मनीष सिसोदिया का बड़ा दावा: ईडी ने उन्हें तोड़ने की कोशिश की

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मनीष सिसोदिया का बड़ा दावा: ईडी ने उन्हें तोड़ने की कोशिश की

आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता और दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने रविवार को जंतर-मंतर पर आयोजित ‘जनता की अदालत’ कार्यक्रम में कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उन्हें मानसिक और राजनीतिक रूप से तोड़ने की कोशिश की थी। उन्होंने बताया कि ईडी ने उनके बैंक खाते फ्रीज कर दिए थे, जिससे उन्हें अपने बेटे की कॉलेज फीस भरने के लिए दूसरों से “भीख” मांगनी पड़ी।

सिसोदिया ने बताया, “जब मैं पत्रकार था, मैंने 2002 में 5 लाख रुपये में एक छोटा सा घर खरीदा था। उन्होंने उस घर को जब्त कर लिया। मेरे खाते में वेतन के 10 लाख रुपये थे, वह भी ईडी ने जब्त कर लिए। मेरे बेटे की कॉलेज फीस के लिए मुझे लोगों से मदद मांगनी पड़ी क्योंकि मेरा बैंक खाता फ्रीज था।”

AAP नेता ने आगे कहा कि ईडी ने उनके साथ मानसिक रूप से अत्याचार किया। उनका मकसद मनीष सिसोदिया को तोड़ना था, लेकिन वह अरविंद केजरीवाल की टीम के वफादार सिपाही हैं और ना टूटे, ना ही डरे।

सिसोदिया को फरवरी 2023 में शराब नीति मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। वह अगस्त 2024 में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद जेल से बाहर आए।

उन्होंने कहा, “बीजेपी ने मुझसे कहा कि केजरीवाल ने मुझे दोषी ठहराया है, लेकिन मैंने उन लोगों से कहा कि कोई रावण लक्ष्मण और राम को अलग नहीं कर सकता। जब तक अरविंद केजरीवाल तानाशाही के खिलाफ लड़ते रहेंगे, मैं उनके साथ लक्ष्मण की तरह खड़ा रहूंगा।”

सिसोदिया ने यह भी कहा कि “रामायण में यदि राम और लक्ष्मण अलग होते और फिर मिलते, तो वे वैसे ही मिलते जैसे हम 13 सितंबर को मिले थे, जब केजरीवाल जेल से बाहर आए।”


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