एनडीए का बहुमत: किरेन रिजिजू का अविश्वास प्रस्ताव पर बयान

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एनडीए का बहुमत: किरेन रिजिजू का अविश्वास प्रस्ताव पर बयान

आख़िर तक – एक नज़र में

  1. कांग्रेस के नेतृत्व वाले इंडिया गठबंधन ने राज्यसभा अध्यक्ष जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया।
  2. केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने इसे एनडीए के बहुमत को चुनौती देने की असफल कोशिश बताया।
  3. रिजिजू ने विपक्ष पर राज्यसभा की गरिमा का अनादर करने का आरोप लगाया।
  4. विपक्ष ने धनखड़ पर पक्षपात और संसदीय नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाया।
  5. यह प्रस्ताव संसद में बढ़ते राजनीतिक तनाव के बीच आया है।

आख़िर तक – विस्तृत समाचार

विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव और एनडीए की प्रतिक्रिया

कांग्रेस के नेतृत्व वाले इंडिया गठबंधन ने मंगलवार को राज्यसभा के अध्यक्ष जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया। इस प्रस्ताव पर 70 से अधिक सांसदों ने हस्ताक्षर किए, जिसमें कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, समाजवादी पार्टी, डीएमके और आरजेडी जैसे दल शामिल हैं। विपक्ष ने धनखड़ पर “पक्षपाती संचालन” और विपक्षी नेताओं के भाषणों में बार-बार हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया।

किरेन रिजिजू का कड़ा बयान

केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने इस प्रस्ताव को खारिज करते हुए विपक्ष पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा, “एनडीए के पास ऊपरी सदन में स्पष्ट बहुमत है। विपक्ष लगातार सदन के अध्यक्ष की गरिमा का उल्लंघन कर रहा है।”

धनखड़ के खिलाफ विपक्ष का आरोप

विपक्ष ने धनखड़ पर व्यक्तिगत टिप्पणियां करने, मल्लिकार्जुन खड़गे जैसे नेताओं के माइक बंद करने और बहस के दौरान पक्षपात करने का आरोप लगाया। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि विपक्ष के पास धनखड़ के व्यवहार पर औपचारिक रूप से अविश्वास प्रस्ताव लाने के अलावा कोई विकल्प नहीं था।

संसद में बढ़ता तनाव

यह प्रस्ताव ऐसे समय में लाया गया है जब संसद में बहसें पहले से ही ध्रुवीकृत हैं। बीजेपी ने हाल ही में कांग्रेस पर अरबपति जॉर्ज सोरोस से जुड़े मीडिया संगठन के साथ संबंध होने का आरोप लगाया, जिससे संसद में भारी हंगामा हुआ।


आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें

  1. विपक्ष ने राज्यसभा अध्यक्ष पर पक्षपात का आरोप लगाते हुए अविश्वास प्रस्ताव पेश किया।
  2. किरेन रिजिजू ने एनडीए के बहुमत का दावा करते हुए विपक्ष की आलोचना की।
  3. यह प्रस्ताव संसद में बढ़ते राजनीतिक तनाव को दर्शाता है।
  4. विपक्ष ने अध्यक्ष के “असंसदीय व्यवहार” की निंदा की।

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आख़िर तक मुख्य संपादक
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