सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को शुक्रवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) केस में जमानत दे दी, जिससे आम आदमी पार्टी (AAP) को हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले एक बड़ा राहत मिल सकता है। केजरीवाल को कथित शराब नीति घोटाले में छह महीने पहले गिरफ्तार किया गया था। अब उन्हें जमानत मिलने से पार्टी के अंदर एक नया उत्साह आ गया है।
दोनों जजों ने अलग-अलग लेकिन सहमति से फैसला सुनाया, लेकिन इस बात पर एकमत थे कि मामले का ट्रायल निकट भविष्य में समाप्त होने की संभावना नहीं है। जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि लंबी कैद “स्वतंत्रता के अन्यायपूर्ण वंचन” के बराबर है, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि केजरीवाल की गिरफ्तारी कानूनी रूप से सही थी। वहीं जस्टिस उज्ज्वल भुयान ने CBI की गिरफ्तारी को “अनुचित” करार दिया।
केजरीवाल ने तिहाड़ जेल में रहते हुए घर का बना खाना खाया, और उनकी स्वास्थ्य स्थिति सामान्य रही। CBI ने कोर्ट में कहा कि शराब नीति घोटाले से प्राप्त बड़ी रकम का इस्तेमाल 2022 के गोवा विधानसभा चुनाव में किया गया। इसके विरोध में, वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने दलील दी कि केजरीवाल की गिरफ्तारी “बीमा गिरफ्तारी” थी, जिससे उन्हें जेल में रखा जा सके।
इस फैसले के बाद, केजरीवाल के रिहा होने से AAP को हरियाणा विधानसभा चुनाव में मजबूती मिलेगी, जहां पार्टी बीजेपी और उसके गठबंधन INDIA ब्लॉक को चुनौती देने की तैयारी कर रही है।
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