आख़िर तक – एक नज़र में
- राहुल और प्रियंका गांधी को दिल्ली-UP बॉर्डर पर पुलिस ने रोका।
- दोनों नेता हिंसा प्रभावित संभल जाने की कोशिश में थे।
- पुलिस की नाकाबंदी के कारण भारी ट्रैफिक जाम लगा।
- कांग्रेस नेताओं ने इसे “तानाशाही” करार दिया।
- संभल हिंसा के कारण प्रशासन ने बाहरियों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया है।
आख़िर तक – विस्तृत समाचार
घटना की पृष्ठभूमि
राहुल और प्रियंका गांधी, संभल में हुई सांप्रदायिक हिंसा के पीड़ितों से मिलने जा रहे थे। लेकिन, दिल्ली से निकलते ही उन्हें गाज़ीपुर बॉर्डर पर रोक दिया गया। पुलिस ने इस दौरान पूरे रास्ते पर बैरिकेडिंग कर दी, जिससे ट्रैफिक बाधित हुआ।
संबंधित घटनाक्रम
संभल प्रशासन ने आसपास के जिलों को निर्देश दिए थे कि वे कांग्रेस नेताओं को जिला सीमा में न घुसने दें। जिला मजिस्ट्रेट ने बुलंदशहर, अमरोहा, गाज़ियाबाद और गौतम बुद्ध नगर के अधिकारियों को निर्देशित किया था।
कांग्रेस का विरोध
कांग्रेस नेताओं ने इसे लोकतंत्र की हत्या बताया। जयराम रमेश ने कहा, “हम शांति से जा रहे थे, लेकिन हमें रोका गया।” यूपी कांग्रेस प्रमुख अजय राय ने इसे पुलिस का दुरुपयोग बताया।
संभल हिंसा और जांच
संभल हिंसा की जांच में पाकिस्तानी गोलियों के खाली खोल मिले। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए NIA की मदद लेने का निर्णय लिया है।
आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें
- राहुल और प्रियंका गांधी को संभल जाते समय रोका गया।
- ट्रैफिक जाम और कांग्रेस का विरोध चर्चा का विषय बना।
- संभल हिंसा मामले में पाकिस्तानी गोलियों की जांच जारी है।
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