बांग्लादेश में चल रहे कोटा विरोध प्रदर्शन बड़े संकट में तब्दील हो गए हैं, जिसमें अब तक 19 लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों घायल हो गए हैं। यह स्थिति, जो 1 जुलाई से शुरू हुई थी, ने ढाका, चटगाँव, रंगपुर और कुमिल्ला सहित कई शहरों में दैनिक जीवन को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। यहां इस संकट की जानकारी विस्तार से दी गई है:
- 19 की मौत, गुरुवार को 7 सहित: हिंसक झड़पों में अब तक 19 लोगों की जान जा चुकी है, जिनमें से गुरुवार को अकेले ढाका में छह मौतें हुईं। बहद्दरहाट, चटगाँव में झड़पों में दो मौतें और 50 घायलों की सूचना है। एक पत्रकार और एक छात्र की मौत ने अशांति को और बढ़ा दिया।
- स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय बंद: बढ़ती हिंसा के जवाब में, बांग्लादेश के शिक्षा मंत्रालय ने देश भर में शैक्षणिक संस्थानों को बंद करने की घोषणा की है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने सभी सार्वजनिक और निजी विश्वविद्यालयों, मेडिकल कॉलेजों और संबद्ध संस्थानों को अगले आदेश तक बंद रखने का आदेश दिया है।
- कोटा विरोध से ट्रेन, मेट्रो सेवाएं प्रभावित: विरोध प्रदर्शनों ने प्रमुख शहरों में ट्रेन और मेट्रो सेवाओं को बाधित कर दिया है। ढाका, मयमनसिंह, खुलना और चटगाँव में नाकेबंदी ने यात्रा में महत्वपूर्ण व्यवधान पैदा कर दिया है। ढाका मेट्रो ने व्यापक हिंसा के कारण परिचालन निलंबित कर दिया।
- बांग्लादेश में मोबाइल इंटरनेट पहुंच में बाधा: मोबाइल इंटरनेट सेवाओं पर गंभीर असर पड़ा है, जिससे उपयोगकर्ता सोशल मीडिया का उपयोग करने या डेटा सेवाओं का उपयोग करने में असमर्थ हैं। 16 जुलाई से सभी विश्वविद्यालयों में 4जी नेटवर्क बंद है, हालांकि 2जी सेवाएं नियमित कॉल के लिए उपलब्ध हैं।
- टीवी स्टेशन में आग, कई लोग फंसे: गुरुवार दोपहर को प्रदर्शनकारियों ने दक्षिण ढाका के रामपुरा में बांग्लादेश टेलीविजन केंद्र में आग लगा दी। आग लगने के कारण कई लोग अंदर फंस गए थे। स्थिति गंभीर बनी हुई है, जिसमें भवन और बाहर के वाहनों को भारी नुकसान हुआ है।
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