भारत में बढ़ रही पुरुष बांझपन की समस्या, स्पर्म फ्रीजिंग क्यों हो रही लोकप्रिय?

आख़िर तक
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भारत में बढ़ रही पुरुष बांझपन की समस्या, स्पर्म फ्रीजिंग क्यों हो रही लोकप्रिय?

आख़िर तक – एक नज़र में

  1. भारत में पुरुष बांझपन के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, जो 40-50% प्रजनन समस्याओं का कारण है।
  2. प्रदूषण, तनाव, खराब जीवनशैली और देर से शादी जैसे कारक पुरुष प्रजनन क्षमता को प्रभावित कर रहे हैं।
  3. स्पर्म फ्रीजिंग एक प्रभावी तकनीक है जो पुरुषों को भविष्य में पितृत्व का विकल्प सुरक्षित रखने में मदद करती है।
  4. भारत में स्पर्म फ्रीजिंग की लागत ₹8,000 से ₹10,000 प्रति वर्ष है, जो इसे सुलभ बनाती है।
  5. समाज में पुरुष बांझपन को लेकर मौजूद कलंक के बावजूद, यह तकनीक तेजी से लोकप्रिय हो रही है।

आख़िर तक – विस्तृत समाचार

पुरुष बांझपन: एक बढ़ती चुनौती

भारत में पुरुष बांझपन के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, यदि एक वर्ष तक असुरक्षित संबंध के बाद भी गर्भधारण न हो, तो इसे बांझपन माना जाता है। भारत में यह समस्या 40-50% प्रजनन समस्याओं का कारण है, जबकि वैश्विक स्तर पर यह आंकड़ा 15% है।

कारण: जीवनशैली और पर्यावरण

डॉ. दुर्गा जी. राव, ओएसिस फर्टिलिटी के सह-संस्थापक, के अनुसार, प्रदूषण, कीटनाशक, खाद्य पदार्थों में मिलावट और तनाव जैसे कारक पुरुष प्रजनन क्षमता को प्रभावित कर रहे हैं। डॉ. शीतल जिंदल, जिंदल आईवीएफ के वरिष्ठ सलाहकार, ने बताया कि देर से शादी, मोटापा, धूम्रपान और शराब का सेवन भी इसके प्रमुख कारण हैं।

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स्पर्म फ्रीजिंग: एक समाधान

स्पर्म फ्रीजिंग, जिसे स्पर्म क्रायोप्रिजर्वेशन भी कहा जाता है, पुरुषों को भविष्य में पितृत्व का विकल्प सुरक्षित रखने में मदद करती है। यह तकनीक उन पुरुषों के लिए विशेष रूप से उपयोगी है जो कैंसर जैसी बीमारियों का इलाज करा रहे हैं या जिनकी जीवनशैली उनकी प्रजनन क्षमता को प्रभावित कर सकती है।

प्रक्रिया और लागत

स्पर्म फ्रीजिंग की प्रक्रिया में स्पर्म के नमूने को क्रायोप्रोटेक्टेंट के साथ मिलाकर -196°C पर संग्रहित किया जाता है। यह प्रक्रिया भारत में ₹8,000 से ₹10,000 प्रति वर्ष की लागत पर उपलब्ध है, जो इसे सुलभ बनाती है।

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समाज में कलंक

भारत में पुरुष बांझपन को लेकर गहरी सामाजिक कलंक की भावना है। डॉ. जिंदल के अनुसार, “पुरुषों की प्रजनन क्षमता को मर्दानगी से जोड़कर देखा जाता है, जिससे वे इस तरह के उपचार से दूर भागते हैं।”


आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें

  1. भारत में पुरुष बांझपन के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।
  2. प्रदूषण, तनाव और खराब जीवनशैली इसके प्रमुख कारण हैं।
  3. स्पर्म फ्रीजिंग पुरुषों को भविष्य में पितृत्व का विकल्प सुरक्षित रखने में मदद करती है।
  4. भारत में स्पर्म फ्रीजिंग की लागत ₹8,000 से ₹10,000 प्रति वर्ष है।
  5. समाज में पुरुष बांझपन को लेकर मौजूद कलंक के बावजूद, यह तकनीक लोकप्रिय हो रही है।

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आख़िर तक मुख्य संपादक
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