आखिर तक – इन शॉर्ट्स:
- कनाडा ने Australia Today पर तब प्रतिबंध लगाया जब उन्होंने एस. जयशंकर की प्रेस कांफ्रेंस प्रसारित की।
- भारत ने इसे असहमति पर रोक और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला कहा।
- ऑस्ट्रेलिया में जयशंकर ने भारत-कनाडा राजनयिक संबंधों पर टिप्पणी की थी।
- प्रेस कांफ्रेंस में भारत और ऑस्ट्रेलिया के संबंधों पर भी चर्चा हुई।
- भारत ने कनाडा के फैसले को लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ बताया।
आखिर तक – इन डेप्थ:
कनाडा ने Australia Today नामक मीडिया आउटलेट पर प्रतिबंध लगाया है। यह प्रतिबंध उस समय लगाया गया जब आउटलेट ने भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर की प्रेस कांफ्रेंस का प्रसारण किया। इस प्रेस कांफ्रेंस में जयशंकर ने भारत-कनाडा राजनयिक संबंधों पर खुलकर टिप्पणी की थी।
कनाडा का यह फैसला तब सामने आया जब ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में एक संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस के दौरान जयशंकर और उनकी ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष पेनी वोंग ने भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच गहरे संबंधों और सहयोग पर विचार साझा किए। इसमें जयशंकर ने कनाडा पर अपनी चिंताओं को स्पष्ट किया, जो मुख्य रूप से भारत के खिलाफ कनाडा के कुछ फैसलों से जुड़ी थीं।
भारत ने कनाडा के इस प्रतिबंध पर तुरंत प्रतिक्रिया दी। भारत ने इस कदम को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला बताते हुए कहा कि यह लोकतांत्रिक मूल्यों का उल्लंघन है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह कदम कनाडा की स्वतंत्रता की प्रतिबद्धता को कमजोर करता है और यह “हिपोक्रेसी” का उदाहरण है।
कनाडा और भारत के बीच पिछले कुछ समय से तनाव बढ़ा है, जिसमें कई मुद्दे शामिल हैं। यह प्रतिबंध कनाडा के लोकतांत्रिक मूल्यों पर सवाल खड़ा करता है। भारत के अनुसार, यह घटनाक्रम दिखाता है कि कनाडा अपने अधिकारों का सम्मान केवल तब तक करता है जब तक कि वह उसके पक्ष में हो।
कनाडा के इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए, भारत ने कहा कि इस प्रकार की कार्रवाइयां वैश्विक स्तर पर कनाडा की छवि को नुकसान पहुंचा सकती हैं। भारत ने इसे दोहरे मापदंड का उदाहरण बताया और कहा कि कनाडा को असहमति की आवाजों को शांत करने की बजाय लोकतांत्रिक आदर्शों का पालन करना चाहिए।
याद रखने योग्य मुख्य बिंदु:
- कनाडा ने Australia Today पर प्रतिबंध लगाया जब उन्होंने एस. जयशंकर की प्रेस कांफ्रेंस प्रसारित की।
- भारत ने इसे लोकतांत्रिक मूल्यों और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला कहा।
- यह घटना भारत-कनाडा संबंधों में चल रहे तनाव को और बढ़ा सकती है।
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