बांग्लादेश कोटा विरोध में हिंसा के कारण 240 से अधिक भारतीय लौटे

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बांग्लादेश कोटा विरोध के घातक बनने पर 970 से अधिक भारतीय लौटे

बांग्लादेश में सरकारी नौकरी के कोटा के खिलाफ विरोध हिंसक हो गए हैं, जिसके परिणामस्वरूप 240 से अधिक भारतीय नागरिक लौट आए हैं। इस लेख में हम विरोधों की बढ़ती स्थिति, इसके कारणों और भारतीय सरकार द्वारा अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के प्रयासों का विश्लेषण करेंगे।

विरोधों की पृष्ठभूमि:

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बांग्लादेश में विरोध, मुख्य रूप से छात्रों द्वारा, शेख हसीना के नेतृत्व वाली सरकार के नौकरी कोटा प्रणाली के खिलाफ हैं। यह प्रणाली सरकारी नौकरियों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा कुछ समूहों के लिए आरक्षित करती है, जिसे प्रदर्शनकारी भेदभावपूर्ण मानते हैं और कहते हैं कि यह मेधावी उम्मीदवारों को सरकारी पद प्राप्त करने से रोकता है। बांग्लादेश के उच्च न्यायालय द्वारा इन कोटा को फिर से बहाल करने के फैसले ने व्यापक प्रदर्शनों को ट्रिगर किया है।

प्रतिक्रिया और सरकार का जवाब:

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प्रदर्शनकारियों और पुलिस तथा अर्धसैनिक बलों के बीच संघर्ष के कारण 64 लोगों की मौत हो चुकी है। सार्वजनिक सभाओं पर प्रतिबंध के बावजूद हिंसा बढ़ती जा रही है। बांग्लादेशी अधिकारियों ने सभी सार्वजनिक और निजी शैक्षणिक संस्थानों को अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया है, जिससे कई छात्रों का जीवन बुरी तरह से प्रभावित हुआ है।

भारतीय नागरिकों की निकासी:

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भारतीय सरकार ने बांग्लादेश से 240 भारतीय नागरिकों, जिनमें 125 छात्र शामिल हैं, की वापसी की व्यवस्था की है। विदेश मंत्रालय (MEA) ने स्थिति की बारीकी से निगरानी की है और स्थानीय अधिकारियों के साथ मिलकर भारतीय नागरिकों के सुरक्षित मार्ग को सुनिश्चित करने का काम किया है। ढाका में भारतीय उच्चायोग ने इन प्रयासों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

व्यक्तिगत अनुभव:

लौटने वालों में असिफ हुसैन भी शामिल हैं, जो माणिकगंज जिले के एक मेडिकल छात्र हैं, जो ढाका से लगभग 50 किलोमीटर दूर है। हुसैन ने सुरक्षा एस्कॉर्ट के तहत भारत-बांग्लादेश सीमा तक की अपनी यात्रा को एक कठिन अनुभव बताया। हिंसा से सीधे प्रभावित न होने के बावजूद, उन्होंने और 80 अन्य भारतीय छात्रों ने सीमा तक यात्रा करने के लिए निजी टैक्सियों का सहारा लिया, जहां उन्हें और देरी का सामना करना पड़ा।

संचार नेटवर्क पर प्रभाव:

विरोधों ने बांग्लादेश में संचार नेटवर्क को भी गंभीर रूप से प्रभावित किया है, कई क्षेत्रों में मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को काट दिया गया है। इससे भारतीय नागरिकों के लिए सूचित रहना और अपने परिवारों से संपर्क करना चुनौतीपूर्ण हो गया है।

MEA की सलाह और हेल्पलाइन:

MEA ने बांग्लादेश में भारतीय नागरिकों को अनावश्यक यात्रा से बचने और घर के अंदर रहने की सलाह जारी की है। भारतीय नागरिकों की सहायता के लिए कई हेल्पलाइन सक्रिय की गई हैं और परिवारों को स्थिति की नियमित जानकारी प्रदान की जा रही है।

विस्तृत प्रभाव:

बांग्लादेश में सरकारी नौकरी के कोटा विरोधों ने व्यापक सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों को उजागर किया है। भारतीय सरकार की अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की त्वरित प्रतिक्रिया अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के महत्व को रेखांकित करती है।

बांग्लादेश में सरकारी नौकरी के कोटा के खिलाफ हिंसक विरोधों के कारण 240 से अधिक भारतीय नागरिक लौट आए हैं। यह स्थिति अंतर्निहित सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों को संबोधित करने की आवश्यकता को रेखांकित करती है और संकट के समय में सभी नागरिकों की सुरक्षा और सुरक्षा सुनिश्चित करने की आवश्यकता को उजागर करती है।


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