पहलगाम हमला: अमेरिका का रुख, भारत-पाक तनाव बढ़ा

आख़िर तक
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पहलगाम हमला: अमेरिका का रुख, भारत-पाक तनाव बढ़ा

आख़िर तक – एक नज़र में

  • पहलगाम आतंकी हमले के बाद अमेरिका का रुख संतुलित दिख रहा है।
  • डोनाल्ड ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान दोनों से अपनी निकटता व्यक्त की।
  • अमेरिकी अधिकारियों के बयानों में भिन्नता, कुछ ने भारत का कड़ा समर्थन किया।
  • जेडी वेंस और मार्को रुबियो ने भारत-पाकिस्तान तनाव कम करने की अपील की।
  • अमेरिका का रुख दक्षिण एशिया में उसके रणनीतिक हितों को दर्शाता है।

आख़िर तक – विस्तृत समाचार

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पहलगाम हमला और अमेरिका का कूटनीतिक संतुलन

हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है। इस स्थिति में दुनिया की नजरें अमेरिका पर टिकी हैं। पहलगाम हमला अमेरिका रुख को लेकर काफी चर्चा हो रही है। अमेरिका ने इस मामले में एक कूटनीतिक संतुलन बनाने की कोशिश की है। वह किसी एक पक्ष का खुलकर समर्थन करने से बच रहा है। यह रुख तब है जब उम्मीद थी कि ट्रंप 2.0 प्रशासन आतंकवाद के समर्थन पर पाकिस्तान पर दबाव डालेगा। अमेरिका की यह नीति दक्षिण एशिया की जटिल भू-राजनीति को दर्शाती है।

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ट्रंप का सतर्क रवैया

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस मुद्दे पर सधा हुआ बयान दिया। उन्होंने अपने पहले कार्यकाल में कश्मीर पर मध्यस्थता की पेशकश की थी। इस बार वह अधिक सतर्क दिखे। ट्रंप ने कहा कि भारत और पाकिस्तान इस मुद्दे को सुलझा लेंगे। उन्होंने इसे “किसी न किसी तरह” हल करने की बात कही। ट्रंप ने अपनी संतुलित स्थिति पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “मैं भारत के बहुत करीब हूं, और मैं पाकिस्तान के भी बहुत करीब हूं।” पहलगाम हमला अमेरिका रुख पर ट्रंप की टिप्पणी संतुलन साधने वाली थी।

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पाकिस्तान के साथ जटिल संबंध

दक्षिण एशिया में अमेरिकी गणना में पाकिस्तान का महत्व कम हुआ है। इसके बावजूद वाशिंगटन ने इस्लामाबाद से संबंध बनाए रखे हैं। ट्रंप ने विदेशी सहायता पर रोक के बावजूद पाकिस्तान को छूट दी है। सुरक्षा संबंधी छूट में 5.3 बिलियन डॉलर शामिल हैं। उसके F-16 जेट बेड़े के रखरखाव के लिए करीब 400 मिलियन डॉलर मंजूर किए। यह दिलचस्प है क्योंकि पहले ट्रंप ने पाकिस्तान की 1.3 बिलियन डॉलर की सुरक्षा सहायता रोकी थी। उन्होंने पाकिस्तान को आतंकियों की “सुरक्षित पनाहगाह” कहा था। पहलगाम हमला अमेरिका रुख इन जटिल संबंधों की पृष्ठभूमि में देखा जाना चाहिए।

तनाव कम करने की अपील: वेंस और रुबियो

अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने संयमित स्वर अपनाया। वह पहलगाम हमले के समय भारत दौरे पर थे। वेंस ने दिल्ली से संयम बरतने का आग्रह किया। उन्होंने क्षेत्रीय संघर्ष से बचने की सलाह दी। साथ ही, उन्होंने पाकिस्तान से सहयोग करने का आग्रह किया। वेंस ने कहा, “हमारी आशा है कि भारत इस हमले का जवाब संयम से देगा।” उन्होंने पाकिस्तान से आतंकियों पर कार्रवाई में सहयोग की उम्मीद जताई। पहलगाम हमला अमेरिका रुख पर वेंस का बयान सावधानी भरा था।

अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने भी तनाव कम करने पर जोर दिया। उन्होंने भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर और पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ दोनों से बात की। रुबियो ने जयशंकर को आतंकवाद के खिलाफ सहयोग का आश्वासन दिया। उन्होंने शरीफ से हमले की “निंदा” करने को कहा। साथ ही जांच में “सहयोग” करने का आग्रह किया। रुबियो का सीधे पाकिस्तानी पीएम से बात करना स्थिति की गंभीरता दिखाता है। गौरतलब है कि हमले के बाद पाक विदेश और रक्षा मंत्रियों ने भड़काऊ बयान दिए थे। उन्होंने हमले को स्वीकार करने से भी इनकार किया था। मार्को रुबियो का दृष्टिकोण पहलगाम हमला अमेरिका रुख का एक महत्वपूर्ण पहलू है।

भारत का मजबूत समर्थन: हेगसेथ और गबार्ड

अमेरिकी रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ और खुफिया प्रमुख तुलसी गबार्ड का रुख अधिक स्पष्ट था। हेगसेथ ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से बात की। उन्होंने कहा कि अमेरिका भारत के साथ खड़ा है। वह भारत के “आत्मरक्षा के अधिकार का समर्थन” करता है। यह आतंकवाद के खिलाफ भारत सरकार के लिए सबसे स्पष्ट समर्थन था।

तुलसी गबार्ड ने और कड़ा रुख अपनाया। उन्होंने हमले को हिंदुओं को निशाना बनाने वाला बताया। इसे “इस्लामी आतंकवादी हमला” करार दिया। गबार्ड ने ट्वीट किया, “हम इस भयानक हमले के बाद भारत के साथ एकजुटता में खड़े हैं।” उन्होंने कहा, “हम आपके साथ हैं और आपका समर्थन करते हैं।” गबार्ड ने दोषियों को पकड़ने के भारत के प्रयासों का समर्थन किया। इन बयानों ने पहलगाम हमला अमेरिका रुख में भारत समर्थक पक्ष को उजागर किया।

अमेरिका के रणनीतिक हित

अमेरिका का यह संतुलित कार्य अकारण नहीं है। वह दक्षिण एशिया की जटिल भू-राजनीति से वाकिफ है। चीन के बढ़ते दबदबे के बीच हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता अमेरिका के लिए महत्वपूर्ण है। इसलिए, वाशिंगटन अपने रणनीतिक हितों को प्राथमिकता दे रहा है। पहलगाम हमला अमेरिका रुख इसी व्यापक रणनीति का हिस्सा है। अमेरिका भारत-पाकिस्तान तनाव को बढ़ने से रोकना चाहता है। वह क्षेत्र में स्थिरता बनाए रखने का प्रयास कर रहा है।

आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें

  • पहलगाम हमले के बाद अमेरिका भारत-पाकिस्तान के बीच संतुलन साध रहा है।
  • पहलगाम हमला अमेरिका रुख पर ट्रंप सतर्क रहे, दोनों देशों से निकटता जताई।
  • वेंस और रुबियो ने तनाव कम करने की अपील की, पाकिस्तान से सहयोग मांगा।
  • हेगसेथ और गबार्ड ने भारत के आत्मरक्षा के अधिकार का पुरजोर समर्थन किया।
  • अमेरिका का यह कूटनीतिक संतुलन दक्षिण एशिया में उसके रणनीतिक हितों को दर्शाता है।

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आख़िर तक मुख्य संपादक
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