दिल्ली कूच मार्च स्थगित
घायलों की स्थिति को देखते हुए किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने घोषणा की कि दिल्ली कूच का मार्च फिलहाल स्थगित रहेगा। उन्होंने कहा, “एक किसान गंभीर हालत में PGI में भर्ती है। हमारी बैठक के बाद अगले कदम पर निर्णय लिया जाएगा।”
पुलिस और किसानों के बीच तकरार
हरियाणा पुलिस ने किसानों से पहचान पत्र दिखाने और सत्यापन की मांग की। इस पर एक किसान ने कहा, “पहचान पत्र तभी देंगे जब हमें दिल्ली जाने की अनुमति दी जाएगी।”
सुरक्षा के सख्त इंतजाम
पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर धारा 163 लागू कर दी गई है। सुरक्षा के तहत चार स्तरीय बैरिकेडिंग और 13 पुलिस टुकड़ियां तैनात की गई हैं।
MSP पर केंद्र से संवाद की मांग
किसान नेता पंधेर ने कहा, “केंद्र सरकार MSP पर कोई कानूनी गारंटी नहीं दे रही है। हम शांतिपूर्ण तरीके से अपना आंदोलन जारी रखेंगे।”
आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें
- शंभु बॉर्डर पर किसान आंदोलन में झड़पें।
- MSP की कानूनी गारंटी की मांग।
- सुरक्षा बढ़ाने के लिए चार स्तरीय बैरिकेडिंग।
- केंद्र सरकार और किसानों के बीच संवाद का अभाव।
- आंदोलन जारी रहेगा।
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