आख़िर तक – एक नज़र में
- समाजवादी पार्टी ने शिवसेना (UBT) के नेता की बाबरी मस्जिद पर टिप्पणी के विरोध में MVA गठबंधन छोड़ने की घोषणा की।
- यह विवाद शिवसेना नेता मिलिंद नार्वेकर के विवादित विज्ञापन और सोशल मीडिया पोस्ट के कारण हुआ।
- नार्वेकर ने बाबरी मस्जिद विध्वंस की 32वीं वर्षगांठ पर एक विवादित पोस्ट साझा की।
- समाजवादी पार्टी के प्रमुख अबु आज़मी ने शिवसेना (UBT) पर भाजपा जैसी विचारधारा अपनाने का आरोप लगाया।
- इस कदम से महाराष्ट्र में विपक्षी गठबंधन की एकजुटता पर सवाल खड़े हो गए हैं।
आख़िर तक – विस्तृत समाचार
शिवसेना नेता की टिप्पणी से भड़की समाजवादी पार्टी
महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी (MVA) गठबंधन को समाजवादी पार्टी के समर्थन वापस लेने से बड़ा झटका लगा है। समाजवादी पार्टी के महाराष्ट्र प्रमुख अबु आज़मी ने शिवसेना (UBT) नेता मिलिंद नार्वेकर के विवादित बयान और विज्ञापन पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा, “अगर कोई गठबंधन का सदस्य इस तरह की भाषा का उपयोग करता है, तो भाजपा और उनमें क्या अंतर है?”
बाबरी मस्जिद विवाद: क्या है मामला?
6 दिसंबर को बाबरी मस्जिद विध्वंस की 32वीं वर्षगांठ पर मिलिंद नार्वेकर ने एक अखबार में विज्ञापन दिया और सोशल मीडिया पर पोस्ट साझा किया। इस पोस्ट में शिवसेना संस्थापक बाल ठाकरे के बयान, “मुझे गर्व है उन पर जिन्होंने यह किया” को उद्धृत किया गया। इसके साथ ही उद्धव ठाकरे और आदित्य ठाकरे की तस्वीरें भी शामिल थीं।
गठबंधन में बढ़ती दरारें
अबु आज़मी ने कहा कि MVA में समन्वय की कमी लंबे समय से रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि समाजवादी पार्टी को टिकट वितरण या अन्य रणनीतियों में शामिल नहीं किया गया।
“हमसे किसी भी तरह का समन्वय नहीं किया गया और न ही टिकट वितरण में हमारी राय ली गई,” आज़मी ने कहा।
विपक्षी एकता पर संकट
MVA पहले से ही भाजपा-नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन के खिलाफ कमजोर स्थिति में है। समाजवादी पार्टी के गठबंधन से बाहर होने से विपक्षी एकता पर बड़ा प्रभाव पड़ सकता है।
दूसरे नेताओं की प्रतिक्रिया
एनसीपी नेता सुप्रिया सुले ने इस मामले पर चिंता व्यक्त की और कहा कि वह समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव से बातचीत करेंगी।
“हम इस मुद्दे को सुलझाने की पूरी कोशिश करेंगे,” उन्होंने कहा।
आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें
- बाबरी मस्जिद पर शिवसेना (UBT) नेता की टिप्पणी से समाजवादी पार्टी नाराज।
- समाजवादी पार्टी ने MVA गठबंधन छोड़ने का ऐलान किया।
- गठबंधन में समन्वय की कमी के आरोप।
- विपक्षी एकता पर संकट।
- सुप्रिया सुले और कांग्रेस ने इस विवाद को सुलझाने का भरोसा दिया।
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