कोलकाता डॉक्टर रेप-मर्डर: अस्पताल में हुई दिल दहलाने वाली घटना

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कोलकाता मेडिकल कॉलेज अधीक्षक डॉक्टर की हत्या के बाद हटाए गए

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 31 वर्षीय ट्रेनिंग डॉक्टर के साथ हुई दिल दहलाने वाली घटना ने पूरे शहर को हिला कर रख दिया है। इस जघन्य अपराध ने स्वास्थ्य संस्थानों में सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

सहायक अधीक्षक की विवादास्पद कॉल
आरजी कर अस्पताल के चेस्ट मेडिसिन विंग के सहायक अधीक्षक ने पीड़ित के परिवार को सूचित किया कि उसने आत्महत्या की है। इस दावे पर संदेह जताया जा रहा है क्योंकि जांच से एक खौफनाक सच्चाई सामने आ रही है। कोलकाता पुलिस ने सहायक अधीक्षक और विभागाध्यक्ष (HoD) को 13 अगस्त को पुलिस मुख्यालय में पूछताछ के लिए बुलाया है।

अस्पताल के अधिकारी जांच के घेरे में
घटना की रात ड्यूटी पर मौजूद सात जूनियर डॉक्टरों, जिनमें इंटर्न, हाउस स्टाफ और पोस्टग्रेजुएट ट्रेनी शामिल थे, से पहले ही पूछताछ की जा चुकी है। सूत्रों के अनुसार, घटना से कुछ घंटे पहले ये डॉक्टर पीड़िता के साथ डिनर कर रहे थे। यह आशंका जताई जा रही है कि आने वाले दिनों में और भी अस्पताल के स्टाफ को पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है।

खोज और गिरफ्तारी
पीड़िता का शव 9 अगस्त की सुबह अस्पताल के सेमिनार हॉल में पाया गया। पुलिस ने इस अपराध के संबंध में एक सिविक वॉलंटियर संजय रॉय को गिरफ्तार किया है। रॉय पर बीएनएस की धारा 64 (बलात्कार) और 103 (हत्या) के तहत आरोप लगाए गए हैं और उन्हें 23 अगस्त तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है।

पोस्टमॉर्टम की खौफनाक जानकारी
एक चार-पृष्ठीय पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से पता चला है कि पीड़िता को कई चोटें आई थीं, जिनमें उसकी निजी अंगों, आंखों और मुंह से खून बह रहा था। रिपोर्ट में यह भी संकेत दिया गया है कि उसके साथ क्रूर यौन उत्पीड़न किया गया था और अंततः उसे गला घोंटकर और दबाकर हत्या की गई थी।

प्रशासनिक असर
घटना के बाद आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में महत्वपूर्ण प्रशासनिक बदलाव हुए हैं। भारी विरोध का सामना कर रहे प्रिंसिपल संदीप घोष ने अपने पद और सरकारी सेवा से इस्तीफा दे दिया है। इसके अलावा, पश्चिम बंगाल सरकार ने मेडिकल अधीक्षक-सह-उप-प्राचार्य संजय वशिष्ठ को हटा दिया है, और छात्र मामलों के डीन बुलबुल मुखोपाध्याय को उनके स्थान पर अतिरिक्त जिम्मेदारियों के साथ नियुक्त किया गया है।

आगे की दिशा
ट्रेनिंग डॉक्टर की इस दुखद मौत ने अस्पतालों में सुरक्षा के सख्त उपायों की आवश्यकता को उजागर किया है। उम्मीद है कि जांच जारी रहेगी और न्याय मिलेगा, और भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सकेगा।


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