नीट-यूजी परीक्षा दोबारा नहीं होगी: सुप्रीम कोर्ट

आख़िर तक
4 Min Read
सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता अस्पताल को डॉक्टर हत्या मामले में फटकारा

सुप्रीम कोर्ट ने प्रणालीगत प्रश्न पत्र लीक के अपर्याप्त सबूतों का हवाला देते हुए नीट-यूजी परीक्षा दोबारा कराने की मांग को खारिज कर दिया। इस फैसले का प्रभाव 24 लाख छात्रों पर पड़ेगा जिन्होंने परीक्षा दी थी।

सुप्रीम कोर्ट का निर्णय

मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच ने प्रश्न पत्र लीक और अन्य कदाचारों के कारण नीट-यूजी परीक्षा की दोबारा मांग करने वाली याचिकाओं का मूल्यांकन किया। बेंच ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) और आईआईटी मद्रास की रिपोर्ट का निरीक्षण किया, जो बड़े पैमाने पर पेपर लीक का संकेत नहीं देती हैं।

- विज्ञापन -

अपर्याप्त सबूत

मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने कहा कि परीक्षा परिणामों के उल्लंघन या नीट-यूजी की पवित्रता के प्रणालीगत उल्लंघन का संकेत देने के लिए पर्याप्त सामग्री का अभाव है। उन्होंने कहा कि दोबारा परीक्षा कराने से छात्रों और चिकित्सा शिक्षा प्रणाली पर महत्वपूर्ण प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।

पुनः परीक्षा के परिणाम

कोर्ट ने स्वीकार किया कि दोबारा परीक्षा से प्रवेश कार्यक्रम में व्यवधान उत्पन्न हो सकता है, चिकित्सा शिक्षा पर प्रभाव पड़ सकता है, और भविष्य में योग्य चिकित्सा पेशेवरों की उपलब्धता पर असर पड़ सकता है। इसने यह भी नोट किया कि दोबारा परीक्षा से उन हाशिए के छात्रों को नुकसान हो सकता है जिन्हें सीट आवंटन में आरक्षण नीतियों का लाभ मिलता है।

- विज्ञापन -

स्थानीयकृत प्रश्न पत्र लीक की घटनाएं

कोर्ट ने हज़ारीबाग और पटना में स्थानीयकृत प्रश्न पत्र लीक की घटनाओं का खंडन नहीं किया, जो 155 छात्रों को प्रभावित करती हैं। हालाँकि, इसने जोर देकर कहा कि ये घटनाएं प्रणालीगत उल्लंघन का गठन नहीं करती हैं।

सीबीआई जांच

सुप्रीम कोर्ट ने पेपर लीक की सीबीआई जांच का हवाला दिया। इसने कहा कि पिछले आदेश में यूनियन को 571 शहरों में 4,750 केंद्रों के परिणामों का विश्लेषण करने की आवश्यकता थी। आईआईटी मद्रास के विश्लेषण ने कोई महत्वपूर्ण असामान्यताएं नहीं दिखाई, जो पुनः परीक्षा के खिलाफ निर्णय का समर्थन करती हैं।

- विज्ञापन -

भविष्य की कार्रवाइयाँ

कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यदि सीबीआई जांच से पेपर लीक के अधिक लाभार्थियों का पता चलता है, तो उनके खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी। बेंच ने नीट पेपर में दो सही विकल्प वाले प्रश्न पर भी चिंताओं का समाधान किया, और एनटीए को परिणामों को पुनः संशोधित करने का निर्देश दिया।

सरकार की प्रतिक्रिया

सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया, जिसमें छात्रों के कल्याण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता पर जोर दिया। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि सरकार ने छात्रों के भविष्य के साथ किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ को रोकने को प्राथमिकता दी और कोर्ट के निर्णय का समर्थन किया जिसने नीट-यूजी के मूल परिणामों को बरकरार रखा।


केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, "सत्यमेव जयते"
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा सत्यमेव जयते

सुप्रीम कोर्ट का नीट-यूजी पुनः परीक्षा के खिलाफ निर्णय प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं की अखंडता बनाए रखने के महत्व को रेखांकित करता है।


Discover more from पाएं देश और दुनिया की ताजा खबरें

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

author avatar
आख़िर तक मुख्य संपादक
Share This Article
3 Comments

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

करवा चौथ: महत्व और उत्सव खोया हुआ मोबाइल कैसे ढूंढे: आसान और तेज़ तरीके