केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने NEET-UG 2024 पेपर लीक मामले में आधे जले हुए प्रश्न पत्रों की बरामदगी के कारण महत्वपूर्ण प्रगति की है। इस खोज ने मामले की तह तक पहुंचने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे कई गिरफ्तारियां हुईं और अपराध में शामिल व्यापक नेटवर्क का पर्दाफाश हुआ।
परिचय: NEET-UG 2024 पेपर लीक एक महत्वपूर्ण मुद्दा रहा है, जिसमें भ्रष्टाचार और कदाचार के आरोप लगे हैं। इस मामले के बारे में CBI के पहले आधिकारिक बयान में खुलासा किया गया कि प्रश्न पत्रों को झारखंड के हजारीबाग स्थित ओएसिस स्कूल से अवैध रूप से एक्सेस किया गया था। जांच में स्कूल के प्रिंसिपल और उप प्रिंसिपल सहित अन्य सहयोगियों की संलिप्तता एक महत्वपूर्ण खोज थी।
आधे जले हुए प्रश्न पत्रों की खोज: CBI ने आधे जले हुए NEET प्रश्न पत्रों के टुकड़े बरामद किए। ये कागजात एक महत्वपूर्ण सुराग साबित हुए, जिससे जांचकर्ताओं को लीक की उत्पत्ति का पता लगाने में मदद मिली। CBI ने पुष्टि की कि पेपर 5 मई, 2024 को, परीक्षा से कुछ घंटे पहले एक्सेस किए गए थे। पंकज कुमार, जिन्हें आदित्य या साहिल के नाम से भी जाना जाता है, की संलिप्तता की पहचान की गई। पंकज कुमार ने CBI के साथ सहयोग करने से इनकार कर दिया था, लेकिन कागजात की बरामदगी के बाद उनकी संलिप्तता स्पष्ट हो गई।
अपराध का तरीका: जांच से पता चला कि पंकज कुमार और स्कूल के अधिकारियों ने अवैध रूप से NEET प्रश्न पत्रों को एक्सेस किया था। उन्होंने इन पेपरों को उन उम्मीदवारों के लिए उपलब्ध कराया जिन्होंने बड़ी राशि का भुगतान किया। CBI ने जांच के दौरान ₹42 लाख नकद और आठ मोबाइल फोन जब्त किए, जो इस ऑपरेशन के पैमाने को दर्शाता है। रिपोर्ट के अनुसार, प्रश्न पत्रों को डाउनलोड किया गया और उन उम्मीदवारों को वितरित किया गया जिन्होंने उत्तर के लिए भुगतान करने की पेशकश की।
गिरफ्तारियां और कानूनी कार्रवाई: CBI की जांच के कारण पंकज कुमार और अन्य सहयोगियों को गिरफ्तार किया गया। एजेंसी ने पुष्टि की कि पेपर राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) से प्राप्त किए गए थे और निर्धारित परीक्षा समय से पहले एक्सेस नहीं किए जाने चाहिए थे। इस लीक ने संवेदनशील परीक्षा सामग्री को संभालने के लिए सुरक्षा उपायों के बारे में सवाल उठाए हैं। CBI ने आश्वासन दिया है कि जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी, और गिरफ्तारियां और कानूनी कार्रवाइयां होंगी।
शिक्षा प्रणाली के लिए निहितार्थ: NEET पेपर लीक ने परीक्षा प्रणाली में गंभीर कमजोरियों को उजागर किया है। CBI की खोजों ने प्रक्रिया की अखंडता और इस तरह के लीक को सक्षम करने में अंदरूनी लोगों की संभावित संलिप्तता के बारे में चिंताएं बढ़ा दी हैं। अपराध में स्कूल के अधिकारियों की संलिप्तता ने शिक्षकों की नैतिक मानकों को बनाए रखने में भूमिका के बारे में व्यापक चर्चा भी की है।
निष्कर्ष: आधे जले हुए प्रश्न पत्रों की खोज ने जांच में एक महत्वपूर्ण मोड़ ला दिया है, जिसने CBI को गिरफ्तारियां करने और लीक में शामिल नेटवर्क का पर्दाफाश करने के लिए आवश्यक साक्ष्य प्रदान किए हैं। जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी, यह भ्रष्टाचार की सीमा और इसमें शामिल व्यक्तियों के बारे में अधिक जानकारी का पता लगाने की उम्मीद है। इस मामले का भारत में प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं के संचालन और उनकी अखंडता सुनिश्चित करने के उपायों के लिए महत्वपूर्ण निहितार्थ है।
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