उत्तर प्रदेश के गोंडा स्टेशन के पास डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस पटरी से उतरने के कारण हुई त्रासदी में कई लोग घायल हुए और चार लोगों की जान चली गई। चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस के छह डिब्बे पटरी से उतर गए, जिससे अफरा-तफरी मच गई और बड़े पैमाने पर बचाव अभियान शुरू हुआ। इस लेख में इस घटना, इसके परिणाम और चल रही जांच का विस्तृत विवरण दिया गया है।
घटना का विवरण
चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस, जो बुधवार रात 11.35 बजे चंडीगढ़ स्टेशन से रवाना हुई थी, असम के डिब्रूगढ़ जा रही थी। गुरुवार सुबह उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में मोटीगंज और झिलाही रेलवे स्टेशनों के बीच यह पटरी से उतर गई। इस दुर्घटना में चार लोगों की जान चली गई और कम से कम 20 अन्य घायल हो गए।
तत्काल प्रतिक्रिया और बचाव कार्य
रेलवे विभाग के शीर्ष अधिकारी तुरंत मौके पर पहुंचे और बचाव कार्य की निगरानी की। बचाव दल, जिसमें 15 एम्बुलेंस और 40 चिकित्सा कर्मी शामिल थे, स्थल पर पहुंचे। इसके अलावा, राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) को भी बचाव कार्यों में सहायता के लिए तैनात किया गया। उनकी त्वरित कार्रवाई ने आगे की हानि को कम करने और घायलों को तत्काल चिकित्सा सहायता प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
प्रत्यक्षदर्शियों के बयान और जीवित बचे लोगों की कहानियाँ
जो यात्री इस दुर्घटना में बच गए, उन्होंने अपने भयावह अनुभवों को साझा किया। कई लोगों ने ट्रेन के पटरी से उतरने से पहले जोरदार धमाके जैसी आवाज सुनी। अफरा-तफरी के बावजूद, ट्रेन के लोको पायलट सुरक्षित रहे और जांचकर्ताओं को महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करने में सक्षम रहे। उनके बयान इस घटना के क्रम को समझने में महत्वपूर्ण हैं।
आधिकारिक बयान और जांच
गोंडा जिला मजिस्ट्रेट नेहा शर्मा, जो दुर्घटनास्थल पर मौजूद थीं, ने आठ डिब्बों के पटरी से उतरने की पुष्टि की और चार लोगों के मारे जाने की रिपोर्ट दी। उन्होंने बचाव कार्यों में स्थानीय समुदाय के समर्थन की प्रशंसा की। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी संवेदना व्यक्त की और अधिकारियों को राहत कार्यों में तेजी लाने और घायलों को तत्काल चिकित्सा सहायता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।
संभावित कारण और जांच का फोकस
प्रारंभिक रिपोर्टों में तोड़फोड़ की संभावना का सुझाव दिया गया था क्योंकि पटरी से उतरने से पहले जोरदार धमाके जैसी आवाज सुनी गई थी। रेलवे इस कोण सहित अन्य कोणों की गहन जांच कर रहा है ताकि दुर्घटना के कारणों का पता लगाया जा सके। जांचकर्ता संभावित यांत्रिक विफलताओं और पटरी की स्थिति की भी जांच कर रहे हैं, जो पटरी से उतरने में योगदान कर सकते हैं।
रेल सेवाओं पर प्रभाव
पटरी से उतरने के कारण रेल सेवाओं में भारी व्यवधान उत्पन्न हुआ। दो ट्रेनें रद्द कर दी गईं और 11 अन्य को मोड़ दिया गया। रेलवे ने यात्रियों और उनके परिवारों को अपने प्रियजनों का पता लगाने और उनके साथ संवाद करने में मदद के लिए विभिन्न स्टेशनों के लिए हेल्पलाइन नंबर स्थापित किए। ये हेल्पलाइन नंबर प्रभावित लोगों को समय पर जानकारी और सहायता प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
सामुदायिक समर्थन और राहत प्रयास
स्थानीय निवासियों ने प्रारंभिक बचाव प्रयासों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, घायलों को सहायता और सांत्वना प्रदान की। संकट के समय उनके त्वरित प्रतिक्रिया और बचाव दलों के साथ सहयोग ने समुदाय की दृढ़ता और एकजुटता को उजागर किया। जिला प्रशासन ने यह सुनिश्चित करने के लिए स्थानीय अस्पतालों के साथ भी समन्वय किया कि घायलों को सर्वोत्तम संभव देखभाल मिले।
डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस का पटरी से उतरना रेलवे यात्रा से जुड़े संभावित खतरों और कड़े सुरक्षा उपायों के महत्व की एक गंभीर याद दिलाता है। जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी, भविष्य में ऐसी त्रासदियों को रोकने के लिए दुर्घटना के मूल कारण की पहचान करना महत्वपूर्ण है। रेलवे और राज्य प्राधिकरण पीड़ितों और उनके परिवारों को समर्थन प्रदान करने और ट्रेन सेवाओं की सुरक्षा और विश्वसनीयता सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
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