आख़िर तक – एक नज़र में
- अमेरिकी अरबपति जॉर्ज सोरोस के बेटे एलेक्स सोरोस ने बांग्लादेश के कार्यवाहक प्रमुख मुहम्मद युनूस से मुलाकात की।
- यह बैठक ट्रंप प्रशासन द्वारा बांग्लादेश की विदेशी सहायता रोकने के कुछ दिनों बाद हुई।
- दोनों की यह दूसरी मुलाकात थी, इससे पहले अक्टूबर 2024 में न्यूयॉर्क में बैठक हुई थी।
- बैठक में आर्थिक सुधार, मीडिया स्वतंत्रता और रोहिंग्या संकट पर चर्चा हुई।
- सोरोस की ओपन सोसाइटी फाउंडेशन पर वैश्विक राजनीति को प्रभावित करने के आरोप लगते रहे हैं।
आख़िर तक – विस्तृत समाचार
ट्रंप प्रशासन द्वारा बांग्लादेश को विदेशी फंडिंग रोकने के बाद बैठक
अमेरिकी अरबपति जॉर्ज सोरोस के बेटे और ओपन सोसाइटी फाउंडेशन (OSF) के चेयरमैन एलेक्स सोरोस ने हाल ही में बांग्लादेश के कार्यवाहक प्रमुख मुहम्मद युनूस से मुलाकात की। यह बैठक ऐसे समय में हुई जब डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने बांग्लादेश को दी जाने वाली विदेशी सहायता को रोक दिया।
बांग्लादेशी मीडिया के अनुसार, इस मुलाकात में आर्थिक सुधार, मीडिया स्वतंत्रता, संपत्ति रिकवरी, साइबर सुरक्षा कानून और रोहिंग्या संकट जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई। बैठक के दौरान, OSF अध्यक्ष बीनाीफर नोरोजी भी मौजूद थीं।
तीन महीने में दूसरी मुलाकात
यह बैठक एलेक्स सोरोस और युनूस की दूसरी मुलाकात थी। इससे पहले, अक्टूबर 2024 में न्यूयॉर्क में दोनों की मुलाकात हुई थी, जब युनूस ने बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के पतन के बाद कार्यवाहक प्रमुख का पद संभाला था।
एलेक्स सोरोस ने युनूस को “मेरे पिता के पुराने मित्र” बताया था। युनूस, जो माइक्रोफाइनेंस और सामाजिक कार्यों के लिए जाने जाते हैं, का जॉर्ज सोरोस से आर्थिक संबंध भी रहा है।
ओपन सोसाइटी फाउंडेशन और राजनीतिक प्रभाव
OSF पर पूर्वी यूरोप, मध्य पूर्व और लैटिन अमेरिका में सत्ता परिवर्तन को बढ़ावा देने के आरोप लगते रहे हैं।
बांग्लादेश में भी शेख हसीना की सत्ता से बेदखली के पीछे OSF की भूमिका को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं। हसीना ने पहले आरोप लगाया था कि अमेरिका बांग्लादेश में अस्थिरता को बढ़ावा दे रहा है, हालांकि उन्होंने इस बारे में विस्तृत जानकारी नहीं दी थी।
भारत में भी चर्चा में जॉर्ज सोरोस
हाल ही में, जॉर्ज सोरोस का नाम भारत में भी कई विवादों से जुड़ा रहा है। उनके द्वारा वित्तपोषित संगठनों पर अडानी ग्रुप से जुड़े घोटालों को उजागर करने के आरोप लगे थे।
इसके अलावा, बीजेपी ने कांग्रेस नेता सोनिया गांधी पर भी सोरोस से जुड़े संगठनों से संबंध रखने का आरोप लगाया था। भारत में OSF की गतिविधियां सरकारी नीतियों के आलोचकों को समर्थन देने के लिए विवादों में रही हैं।
आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें
- एलेक्स सोरोस और मुहम्मद युनूस की बैठक ट्रंप प्रशासन की फंडिंग रोकने के कुछ दिन बाद हुई।
- दोनों तीन महीने में दूसरी बार मिले, इससे पहले अक्टूबर 2024 में न्यूयॉर्क में बैठक हुई थी।
- बैठक में आर्थिक सुधार, मीडिया स्वतंत्रता और रोहिंग्या संकट पर चर्चा हुई।
- OSF पर कई देशों में सत्ता परिवर्तन को प्रभावित करने के आरोप लगे हैं।
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