आख़िर तक – एक नज़र में
- संसद में पेश आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 ने भारत की आर्थिक स्थिति और भविष्य की संभावनाओं को रेखांकित किया।
- सर्वेक्षण में ‘विकसित भारत’ लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए 8% वार्षिक GDP वृद्धि की आवश्यकता बताई गई।
- भारत की GDP FY28 तक 5 ट्रिलियन डॉलर और FY30 तक 6.3 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने की संभावना है।
- कृषि क्षेत्र में 3.5% की वृद्धि दर दर्ज की गई, जबकि खाद्य मुद्रास्फीति अभी भी एक चुनौती बनी हुई है।
- AI के बढ़ते प्रभाव से नौकरियों पर असर पड़ सकता है, जिससे संतुलित नीति की जरूरत बताई गई।
आख़िर तक – विस्तृत समाचार
‘विकसित भारत’ लक्ष्य और आर्थिक वृद्धि
आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 के अनुसार, भारत 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने के लक्ष्य पर केंद्रित है। इसके लिए अगले दो दशकों तक औसतन 8% वार्षिक GDP वृद्धि दर बनाए रखना आवश्यक होगा। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के अनुमानों के अनुसार, भारत की अर्थव्यवस्था FY28 तक 5 ट्रिलियन डॉलर और FY30 तक 6.3 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच सकती है।
स्थिर GDP वृद्धि के संकेत
सर्वेक्षण ने 6.3% से 6.8% के बीच GDP वृद्धि का अनुमान लगाया है, जो IMF के 6.5% वार्षिक वृद्धि के पूर्वानुमान से मेल खाता है। यह वृद्धि दर नेशनल स्टैटिस्टिक्स ऑफिस (NSO) के 6.4% के अनुमान से अधिक है।
कृषि क्षेत्र में सकारात्मक रुझान
भारतीय कृषि क्षेत्र ने Q2 FY25 में 3.5% की वृद्धि दर्ज की। खरीफ खाद्यान्न उत्पादन 1,647.05 लाख मीट्रिक टन तक पहुंच गया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 5.7% अधिक है। सामान्य मानसून और जलाशयों में पर्याप्त जल स्तर के चलते रबी फसल बुवाई में वृद्धि हुई है, जिससे खाद्य मुद्रास्फीति कम होने की उम्मीद है।
मुद्रास्फीति: एक बड़ी चुनौती
हालांकि समग्र मुद्रास्फीति में गिरावट आई है, लेकिन खाद्य कीमतों में उतार-चढ़ाव चिंता का विषय बना हुआ है। उपभोक्ता खाद्य मूल्य सूचकांक (CFPI) FY24 के 7.5% से बढ़कर FY25 (अप्रैल-दिसंबर) में 8.4% हो गया। टमाटर, प्याज और आलू की कीमतों में अस्थिरता इसके प्रमुख कारण हैं।
कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और नौकरियों पर प्रभाव
सर्वेक्षण में चेतावनी दी गई है कि AI उत्पादकता को बढ़ा सकता है, लेकिन यह श्रम प्रधान अर्थव्यवस्था के लिए जोखिम भी बन सकता है। IMF ने आगाह किया कि AI से जुड़े मुनाफों पर कर लगाने की जल्दबाजी आर्थिक वृद्धि को नुकसान पहुंचा सकती है। सरकार, निजी क्षेत्र और शिक्षाविदों के बीच सहयोग से संतुलित नीति अपनाने की सलाह दी गई है।
आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें
- ‘विकसित भारत’ लक्ष्य के लिए 8% GDP वृद्धि आवश्यक।
- IMF के अनुसार, FY30 तक भारत की अर्थव्यवस्था 6.3 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच सकती है।
- कृषि क्षेत्र में मजबूती, लेकिन खाद्य मुद्रास्फीति चिंता का विषय।
- AI से नौकरियों पर प्रभाव पड़ सकता है, संतुलित नीतियों की आवश्यकता।
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