आख़िर तक – शॉर्ट्स में
- विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारतीय राजदूत पर निशाना साधने पर कनाडा सरकार की आलोचना की।
- जयशंकर ने कनाडा की राजनीति में एक छोटे समूह की भूमिका पर सवाल उठाए।
- भारत ने अपने कई कूटनीतिज्ञों को वापस बुलाकर और कुछ कनाडाई राजनयिकों को निष्कासित कर जवाब दिया।
आख़िर तक – विस्तार से
कनाडा और भारत के बीच कूटनीतिक तनाव फिर से उभर आया है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कनाडा सरकार द्वारा भारतीय उच्चायुक्त संजय वर्मा और अन्य राजदूतों को ‘दिलचस्पी के लोग’ कहने की कड़ी आलोचना की। पुणे में एक कार्यक्रम के दौरान, जयशंकर ने भारत की संप्रभुता और अखंडता पर जोर दिया और कनाडाई अधिकारियों से अधिक समझदारी, शांति, और जिम्मेदारी की उम्मीद जताई।
जयशंकर ने कहा, “कनाडाई सरकार द्वारा हमारे उच्चायुक्त और राजदूतों को निशाना बनाने का तरीका पूरी तरह अस्वीकार्य है।” भारत ने पहले भी कनाडा में संगठित अपराध को लेकर चिंता जताई थी, जो जयशंकर के अनुसार, लंबे समय से “अनुकूल वातावरण” के कारण अनसुनी रही।
भारत ने जवाबी कार्रवाई करते हुए अपने उच्चायुक्त वर्मा और अन्य पांच राजदूतों को वापस बुलाया, साथ ही दिल्ली में छह कनाडाई राजनयिकों को निष्कासित कर दिया। इस घटनाक्रम के बाद ओटावा ने संभावित प्रतिबंधों के संकेत दिए, जिसे जयशंकर ने बेबुनियाद और नुकसानदेह बताया।
जयशंकर ने कहा कि कनाडा में एक “छोटा समूह” राजनीतिक मंच पर प्रमुखता हासिल कर रहा है, जो दोनों देशों के रिश्तों और कनाडा के लिए भी हानिकारक है। साथ ही उन्होंने भारत की वैश्विक कूटनीति और रूस-यूक्रेन विवाद पर भूमिका का भी उल्लेख किया, जिसमें भारत ने अपनी तटस्थता को प्रमुखता दी।
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