अमन सेहरावत ने पेरिस ओलंपिक में कांस्य पदक जीता, भारत का पहला कुश्ती पदक

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अमन सेहरावत ने पेरिस ओलंपिक में कांस्य पदक जीता, भारत का पहला कुश्ती पदक

अमन सेहरावत ने शुक्रवार को पेरिस 2024 ओलंपिक में भारत का पहला कुश्ती पदक जीतकर इतिहास रच दिया। उन्होंने पुरुषों की 57 किग्रा श्रेणी में डेरियन टोई क्रूज़ को 13-5 से हराकर कांस्य पदक अपने नाम किया। यह जीत पेरिस खेलों में भारत का पांचवां कांस्य पदक है और यह भारत की कुश्ती की मजबूत परंपरा को जारी रखता है।

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अमन सेहरावत की 57 किग्रा श्रेणी में इस जीत ने उन्हें भारत के ओलंपिक कुश्ती पदक विजेताओं की सूची में शामिल कर दिया है, जिसमें केडी जाधव, सुशील कुमार, योगेश्वर दत्त, साक्षी मलिक, बजरंग पुनिया और रवि दहिया शामिल हैं। उनके पदक तक पहुंचने का सफर शानदार प्रदर्शन से भरा हुआ था, जिसमें उन्होंने राउंड ऑफ 16 में उत्तर मैसेडोनिया के व्लादिमिर एगोरॉव को 10-0 से और क्वार्टरफाइनल में अल्बानिया के ज़ेलिमखान अबाकानोव को 12-0 से हराया।

अमन ने डेरियन टोई क्रूज़ को मात दी

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कांस्य पदक के मैच में अमन सेहरावत ने अद्भुत कौशल और संकल्प का प्रदर्शन किया। डेरियन टोई क्रूज़ ने अमन को खेल क्षेत्र से बाहर धकेल कर पहले अंक की शुरुआत की। हालांकि, अमन ने तेजी से स्थिति को अपने पक्ष में बदलते हुए क्रूज़ की टांग को लॉक कर दो अंक हासिल किए। मैच के पहले हाफ में दोनों पहलवानों ने तेजी से अंक बनाए, जिसमें अमन ने ब्रेक पर 4-3 की बढ़त बना ली।

दूसरे हाफ में अमन ने अपने प्रयासों को तेज किया, क्रूज़ को लॉक कर तीन अंकों की बढ़त बनाई। क्रूज़ के चोटिल होने के बावजूद अमन ने अपनी बढ़त को बढ़ाते हुए 13-5 की निर्णायक जीत दर्ज की, जिससे पेरिस ओलंपिक में भारतीय कुश्ती में महत्वपूर्ण सफलता हासिल हुई।

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कौन हैं अमन सेहरावत?

16 जुलाई 2003 को हरियाणा के झज्जर में जन्मे अमन सेहरावत का जीवन कठिनाई और संकल्प से भरा रहा है। कम उम्र में ही अपने दोनों माता-पिता को खोने के बाद, अमन ने कुश्ती में solace पाया, एक खेल जिसे उन्होंने दृढ़ निश्चय के साथ अपनाया। कोच ललित कुमार के मार्गदर्शन में अमन ने जल्दी ही प्रगति की और 2021 में अपना पहला राष्ट्रीय चैम्पियनशिप खिताब जीता।

अमन की सफलता का सिलसिला जारी रहा, जहां उन्होंने 2022 के एशियाई खेलों में 57 किग्रा श्रेणी में कांस्य पदक और कज़ाखस्तान में 2023 एशियाई कुश्ती चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीता। 2024 में, अमन ने ज़ाग्रेब ओपन कुश्ती टूर्नामेंट में स्वर्ण पदक जीतकर अपनी प्रतिष्ठा को और मजबूत किया। उनका सफर उनके दृढ़ संकल्प और अपने परिवार की विरासत को सम्मानित करने की इच्छा का प्रमाण है।

पेरिस ओलंपिक में अमन सेहरावत के प्रदर्शन ने न केवल भारत को गौरवान्वित किया, बल्कि उनके संघर्ष और सफलता की कहानी से असंख्य व्यक्तियों को प्रेरित किया। उनकी यात्रा इस बात का प्रमाण है कि दृढ़ संकल्प और चरित्र की ताकत के साथ, दुनिया के मंच पर महानता प्राप्त की जा सकती है।


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