डिजिटल अरेस्ट फ्रॉड से बचाव: पीएम मोदी की सलाह

आख़िर तक
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कांग्रेस की पोल खुली: पीएम मोदी का हमला खड़गे की नसीहत पर

आखिर तक – संक्षेप में

  1. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने “डिजिटल अरेस्ट” घोटाले से जनता को बचने के लिए तीन चरण की रणनीति सुझाई।
  2. उनका संदेश: “इंतजार करें, सोचें, और फिर कदम उठाएं” – धोखाधड़ी से सुरक्षित रहने के लिए।
  3. उन्होंने राष्ट्रीय साइबर हेल्पलाइन (1930) पर रिपोर्ट करने का भी सुझाव दिया।

आखिर तक – विस्तार से

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को “डिजिटल अरेस्ट” नामक साइबर घोटाले को लेकर लोगों को आगाह किया। इस घोटाले में अपराधी कानून प्रवर्तन अधिकारियों का रूप धारण कर लोगों को गिरफ्तारी का डर दिखाते हैं, जिससे लोग उनके द्वारा मांगी गई राशि का भुगतान करने पर मजबूर हो जाते हैं। मोदी जी ने अपने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में बताया कि “डिजिटल अरेस्ट” जैसी किसी प्रणाली का अस्तित्व कानून में नहीं है। यह केवल धोखा है और समाज के दुश्मन ऐसा कर रहे हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि ऐसे अपराधों से निपटने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें साथ मिलकर काम कर रही हैं।

प्रधानमंत्री ने एक तीन चरण की विधि का सुझाव दिया:

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  • इंतजार करें – कॉल मिलने पर घबराएं नहीं। शांत रहें और कोई भी जानकारी साझा न करें। यदि संभव हो, तो स्क्रीनशॉट लें और कॉल रिकॉर्ड करें।
  • सोचें – कोई भी सरकारी एजेंसी आपको फोन पर या वीडियो कॉल के माध्यम से धमकी नहीं देती। अगर आपको डर महसूस हो, तो समझें कि यह धोखाधड़ी है।
  • कदम उठाएं – 1930 पर नेशनल साइबर हेल्पलाइन पर कॉल करें, आधिकारिक पोर्टल पर घटना की रिपोर्ट करें और परिवार व पुलिस को सूचित करें।

मोदी जी ने यह भी बताया कि राष्ट्रीय साइबर समन्वय केंद्र स्थापित किया गया है, जिससे विभिन्न एजेंसियों के बीच समन्वय किया जा सके।


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आख़िर तक मुख्य संपादक
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