पूजा खेडकर के पिता को महाराष्ट्र सरकार के कर्मचारी के रूप में दो बार निलंबित किया गया
विवादास्पद आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर के पिता दिलीप खेडकर को महाराष्ट्र सरकार के कर्मचारी रहते हुए दो बार निलंबित किया गया था। इंडिया टुडे टीवी द्वारा प्राप्त दस्तावेजों में दिखाया गया कि रिश्वत और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों के कारण ये निलंबन किए गए थे।
दिलीप खेडकर ने 2023 में महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एमपीसीबी) के निदेशक के रूप में सेवानिवृत्ति ली थी। उनका करियर गंभीर आरोपों से घिरा रहा, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें पहले 2018 में और फिर 2020 में फिर से निलंबित कर दिया गया। ये निलंबन महाराष्ट्र सिविल सेवा (आचरण) नियम और महाराष्ट्र सिविल सेवा (अनुशासन और अपील) नियमों, साथ ही महाराष्ट्र जल (रोकथाम और प्रदूषण नियंत्रण) नियमों के तहत किए गए थे।
आरोपों का विस्तृत विवरण
दिलीप खेडकर के खिलाफ आरोपों का विस्तृत विवरण उनके कार्यकाल के दौरान भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी की गंभीरता को स्पष्ट रूप से दर्शाता है।
मुंबई क्षेत्रीय कार्यालय की घटनाएँ
मुंबई क्षेत्रीय कार्यालय में अपने कार्यकाल के दौरान, दिलीप खेडकर पर 300-400 छोटे उद्यमियों ने आरोप लगाया था कि उन्होंने व्यापार मालिकों को अनावश्यक परेशानी पहुंचाई और अवैध रूप से धन की वसूली की। इस मामले को अक्टूबर 2015 में राज्य के मंत्री ने मुख्यमंत्री के पास शिकायत के रूप में भेजा था। इस प्रकार की घटनाओं से खेडकर की छवि पर गंभीर प्रभाव पड़ा और उनकी विश्वसनीयता पर सवाल उठने लगे।
कोल्हापुर क्षेत्रीय कार्यालय की घटनाएँ
मार्च 2018 में, कोल्हापुर क्षेत्रीय कार्यालय में, कोल्हापुर सॉ मिल और टिम्बर मर्चेंट ने आरोप लगाया कि खेडकर ने बिजली और पानी की आपूर्ति बहाल करने के लिए रिश्वत मांगी, जिसमें क्रमशः 25,000 रुपये और 50,000 रुपये की मांग की गई। यह शिकायत भ्रष्टाचार निरोधक शाखा के उप पुलिस अधीक्षक के पास दर्ज की गई थी।
मार्च 2019 में, सोना एलॉयज़ प्राइवेट लिमिटेड ने खेडकर पर 50,000 रुपये की अधिक रिश्वत देने से मना करने के कारण उत्पीड़न का आरोप लगाया। सुप्रभा पॉलिमर और पैकेजिंग ने भी उन पर 20 लाख रुपये की रिश्वत मांगने का आरोप लगाया, जिसे बाद में 13 लाख रुपये पर समझौता किया गया। इन घटनाओं ने खेडकर की छवि को और धूमिल कर दिया और उनकी निलंबन की प्रक्रिया को मजबूती दी।
संपत्ति और संपत्ति विवरण
दिलीप खेडकर की संपत्तियों का विवरण भी चर्चा में रहा। उन्होंने 2024 के लोकसभा चुनाव में अपनी संपत्तियों और 40 करोड़ रुपये की संपत्ति की घोषणा की थी। इसमें मुंबई, पुणे, पुणे ग्रामीण और अहमदनगर में कई संपत्तियाँ शामिल थीं। उनकी संपत्ति की इस विशाल मात्रा ने उनके आय के स्रोतों पर प्रश्न खड़े कर दिए और उनकी वित्तीय गतिविधियों की जांच को और अधिक गहरा बना दिया।
पूजा खेडकर के विवाद
पूजा खेडकर, जो एक प्रबोधक आईएएस अधिकारी हैं, पर विकलांगता प्रमाण पत्रों को फर्जी बनाने का आरोप लगा, जिससे वह सिविल सेवा परीक्षा में उत्तीर्ण हो सकें। इस आरोप ने खेडकर परिवार को एक बार फिर से चर्चा में ला दिया। इसके अलावा, पूजा की मां मनोरमा का एक पुराना वीडियो, जिसमें वे एक किसान पर बंदूक तानते हुए दिखाई दे रही थीं, वायरल हो गया, जिसने परिवार की छवि को और अधिक धूमिल कर दिया।
वर्तमान स्थिति और भविष्य की कार्यवाही
वर्तमान में, पूजा खेडकर का महाराष्ट्र में आईएएस प्रशिक्षण रोक दिया गया है। लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (एलबीएसएनएए), मसूरी ने उनके recall के आदेश दिए हैं। उनके alleged fraudulent activities की जांच जारी है, जबकि उनके पिता के चारों ओर के विवाद सिविल सेवाओं के भीतर की नैतिक चुनौतियों की एक stark reminder बने हुए हैं।
विभागीय जाँच और निष्कर्ष
दिलीप खेडकर के खिलाफ की गई विभागीय जाँचों ने उनके कार्यकाल के दौरान किए गए भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी के कृत्यों को उजागर किया। इन जाँचों ने न केवल खेडकर के करियर को समाप्त कर दिया बल्कि सिविल सेवाओं में पारदर्शिता और ईमानदारी की आवश्यकता को भी बल दिया।
संपत्ति और करियर पर असर
दिलीप खेडकर की संपत्तियों की विस्तृत जाँच ने उनके आर्थिक स्रोतों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए। उनकी संपत्ति की विशालता ने उनके कार्यकाल के दौरान उनकी वित्तीय गतिविधियों को संदेह के घेरे में ला दिया। इन आरोपों ने न केवल उनकी छवि को नुकसान पहुँचाया बल्कि उनके करियर को भी समाप्त कर दिया।
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