बिहार विधानसभा ने सरकारी भर्ती परीक्षाओं में प्रश्न पत्र लीक और अन्य कदाचार को रोकने के लिए एक विधेयक पारित किया है। बिहार सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) विधेयक, 2024, ऐसे गतिविधियों में शामिल लोगों के लिए कठोर सजा का प्रस्ताव करता है।
पृष्ठभूमि:
यह नया कानून राज्य के संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी द्वारा पेश किया गया था। विपक्ष के वॉकआउट के बीच इसे ध्वनि मत से पारित किया गया।
मुख्य प्रावधान:
विधेयक प्रतियोगी परीक्षाओं में कदाचार, जिसमें प्रश्न पत्र लीक शामिल हैं, को लक्षित करता है। इसमें दोषी पाए जाने पर तीन से पांच साल की जेल और 10 लाख रुपये के जुर्माने का प्रावधान है।
संदर्भ:
बिहार कई परीक्षा-संबंधी विवादों के केंद्र में रहा है, जिसमें हाल ही में NEET 2024 प्रश्न पत्र लीक शामिल है। यह विधेयक राज्य के परीक्षा प्रक्रियाओं की सत्यता सुनिश्चित करने के प्रयासों का हिस्सा है।
विपक्ष की प्रतिक्रिया:
विधेयक पारित होने के दौरान विपक्ष ने विधानसभा से वॉकआउट किया, इसकी कार्यान्वयन और संभावित दुरुपयोग पर चिंता जताई।
सरकार का रुख:
सरकार का मानना है कि विधेयक अनुचित प्रथाओं को रोकने और निष्पक्ष भर्ती प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है। यह जोर देती है कि प्रतियोगी परीक्षाओं की विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए कड़े उपाय जरूरी हैं।
बिहार सार्वजनिक परीक्षा विधेयक सरकारी भर्ती परीक्षाओं में कदाचार को रोकने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इसके सख्त प्रावधान अनुचित साधनों में शामिल होने से व्यक्तियों को हतोत्साहित करने और परीक्षा प्रक्रिया की सत्यता की रक्षा करने का लक्ष्य रखते हैं।
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