7 अक्टूबर को संभावित बड़े हमले का डर: इजरायल और हमास का संघर्ष
7 अक्टूबर को इजरायल पर हुए हमले की पहली वर्षगांठ को लेकर लोग एक बड़े हमले की आशंका जता रहे हैं। इस दिन इजरायल में हमास के आतंकियों ने हमला किया था, जिसमें कई इजरायली नागरिकों की मौत हुई थी। इस दिन की महत्वपूर्णता इस तथ्य से भी बढ़ जाती है कि यह यम किपुर युद्ध की 50वीं वर्षगांठ है।
इजरायल की सरकार ने 3 अक्टूबर को एक तस्वीर साझा की, जिसमें हमले में मारे गए परिवारों का दर्द झलकता है। इस तस्वीर में देखा जा सकता है कि कैसे परिवार के सदस्य इस आतंकवादी हमले के कारण शोक में हैं। वहीं, अल जज़ीरा ने एक रिपोर्ट में कहा कि पिछले एक वर्ष में इजरायल ने गाजा पट्टी में सबसे अधिक बच्चों की हत्या की है।
इस संघर्ष में इमेज और प्रतीकवाद की महत्वपूर्ण भूमिका है। जैसे-जैसे 7 अक्टूबर की तारीख नजदीक आ रही है, इस दिन की प्रतीकात्मकता बढ़ती जा रही है।
यम किपुर युद्ध का महत्व:
1973 में यम किपुर के दिन जब इजराइल अपने धार्मिक त्योहार में व्यस्त था, तब अरब देशों ने एक आश्चर्यजनक हमला किया था। इस युद्ध में इजराइल ने अमेरिका की मदद से जीत हासिल की थी और यह युद्ध अरब-इजरायल संघर्ष का एक महत्वपूर्ण मोड़ था।
विशेषज्ञों का मानना है कि इराक के हमले का उद्देश्य इजराइल और सऊदी अरब के बीच समझौते को विफल करना था। अक्टूबर 7 की तारीख को लेकर लोगों का मानना है कि यह दिन एक बार फिर से संघर्ष का कारण बन सकता है।
इजराइल ने हाल ही में कुछ विस्फोट किए हैं, जो इस बात का संकेत हो सकते हैं कि वे पहले से तैयार हैं। प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा है, “इजराइल अपनी रक्षा के लिए हर संभव प्रयास करेगा।”
लोगों में इस दिन को लेकर डर है कि यह एक बड़े हमले का कारण बन सकता है, लेकिन वास्तविकता यह है कि युद्ध की रणनीति और उसके प्रभाव ही महत्वपूर्ण होते हैं।
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