मणिपुर में राष्ट्रपति शासन | Aakhir Tak

आख़िर तक
4 Min Read
मणिपुर में राष्ट्रपति शासन | Aakhir Tak

आख़िर तक – एक नज़र में

  1. मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू किया गया, क्योंकि बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद भाजपा उत्तराधिकारी चुनने में विफल रही।
  2. संविधान के अनुच्छेद 174(1) के अनुसार, राज्य विधानसभा को अपनी पिछली बैठक के छह महीने के भीतर बुलाना अनिवार्य है।
  3. राज्यपाल अजय भल्ला ने बजट सत्र रद्द कर दिया, जो सोमवार से शुरू होने वाला था।
  4. बीरेन सिंह ने अविश्वास प्रस्ताव और फ्लोर टेस्ट से पहले इस्तीफा दे दिया।
  5. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि बीरेन सिंह का इस्तीफा भाजपा को बचाने के लिए था, मणिपुर के लोगों के लिए नहीं।

आख़िर तक – विस्तृत समाचार

- विज्ञापन -

मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया है। बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद, भाजपा उत्तराधिकारी चुनने में विफल रही, जिसके चलते यह कदम उठाया गया। राष्ट्रपति शासन की यह स्थिति राजनीतिक अनिश्चितता को दर्शाती है। बीरेन सिंह का इस्तीफा कई दिनों से चल रही राजनीतिक उथल-पुथल के बाद आया है।

राजनीतिक संकट की पृष्ठभूमि

- विज्ञापन -

मणिपुर में राजनीतिक संकट की शुरुआत मई 2023 में हुई जातीय हिंसा के बाद हुई। विपक्ष लगातार बीरेन सिंह को हटाने की मांग कर रहा था। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि सिंह का इस्तीफा भाजपा को बचाने के लिए था, मणिपुर के लोगों के लिए नहीं। कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने इस फैसले को “देर से उठाया गया कदम” बताया, जबकि गौरव गोगोई ने कहा कि भाजपा के पास राज्य में शांति बहाल करने के लिए कोई रोडमैप नहीं है।

संवैधानिक बाध्यताएँ

- विज्ञापन -

संविधान के अनुच्छेद 174(1) के अनुसार, राज्य विधानसभा को अपनी पिछली बैठक के छह महीने के भीतर बुलाना अनिवार्य है। मणिपुर में अंतिम विधानसभा सत्र 12 अगस्त, 2024 को आयोजित किया गया था, जिसके अनुसार बुधवार को अगली बैठक की समय सीमा थी। हालांकि, राज्यपाल अजय भल्ला ने बजट सत्र रद्द कर दिया, जो सोमवार से शुरू होने वाला था। इस राजनीतिक संकट के कारण संवैधानिक बाध्यताओं का पालन करना मुश्किल हो गया।

सुप्रीम कोर्ट की भूमिका

मणिपुर के मुख्यमंत्री का इस्तीफा सुप्रीम कोर्ट द्वारा लीक हुए ऑडियो क्लिप की प्रामाणिकता पर एक सीलबंद कवर फोरेंसिक रिपोर्ट मांगने के कुछ दिनों बाद आया, जिसमें सिंह की जातीय हिंसा में भूमिका का आरोप लगाया गया था। राहुल गांधी ने सिंह के इस कदम के कारणों में से एक के रूप में सुप्रीम कोर्ट की जांच का हवाला दिया। यह राष्ट्रपति शासन ऐसे समय पर लगाया गया है, जब राज्य में तनाव चरम पर है।

आगे क्या?

अब, राष्ट्रपति शासन के तहत, केंद्र सरकार राज्य का प्रशासन संभालेगी। राज्यपाल अजय भल्ला केंद्र सरकार के प्रतिनिधि के रूप में कार्य करेंगे। राज्य में शांति और स्थिरता बहाल करना सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती होगी। यह देखना होगा कि सरकार इस चुनौती का सामना कैसे करती है।

आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें

मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू, बीरेन सिंह का इस्तीफा और भाजपा का उत्तराधिकारी चुनने में विफल रहना मुख्य कारण हैं। संवैधानिक बाध्यताओं और सुप्रीम कोर्ट की जांच ने स्थिति को और जटिल बना दिया। यह राजनीतिक संकट मणिपुर के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण है।


Discover more from पाएं देश और दुनिया की ताजा खबरें

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

author avatar
आख़िर तक मुख्य संपादक
Share This Article
Leave a Comment

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

शून्य निवेश में टॉप 7 स्टार्टअप हाइपरलूप: दिल्ली से जयपुर 30 मिनट में